छात्र नेताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही पुलिस, यूपी चुनाव में रिऐक्शन के डर से निलंबित किए 6 पुलिसकर्मी

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छात्रों से पुलिस का अभद्र व्यवहार
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द न्यूज 15 

नई दिल्ली/पटना/लखनऊ। रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की तानाशाही नीतियों के ख़िलाफ़ विगत तीन दिनों से ज़ारी छात्र आन्दोलन का अपराधीकरण करके योगी की पुलिस का दमनकारी नीतियां अपना रही है। इस दमन के ख़िलाफ़ छात्रों का आंदोलन न सिर्फ़ तीसरे दिन भी जारी है बल्कि यह देश के दूसरे हिस्सों में भी फैल रहा है। इलाहाबाद और पटना में छात्रों के खिलाफ़ पुलुस दमन के विरोध में कल राजधानी लखनऊ, वाराणसी और दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। वहीं परसों रात प्रयागराज में पुलिस ने छात्र नेता राजेश सचान को गिरफ्तार करके उनके साथ अपराधियों जैसा सलूक किया है। बिहार में भी 4 छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं चुनाव के बीच छात्रों का पुलिसिया दमन का वीडियो सोशल मीडिया पर वॉयरल होने और विपक्षी दलों द्वारा इसे चुनावी मुद्दा बना लेने के बाद अब योगी सरकार बैकफुट पर है । चुनावी डैमेज की संभावना के मद्देनज़र 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। यूपी के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि- “यह अत्यधिक था और हमने कार्रवाई की है। पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है… पुलिसवालों को लॉज में घुसने और छात्रों को पीटने की कोई ज़रूरत नहीं थी।”
विरोध का बढ़ता दायरा : भारतीय रेलवे के एनटीपीसी के परीक्षा परिणाम में धांधली और भ्रष्टाचार को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले प्रतियोगी छात्रों के साथ पटना एवं इलाहाबाद में हुई बर्बरता के देश के तमाम विश्वविद्यालयों में छात्रों ने आंदोलन शुरु कर दिया है। लखनऊ विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी मोर्चा खोल दिया है। दोनों स्थानों पर छात्रों के साथ हुई बर्बरता के ख़िलाफ़ छात्र पिछले दो दिन से आंदोलित हैं। कल बुधवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर भी छात्रों ने बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक विरोध मार्च निकाला और सभा की। सभा में छात्रों ने एक स्वर में कहा कि बीएचयू और यहां अध्ययनरत छात्र इलाहाबाद-पटना ही नहीं बल्कि देशभर के उन छात्रों के साथ खड़े हैं, जो रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सत्ता को घेरने का काम करते हैं। आमजन से जुड़े हुए मुद्दे पर सवाल उठाने का काम करते हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में बिहार के बक्सर, मोतीहारी, गया सहित कई जिलों में प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। पूरब के आक्सफोर्ड के रूप प्रसिद्ध इलाहाबाद विश्वविद्यालय और उसके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले अधिकांश छात्र भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे रहते हैं।
लाठीचार्ज के विरोध में आंदोलन आज  : आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट में धांधली तथा ग्रुप डी की परीक्षा में एक की जगह दो परीक्षाएं आयोजित करने के तुगलकी फ़रमान के ख़िलाफ़ चल रहे छात्र-युवा आंदोलन के दबाव में रेलवे प्रशासन द्वारा आज पहले मामले में जांच कमेटी बनाने और ग्रुप डी की परीक्षा को स्थगित करने के दिए गए आश्वासन को झांसा बताते हुए 28 जनवरी को बिहार बंद को जारी रखने का आह्वान किया है।
इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक मनोज मंजिल, आइसा के महासचिव व विधायक संदीप सौरभ, इनौस के मानद राज्य अध्यक्ष व विधायक अजीत कुशवाहा, इनौस के राज्य अध्यक्ष आफताब आलम, आइसा के राज्य अध्यक्ष विकास यादव, इनौस के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन व आइसा के राज्य सचिव सब्बीर कुमार ने संयुक्त बयान जारी करके कहा कि ‘अभ्यर्थियों द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर किसी भी प्रकार का संदेह नहीं है। चरम बेरोज़गारी की मार झेल रहे छात्र-युवाओं का यह व्यापक आंदोलन ऐसे वक्त खड़ा हुआ है, जब यूपी में चुनाव है। इसी के दबाव में सरकार व रेलवे का यह प्रस्ताव आया है और चुनाव तक इस मामले को टालने की साजिश रची जा रही है।
