अभिजीत पाण्डेय
पटना । राजनीति में परिवारवाद के सबसे बड़े संरक्षणकर्ता पालनकर्ता और पोषणकर्ता ही परिवारवाद पर लंबा-चौड़ा प्रवचन देते हैं और कथित विरासत वाली पार्टियों की बदौलत ही आज सरकार और सियासत सांस ले पा रही है। उनकी कथनी और करनी के इस अंतर को हमारे महान देश की महान जनता बखूबी समझती है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो लगातार अपनी चुनावी सभाओं में लालू परिवार पर आक्रमक रहे, लेकिन अब केंद्र में वापस मोदी सरकार के गठन में मंत्रियों के पद बंटवारे में परिवारवाद को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है।
पहले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पर हमला बोला। वहीं, अब बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाजपा के परिवारवाद को लेकर कड़ी टिप्पणी की है।
तेजस्वी यादव ने एक्स हैंडल पर लिखा कि राजनीति में परिवारवाद के सबसे बड़े संरक्षणकर्ता, पालनकर्ता और पोषणकर्ता ही परिवारवाद पर लंबा-चौड़ा प्रवचन देते हैं। कथित विरासत वाली पार्टियों की बदौलत ही आज उनकी सरकार और सियासत सांस ले पा रही है। उनकी कथनी और करनी के इस अंतर को हमारे महान देश की महान जनता बखूबी समझती है।
अपने पोस्ट के साथ तेजस्वी यादव ने मोदी का परिवारवाद को लेकर एक सूची जारी की है, जिसमें कई ऐसे मंत्रियों, नेताओं के नाम हैं, जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है और सत्ता उन्हें विरासत से मिली है।
इस सूची में एचडी कुमार स्वामी पुत्र देवेगौड़ा, जयंत चौधरी पुत्र चौधरी चरण सिंह, रामनाथ ठाकुर पुत्र भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर, राव इंद्रजीत सिंह पुत्र राव वीरेंद्र सिंह, रवनीत सिंह बिट्टू पोते पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया पुत्र माधव राव सिंधिया, चिराग पासवान पुत्र रामविलास पासवान, पीयूष गोयल पुत्र वेदप्रकाश गोयल समेत कुल 22 मंत्री-नेताओं के नाम हैं।
तेजस्वी यादव ने लिखा कि मंत्रिमंडल में मोदी ने परिवारवाद को प्राथमिकता दी है। उन्होंने लिखा कि यह तो केवल मंत्रियों की सूची है सांसद तो न जाने कितने हैं जो परिवारवाद की पृष्ठभूमि से राजनीति में आए हैं।