चुनाव आयोग ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सावर्जनिक मंचों पर लगाए गये उन आरोपों को साबित करने और सबूत पेश करने को कहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग ने भाजपा के इशारे पर लगभग सभी यूपी विधानसभा क्षेत्रों में यादव और मुस्लिम समुदायों के मतदाताओं के 20,000 नाम जानबूझकर हटा दिये गय हैं।
चुनाव आयोग ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सबूत पेश करने के लिए 10 नवम्बर तक का समय दिया है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि इतनी बड़ी संख्या में नाम हटाये जाने का विधानसभा वार डेटा पेश करें ताकि जरूरी कार्रवाई की जा सके। 29 सितम्बर को लखनऊ में हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव को तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव गया था।
इस सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा था कि राज्य चुनाव आयोग ने उत्त प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट से यादव और मुस्लिम मतदाताओं के करीब 20-20 हजार नाम हटा दिये हैं। राज्य के इलेक्शन डिपार्टमेंट ने यह काम बीजेपी के इशारे पर किया है। अगर इसकी जांच हो तो पता चल जाएगा कि किनके नाम हटा दिये गये हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत के चुनाव आयोग ने सबसे ज्यादा निराश किया है।