Shubhakaran’s death in farmers’ movement : परिजनों को पंजाब सरकार देगी 1 करोड़ का मुआवजा ,हरियाणा सरकार क्या देगी ?

पिछले काफी दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में किसान अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। बीते बुधवार को किसानों ने दिल्ली कूच करने का प्रयास किया जिसमे पुलिस प्रशाशन की तरफ से आसू गैस के गोले दागे गए। वहीं बात करे खनौरी बॉर्डर कि तो वहां के हालत भी ज़्यदा ठीक नहीं थे एक तरफ किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने का प्रयास कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ कुछ किसान खनौरी बॉर्डर पर दिल्ली मार्च के दौरान हुई हिंसा में किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी. इसके बाद किसानों ने अपने साथी के लिए मुआवजे की मांग की थी और शव के पोस्टमार्टम पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद पंजाब के सीएम भगवत मान ने शुभकरण सिंह के परिवार 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी बहन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। ऐसे में कई बड़े सवाल खड़े होते नज़र आ रहे है। एक तरफ तो पंजाब सरकार किसान के परिवार को मदद कर के सहानभूति दिखा रही है तो वहीं दूसरी तरफ हरियाणा सरकार किसानों पे मुकदमे दर्ज करने की तैयारी में है। बता दें कि किसानों ने साथ ही उन्हें शहीद का दर्जा देने की भी मांग की थी. इतना ही नहीं शुभकरण की मौत के खिलाफ आज SKM काला दिवस मना रही है. गौरतलब है कि किसान अभी भी शंभु और खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे हुए हैं. इसके बाद शुक्रवार शाम तक किसान नेता सरवन सिंह पंढेर आगे की कार्य योजना बताएंगे. 21 फरवरी को हुई हिंसा के बाद किसानों ने दो दिन के सीज फायर का ऐलान किया है.इस पर ये भी बाते चल रही है कि एक तरफ पंजाब सरकार मदद करने के लिए आगे नजर आ रही है तो वहीं दूसरी तरफ
हरियाणा सरकार किसानो पर ही आरोप लगा रही है। जिस पर अब राजनीति ने रुख मोड़ लिया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री भगवत मान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी… दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी… पंजाब सरकार द्वारा शुभकरण के परिवार को मुआवजा दिए जाने के बाद उनके शव के पोस्टमार्टम की संभावना जताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक शुभकरण के परिवार के पास 2 एकड़ जमीन है. उनकी मां की मृत्यु हो चुकी है और उनके पिता मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं. उनकी दो बहनें भी हैं. इनमें से एक बहन की शादी हो चुकी है औ एक बहन अभी अपनी पढ़ाई पूरी कर रही है. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी बहन की शादी कराने के लिए कर्ज भी लिया था. ऐसे में किसानों का अगला कदम क्या होगा क्योंकी आने वाले दिनों में किसान एक बार फिर से अपनी बात रखने का प्रयास करेंगे। देखना ये होगा की केंद्र सरकार किसानों की बात को मानती है या आगे भी कोई बड़े आंदोलन का आगाज़ होगा।

  • Related Posts

    पार्टी को बचाने के लिए क्या नवीन हो रहे बीजेपी में शामिल ?

    लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और एनडीए को कुनबा बढ़ाने में जुटी है। इस बीच ओडिशा सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी भाजपा के संग जुड़ने की खबरें चल रही…

    किसान आज रेल रोकेंगे, चंडीगढ़ में सरकार के साथ मीटिंग:किसान नेता बोले- केंद्र को आवाज सुननी पड़ेगी,

    किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ के साथ ही पंजाब में गुरुवार को रेलगाड़ियां रोकने का ऐलान कर दिया है। अभी तक इस आंदोलन से दूर चल रहे भारतीय किसान यूनियन एकता…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 5 views
     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 5 views
    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 6 views
    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 6 views
    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 4 views
    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 8 views
    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस