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Prigozhin says Wagner will not sign contracts : नहीं मान रही पुतिन की प्राइवेट आर्मी , पुतिन की ही बात

Russia vs Private Army

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रूस के सबसे खतरनाक कही जाने वाली प्राइवेट आर्मी जो की पुतिन के भरोसेमंद साथी मित्र येवगेनी प्रिगोजिन (Yevgeny Prigozhin)  के तले काम करती है,अब लगत है की रूस की इस जंग से दूर हटती दिख रही है

प्राइवेट आर्मी क्यों बना रहे युद्ध से दूरी

रूस (Russia) के रक्षा मंत्रालय द्वारा पारित आदेश में जिसके तहत यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे सभी रूसी वॉलेंटियर्स की टुकड़ियों को रूस की सेना में शामिल होना होगा। इसके लिए सभी प्राइवेट मिलिट्री से एक कॉन्ट्रैक्ट (contracts ) साइन भी कराया जाएगा,वही खबर आयी की रूस की सबसे बड़ी प्राइवेट आर्मी (Private Army) वैगनर ग्रुप (Wagner Group) ने इसमें शामिल होने से मना कर दिया है,प्राइवेट आर्मी (Private Army) के मालिक और पुतिन (Putin) के करीबी बताये जाने वाले येवगेनी प्रिगोजिन ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा की वे किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी,उनका कहना है की रूस के डिफेंस मिनिस्टर सर्गेई शोइगू सेना को ठीक से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं,इस जवाब पर अभी किसी का कोई भी जवाब नहीं आया है ,

वैगनेर (Wagner) ने पिछले महीने ही बाखमुत इलाके पर कब्जा किया था , प्राइवेट अर्मिस (Private Army) का बार-बार रूस के रक्षा मंत्रालियो से एक ही शिकायत है की वे ठीक से उन्हें गोली बारूद नहीं दे पा रहे है जिस कारण से उनके लड़को की जान जा रहे है,अंदाजा लगया जा रहा है की इसी लापरवाही के कारण ही कई प्राइवेट सैनिक अपनी जान गवा चुके है !

Putin vs Private Army
Putin vs Private Army

क्या है वैगनर ग्रुप

वैगनर ग्रुप (Wagner group) को रूस की सबसे खतरनाक प्राइवेट आर्मी (Private army) के रूप मे जाना जाता है,इस पर बार-बार आरोप भी लगते है , की ये पुतिन की प्राइवेट सैना की तरह काम करते है , वैगनर ग्रुप के फाउंडर येवगेनी प्रिगोजिन (Yevgeny prigozhin) को रूसी राष्ट्रपति पुतिन का रसोईया भी कहा जाता है,मन जाता है की वो एक रेस्तरां चलाते थे जहा अक्सर पुतिन जाया करते थे इसी तरह मुलाकातों मे उनकी नजदीकियां बढ़ी और वे पुतिन के ख़ास हो गए,फिर वे पुतिन के लिए भाड़े पर उनके लिए अपनी आर्मी से उनके दिए काम कराने लगे, येवगेनी ही इस ग्रुप को फण्ड देते रहे,वैगनर की नीभ रखने रखने वाले दीमित्री उतकिन (Damitry utkin) थे जो रूस क फ़ौज मे 1993 से 2013 तक थे वो लेफ्टिनेंट की पोस्ट से रिटायर हुए फिर वे होन्ग कोंग जा कर एक प्राइवेट आर्मी के साथ काम करने लगे पर फिर 2014 मे रूस वापस आ गये और वो तभी से ही इस ग्रुप से जुड़े है,

एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस के वैगनर समूह के 400 से ज़्यादा सैनिकों को यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की हत्या के लिए कीव भी भेजा गया था. साथ ही अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने युद्ध में वैगनर (Wagner) लड़ने से पेहले ड्रग्स (Drug) का सेवन करते है. हालांकि इन दावों की आज तक पुष्टि नहीं हो सकी है लेकिन समय-समय पर अमेरिका (America)  वैगनर समूह के यूक्रेन में एक्टिव होने की बात करता रहता है, बूचा नरसंहार के पीछे वेगनर ग्रुप की अहम भूमिका बताई जाती है,सीरिया युद्ध (Syria war) के दौरान भी युद्ध अपराध करने का आरोप लगया गया था , इसके अलावा साल 2016 में लीबिया में भी वेगनर ग्रुप सक्रिय था.

Putin vs Private Army

प्राइवेट आर्मी का साथ कितना है असरदार

रूस-यूक्रेन (Russia-ukraine) के युद्ध को लगभाग 15 महीने से भी ऊप्पर हो गए है,यद्ध दिन पर दिन और घातक होता जा रहा है,वही कुछ रिपोर्टस की माने तो युद्ध में रूस का पलड़ा भारी साबित हो रहा है एक तरफ यूक्रेन और उसके साथ देश जो की नाटो सदस्य भी है , यूक्रेन की मदद कर रहे है , वे उसे अलग तरह से हथियार और उपकरण दे रहे है , वही दूसरी और रूस भी डट कर अड़ा हुआ है , रूस ने अपने देश की सभी प्राइवेट आर्मीयो को अपने कॉन्ट्रैक्ट मे बांधन चाहता है , जिहोने रूस को कई बड़े यूक्रेन राज्ये पर कब्जा दिलाया है,अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक प्राइवेट लड़ाकों को सेना में मिलाना रूस की मजबूरी बन गया है। यूक्रेन को आगे बढ़ने से रोकने के लिए रूस की सेना को ज्यादा से ज्यादा सैनिकों की जरूरत है। जिस कारण से वो ख़ास तरह के कॉन्ट्रैक्ट मे प्राइवेट संगठन को बाधना चाहता है !