विपक्षी दलों ने बनाया मुद्दा : पटना में और यूपी के इलाहाबाद में लॉज में घुसकर छात्रों को बंदूक की बट से पीटने का वीडियो वायरल होने क बाद कई विपक्षी दलों ने घटना की निंदा की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद अब बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने भी ट्वीट करके कहा है कि, पहले यूपीटीएनटी और अब रेलवे के आरआरबी-एनटीपीसी रिजल्ट को लेकर यूपी व बिहार में कई दिनों से भारी हंगामा जारी है। यह सरकारों की विफलताओं का ही नतीजा है। ग़रीब युवाओं व बेरोज़गार नौजवानों के भविष्य के साथ ऐसे खिलवाड़ और विरोध करने पर उनकी पिटाई दुर्भाग्यपूर्ण है।
मायावती ने आगे कहा कि, सरकार की गलत नीतियों के कारण गरीबी व बेरोज़गारी चरम पर पहुंच गई है। सरकारी नौकरी व उनमें आरक्षण की सुविधा गौण हो गई है। ऐसे में वर्षों से छोटी सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षा भी सही से नहीं होना अन्यायपूर्ण है। बीजेपी युवाओं से पकोड़ा बिकवाने का अपना संकीर्ण विज़न बदले। वहीं जन अधिकार पार्टी (JAP) के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने छात्रों और शिक्षकों का समर्थन करते हुये कहा कि आरआरबी एनटीपीसी आंदोलन मामले में शिक्षकों पर केस दुर्भाग्यपूर्ण है। जब आप शिक्षकों पर केस करने की हिम्मत करते हैं तो पप्पू यादव पर क्यों नहीं करते हैं? आप एक लाठी या एक गोली चलाएंगे तो पहली गोली मेरे सीने में होगी। आप इस बात को समझें, इसलिए यह कहना चाहूंगा कि आप शिक्षकों पर किए गए केस को वापस लें। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर गिरफ्तार करने की कोशिश की तो सड़क पर उतर आऊंगा। उन्होंने आगे कहा कि, पहली गिरफ्तारी पप्पू यादव की होगी हिम्मत है तो गिरफ्तार करें।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा है कि, जिस तरह से छात्रों पर लाठी बरसते हुए देखा गया ये युवा पीढ़ी के साथ साजिश हो रही है। सवा करोड़ युवाओं ने D ग्रेड भर्ती के लिए फॉर्म भरे लेकिन नियुक्ति नहीं हुई। फरवरी 2019 में नोटिफिकेशन आया अब पता चला कि परीक्षा के नियम बदलने की बात हो रही है। परीक्षाओं को लटकाने का काम युवा पीढ़ी भुगत रही है। हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा था 14 करोड़ नौकरियां गईं है। रेलवे परीक्षा कराने की असफल हुआ है।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, युवाओं के साथ वादाख़ीलाफ़ी हो रही है। उन्हें रोज़गार चाहिए सरकार हर बात कर रही है लेकिन नौकरी का आश्वासन नहीं दिया जा रहा। सरकार का काम लाठी बरसाना नहीं संवाद करना है। आंदोलन करने से सरकार किसी को नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि हम कल के आंदोलन का समर्थन करते हैं। सरकार के अहंकार की हार होगी।
रेलवे बोर्ड पर मुक़दमा दर्ज़ करने की मांग : आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि ‘पुलिस को रेलवे बहाली बोर्ड पर मुकदमा दर्ज़ करना चाहिए। इनके अध्यक्ष सहित तमाम सदस्यों को अभियुक्त बनाया जाना चाहिए। स्वयं रेलमंत्री ने कबूल किया है कि लड़कों की शिकायत जायज है। इस मामले में बहाली बोर्ड ने आपराधिक लापरवाही बरती है। इसी की वजह से लड़कों में उत्तेजना फैली। बहाली बोर्ड के पदाधिकारियों से मिलकर कोचिंग वालों ने गलती की ओर ध्यान दिला दिया था। बोर्ड से अनुरोध किया गया था कि गलती को सुधारें अन्यथा लड़के रेल की पटरियों पर उतर सकते हैं, लेकिन अफसरी अहंकार में बोर्ड वालों ने अपनी गलती नहीं सुधारी। फलस्वरूप परिणाम सबके सामने है। इसलिए पुलिस द्वारा कोचिंग चलाने वालों पर केस दर्ज करना बिलकुल गलत है। मैं मांग करता हूं कि कोचिंग वालों पर से मुक़दमा हटाया जाए और बहाली बोर्ड के अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों और पदाधिकारियों पर मुक़दमा दर्ज़ किया जाए।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना की निंदा करते हुये कहा है कि –“ जब भी युवाओं ने नौकरी, उनके अधिकार मांगे, राज्य सरकार ने उन पर डंडों से प्रहार किया। बदकिस्मती से पुलिस ने युवकों की तलाश की, हॉस्टल में तोड़फोड़ की, छात्रों को मारा। यहां कई परीक्षाएं रद्द, पेपर लीक युवा इस बार इस सरकार के ख़िलाफ़ हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हुई घटना, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारा संविधान, हमारा देश तभी आगे बढ़ेगा जब युवाओं का भविष्य उज्जवल होगा। वे युवाओं के भविष्य को डंडों से मार रहे हैं और उनका अपमान कर रहे हैं। इस बार बीजेपी को हराने के लिए हर युवा काम करेगा।
सरकार की तरफ से निंदा की गई : प्रयागराज में छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज दिखाने वाले वीडियो पर यूपी के मंत्री बृजेश पाठक ने कहा है कि- “यह दुखद है और हम इसकी निंदा करते हैं। मैं इसे करने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं।” वहीं सूबे के डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने कहा है- “प्रयागराज में छात्रों के साथ घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होगी,छात्रों से संयम की अपील है,विपक्ष छात्रों के मामले में राजनीति न करे, जिन लोगों ने छात्रों की आड़ लेकर उपद्रव किया है जाँच कर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी,प्रत्येक छात्र हमारा परिवार है। कल रात युवा मंच संयोजक राजेश सचान की गिरफ़्तारी के बाद सीओ अजीत सिंह चौहान ने मीडिया से कहा है कि-“ यह पता चला है कि राजेंद्र सचान कुछ संगठनों या पार्टियों से जुड़े और वित्त पोषित हैं। उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई। वह सोशल मीडिया पर कुछ गतिविधियों में शामिल था और कुछ ऐसी चीजें ट्वीट करता था जो छात्रों के बीच प्रसारित की जाती थीं। यह दावा किया गया था कि अगर वे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और छात्रों को उकसाया गया तो इससे उनके भविष्य में मदद मिलेगी।” सीओ चौहान ने किसी पार्टी प्रवक्ता की भाषा में कहा कि- “यह पता लगाने के लिए जांच चल रही थी कि “कौन सी पार्टी और कौन उन्हें फंडिंग कर रहा था।”
दरअसल सीओ चौहान को छात्रों और आंदोलनों से ही तकलीफ़ है। इससे पहले 6 जनवरी को जार्जटाउन थाने में दर्ज किया गया था केस। रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर बालसन चौराहे पर विरोध प्रदर्शन करने पर सुजीत व अमित यादव को नमाजद करके उनके ख़िलाफ़ दबिश डाली गई थी। सीओ अजीत सिंह चौहान ने मीडिया बयान के मुताबिक पुलिस की एक टीम ने सुजीत की सलोरी स्थित लाइब्रेरी में और उसके कई ठिकानों पर पुलिस ने दबिश डाली थी। बालसन चौराहे पर विरोध प्रदर्शन के मामले में जार्जटाउन पुलिस ने दो नामजद व कई अज्ञात पर केस दर्ज किया था। नामजद पर पुलिस ने आरोप लगाया कि दोनों के उकसाने पर ही छात्र बालसन चौराहे पर एकजुट हुए।  प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बुधवार को दावा किया कि दो उपनिरीक्षकों सहित कुल छह पुलिसकर्मियों को कर्तव्यों में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। एसएसपी अजय कुमार ने कहा कि इन पुलिसकर्मियों को मंगलवार रात छापेमारी के दौरान एक निजी छात्रावास में छात्रों से कथित बदसलूकी करने के आरोप में निलंबित किया गया है।
इस बीच बुधवार को सलोरी और आसपास के इलाकों में एसएसपी पहुंचे और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों से कानून विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होने की अपील की। उन्होंने कहा कि कुछ छात्र नेता उनकी ‘नेतागिरी’ को चमकाने के लिए छात्रों के कल्याण के मुद्दों को उठाने के बहाने उन्हें भड़का रहे थे लेकिन इससे उनका भविष्य खराब होगा।
एसएसपी ने आगे कहा- “25 जनवरी को लगभग 1,000 दंगाई रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुए। पुलिस को सूचना मिली थी कि रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया जाएगा और ट्रेन के इंजन में आग लगा दी जाएगी। पुलिस ने तैयारियां की और मौके पर पहुंची… छात्रों से बात करने के बाद उन्हें वहां से जाने के लिए कहा गया। तभी छात्रों में से कुछ दंगाइयों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद वे जाकर लॉज में छिप गए। पुलिस टीम उनकी तलाश के लिए वहां गई थी और उनमें से कई को राउंड अप किया था। प्रदीप यादव और मुकेश यादव के रूप में पहचाने जाने वाले दो प्रमुख संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया।”
पटना में 400 कोचिंग चलाने वालों पर केस : पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने मीडिया बयान में बताया है कि – “हमने कुछ कोचिंग संस्थानों की पहचान की है, जिन्होंने छात्रों को विरोध करने के लिए उकसाया। वहीं पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा है कि – “हम कुछ अन्य कोचिंग सेंटरों पर भी नज़र रख रहे हैं। हमने छह कोचिंग सेंटर बुक किए हैं। हमने इस संबंध में आठ लोगों (कोचिंग सेंटरों के कुछ अधिकारियों सहित) को गिरफ्तार किया है। ”
आरएसएस एजेंट पटना वाले खान सर समेत कई कोचिंग संचालकों और अभ्यर्थियों समेत 400 अज्ञात लोगों पर विभिन्न धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है। पटना के पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसा के बाद कुछ आंदोलनकारी छात्रों को हिरासत में लिया था। अधिकारियों के मुताबिक पकड़े गए छात्रों का कहना है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिससे उन्हें हिंसा और दंगा करने की शह मिली थी. पुलिस के मुताबिक इस वीडियो में खान सर कथित तौर पर RRB NTPC परीक्षा रद्द नहीं होने पर छात्रों को सड़क पर उतरने और आंदोलन करने के लिए उकसा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि छात्रों के इस बयान के आधार पर ही खान सर और पटना के कई अन्य कोचिंग संचालकों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ किया गया है। यह मुकदमा साजिश के तहत नाजायज तरीके से भीड़ इकट्ठा करने, पुलिसकर्मियों को अपमानित करने, तोड़फोड़ करने और यातायात को बाधित करने सहित कई धाराओं में दर्ज हुआ है।
रेलवे का बयान : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस पूरे मसले को पारदर्शिता के साथ सुलझाया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि परीक्षा में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है। उनकी टीम में कई अनुभवी लोग शामिल हैं जिन्होंने इससे पहले भी इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है। रेल मंत्री के मुताबिक छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और धांधली का आरोप लगा रहे हैं, इसलिए कमेटी बनाकर जांच की जाएगी। यह कमेटी तीन हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इससे पहले 25 जनवरी को रेल मंत्रालय ने आंदजोलनरत छात्रों का अपराधीकरण करते हुये धमकाते हुये कहा था- गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले आकांक्षी उम्मीदवारों को रेलवे की नौकरी प्राप्त करने से आजीवन रोक का सामना करना पड़ सकता है।
बिहार, जहां तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा : इससे पहले कल बुधवार को बिहार में, प्रदर्शनकारियों ने गया में एक स्थिर ट्रेन के चार खाली डिब्बों को आग लगा दी और गया और जहानाबाद के बीच रेल यातायात को अवरुद्ध कर दिया। पटना, भागलपुर और सासाराम में भी विरोध प्रदर्शन हुए। इसके पहले भी कुछ बोगियों को आग के हवाले किया गया था। इसके बाद हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। जहानाबाद, समस्तीपुर, रोहतास समेत कई इलाकों में छात्र रेलवे ट्रैक पर उतर गए और नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन कर रहे छात्रों की वजह से कई जगहों पर ट्रेन खड़ी हो गईं।
छात्रों के हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दोपहर साढ़े तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि हमारे पास परीक्षा को लेकर कोई शिकायत नहीं आई। हमने जांच कमेटी बनाई है और वो इसकी जांच करेगी। कमेटी 4 मार्च तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
उन्होंने छात्रों से अपील की कि रेलवे आपकी ही संपत्ति है और इसकी सुरक्षा करिए। रेल मंत्री ने कहा कि कुछ लोग छात्रों के प्रदर्शन का गलत फायदा उठा रहे हैं। छात्रों को भ्रमित न किया जाए, ये मामला देश का है। छात्रों से अपील है कि आप अपना विषय हमारे सामने रखिए और संवेदनशीलता के साथ इसे देखेंगे।
