सत्यपाल मलिक को उनके ही दांव से चित करने की तैयारी, आरोपों की होगी CBI जांच? 

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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 300 करोड़ की घूस के दावे पर की है सिफारिश

द न्यूज 15 

जम्मू। पुराने समाजवादी और जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार उनको उनके ही दांव चित करने जा रही है। मलिक ने सरकार विभिन्न मुद्दों पर जो घेरा है लगता है अब सरकार उनसे निपटने जा रही है। दरअसल गत दिनों आरएसएस से जुड़े एक नेता और अंबानी से जुड़ी फाइलों को मंजूरी के एवज में उन्हें 300 करोड़ रुपये की घूस देने का जो ऑफर देने की बात कही थी। उसकी जांच के बहाने मलिक को घेरा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उनके इन आरोपों की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश कर दी है। सीबीआई आजकल किसके इशारे पर काम कर रही है यह अब जगजाहिर हो चुका है। दरअसल सत्यपाल मलिक का कहना था कि फाइल करने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये का ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने यह डील ही निरस्त कर दी थी। उन्होंने अपने रुख को मजबूत करने के लिए यह भी कहा था कि पीएम ने उनसे कहा था कि वह भ्रष्टाचार से कोई समझौता न करें।
दरअसल राजस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में सत्यपाल मलिक कहा था कि ‘कश्मीर जाने के बाद उनके पास दो फाइलें आईं थी। एक अंबानी की फाइल थी और दूसरी आरएसएस से जुड़े एक शख्स कीजो पिछली महबूबा मुफ्ती और बीजेपी की गठबंधन सरकार में मंत्री थे। वह पीएम मोदी के भी बेहद करीबी थे।’ मलिक ने आगे कहा था कि  ‘उन्हें सचिवों ने सूचना दी कि इसमें घोटाला है और उन्होंने बारी-बारी से दोनों डील रद्द कर दीं। मलिक ने यह भी कहा था कि सचिवों ने उनसे कहा था कि दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपये दिये जाएंगे, लेकिन उन्होंने उनसे कहा था कि वह पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आये हैं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चले जायेंगे।
ज्ञात हो कि सत्यपाल मलिक पहले भी जम्मू-कश्मीर को लेकर कई दावे कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर देश के सबसे भ्रष्ट राज्यों में से एक हैं। मलिक ने कहा था कि देश में कश्मीर सबसे भ्रष्ट स्थान है। पूरे देश में चार से पांच फीसद कमीशन मांगा जाता है, लेकिन कश्मीर में 15 फीसद की मांग की जाती है। उन्होंने कहा कि उनके रहते हुए कश्मीर में भ्रष्टाचार को कोई बड़ा केस सामने नहीं आया। सत्यपाल का दावा था कि  ‘चूंकि वह गरीब आदमी हैं, इसलिए देश के किसी भी ताकतवर आदमी से लड़ लड़ सकते हैं। रिटायर होने के बाद रहने के लिए घर भी नहीं है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।
सत्यपाल मलिक फिलहाल मेघालय के राज्यपाल हैं। सत्यपाल ऐसे व्यक्ति हैं जो संवैधानिक पद पर रहते हुए भी अकसर राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बोलते रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान तो उन्होंने पीएम मोदी को भी निशाना बना लिया था। उन्होंने सरकार को कटघरे में खड़े करने वाले कई बयान दिए थे। उन्होंने यह भी दावा किया था कि किसानों के मरने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा था कि क्या वे मेरे लिए मरे हैं। सत्यपाल मलिक कई बार सरकार की कृषि कानूनों को लेकर आलोचना कर चुके हैं।

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