एक, नौ, 16 और 24 तारीख को जिला अस्पताल व सीएचसी पर होगा आयोजन, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के प्रयास
नोएडा । स्वस्थ शिशु के जन्म के लिए मां का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। यह तभी संभव है जब गर्भवती अपने आहार, व्यवहार, देखभाल के साथ गर्भावस्था के दौरान निरंतर योग्य चिकित्सक से जांच कराएगी। गर्भवती की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया हुआ है। अब तक यह महीने में दो बार नौ तारीख और 24 तारीख को मनाया जाता था, लेकिन अब यह महीने में चार बार मनाया जाएगा। शासन ने इसके लिए महीने की पहली तारीख और 16 तारीख मुकर्रर की है। यानि अब प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस हर महीने एक, नौ, 16 और 24 तारीख को मनाया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील शर्मा ने बताया- सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देकर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार के प्रयास निरंतर जारी हैं। इसी क्रम में 2016 में शुरू किए गए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का लगातार विस्तार किया जा रहा है। हर माह की नौ तारीख को ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाइयों पर पीएमएसएमए दिवस के आयोजन को विस्तार देते हुए जहां 2022 में हर माह की 24 तारीख को एफआरयू स्तरीय चिकित्सा इकाइयों पर सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन शुरू किया गया, वहीं वर्ष – 2022-23 के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद प्रदेश सरकार ने इस अभियान को और विस्तार देने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब प्रत्येक महीने की एक, नौ, 16 और 24 तारीख को जिला चिकित्सालय, फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीएमएसएमए दिवस का आयोजन किया जाएगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. भारत भूषण ने प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भेजे गये पत्र के हवाले से बताया- प्रदेश में 67 लाख गर्भवतियों में से मात्र 12.55 लाख गर्भवती ही दूसरे और तीसरे त्रैमास में प्रसव पूर्व जांच (एंटी नेटल केयर) की सुविधा प्राप्त कर सकीं। सरकार ने इस संख्या को अपर्याप्त मानते हुए पीएमएसएमए दिवस को और विस्तार देने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया- जनपद में जिला अस्पताल, राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) और सीएचसी दादरी, बादलपुर, भंगेल, डाढ़ा में पीएमएसएमए दिवस का आयोजन होगा। जनपद में इस समय 6438 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली हैं।
क्या है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस-
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस केन्द्र सरकार की ओर से मातृत्व संबंधी स्वास्थ्य सुविधाओं को संचालित करने की एक राष्ट्रीय योजना है। इसके तहत स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी गर्भवती की जांच की जाती है और उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती को चिन्हित किया जाता है। गर्भवती की प्रसव पूर्व दूसरी व तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के चार महीने के बाद) हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस, वजन, ब्लड प्रेशर एवं अल्ट्रासाउंड जांच की जाती है। उच्च जोखिम गर्भावस्था के तहत गर्भवती की पहचान कर उन्हें सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है।