वहीं जहानाबाद में पुलिस ने आंसू गैस और बल प्रयोग कर ट्रैक को खाली कराया। इससे पहले पुलिस और रेलवे के अधिकारी छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब छात्र पथराव करने लगे तो पुलिसवाले लाठियां भांजने लगे। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को खदेड़ दिया। फिलहाल जहानाबाद स्टेशन पर दर्जनों पुलिसकर्मी तैनात हो चुके हैं।
जहानाबाद में लगातार कई घंटे छात्रों ने रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया। रेलवे ट्रैक पर ही प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का पुतला फूंका गया। उन्होंने सरकार विरोधी नारे भी लगाए। छात्रों का कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। जहानाबाद रेलवे स्टेशन के पास बुधवार की सुबह भारी संख्या में छात्रों ने गया-पटना रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन बाधित कर दिया। सुबह से ही मेमू गाड़ी पैसेंजर को छात्रों ने रोककर सरकार विरोधी नारे लगाए। छात्र रेलवे पटरी पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं और ट्रैक ठप पड़ा है। रेल थाने की पुलिस छात्रों को समझाने बुझाने में लगा हुआ है लेकिन छात्र अपनी मांगों पूरी करने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले मंगलवार की शाम आक्रोशित छात्रों ने भोजपुर में आरा-सासाराम पैंसेंजर की रेल इंजन में आग लगा दी थी। हावड़ा-दिल्ली मेन रूट आरा पश्चिमी ओवरब्रिज के समीप रेलवे ट्रैक पर आवागमन बाधित कर दिया। पुलिस कार्रवाई के विरोध में माल गाड़ी के इंजन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं समस्तीपुर में रेल ट्रैक बाधित रहने से वैशाली सुपरफास्ट, टाटा छपरा, ग्वालियर-बरौनी ट्रेन बछवाड़ा सहित अन्य जगहों पर है खड़ी रही।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले दागे : मंगलवार को भी छात्रों ने दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन पर बक्सर और बिहार शरीफ में छात्रों के हुजूम ने रेलवे ट्रैक जाम कर हंगामा किया तो मुजफ्फरपुर में गोंदिया एक्सप्रेस को रोक दिया। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने के साथ लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। मंगलवार सुबह छात्रों ने बक्सर रेलवे स्टेशन पर ट्रैक जाम कर केंद्र के ख़िलाफ़ नारेबाजी की। इससे पटना-वाराणसी रेल खंड पर ट्रेनों की आवाजाही ठप हो गई। दो ट्रेनें स्टेशन पर खड़ी रहीं। इटाढ़ी गुमटी पर भी एक ट्रेन खड़ी थी। बिहार शरीफ स्टेशन पर छात्रों का हुजूम ट्रैक पर खड़ा हो गया। इससे दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस डेढ़ घंटे तक आउटर सिग्नल पर खड़ी रही। दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन पर सफर कर रहे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्रैक पर जगह-जगह ट्रेनें खड़ी हो गईं। कई ट्रेनों का रूट बदला गया तो कई का परिचालन घंटों बाद हुआ। बिहार और रेलवे पुलिस ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही। इसके बाद हंगामा कर रहे छात्रों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियां भांजीं। पुलिस कार्रवाई से नवनाराज़ उग्र छात्रों ने आरा में मंगलवार को एक पैसेंजर ट्रेन को आग लगा दी। सीतामढ़ी में रेलवे स्टेशन में गुस्साए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की। पटना, नवादा, मुज़फ्फ़ररपुर, सीतामढ़ी, बक्सर और भोजपुर जिलों से भी विरोध प्रदर्शन हुआ।
बिहार में हालात काबू करने के लिए हाईलेवल मीटिंग : ADG निर्मल कुमार आजाद के अनुसार रेल पुलिस, RPF के साथ ही वहां जिला पुलिस की टीम मौजूद है। खुद गया के SSP भी मौजूद हैं। हालात को काबू करने में लगे हैं। रेलवे में लॉ एंड ऑर्डर की समस्या बन गई है। इस पर काबू पाने के लिए रेलवे के आला अधिकारियों से बात की जा रही है। साथ ही सभी रेल जिला पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। क्योंकि, छात्र कभी भी कहीं भी रेलवे ट्रैक पर पहुंच जा रहे हैं और हंगामा करने लग रहे हैं। नवादा के रेलवे प्लेटफार्म पर हंगामा करने के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वहीं 28 लोगों को पीआर बांड भरा कर छोड़ दिया गया है। 32 लोगों को हंगामा करने के करने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिए थे। निर्धारित समय पर सभी गाड़ी सुबह से चालू हो गई। (जनचौक आभार)

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