PM Modi Europe Visit जानिए क्या कुछ हुआ।
PM Modi Europe Visit : पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी 3 दिन के यूरोप दौरे पर थे। उनकी तस्वीरें हमने सोशल मीडिया में देखी होगी साथ ही हमने हमारे प्रधानमंत्री के भव्य स्वागत और राष्ट्राध्यक्षों से मिलने की तस्वीरें देखी होंगी। रुस – यूक्रेन युद्ध के बीच जब पूरी दुनिया भारत की और देख रही, तब भारत के प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के क्या मायने निकलते है समझते है
2 मई से 4 मई के बीच भारत के प्रधानमंत्री यूरोप दौरे (PM Modi Europe Visit) पर गए। साल 2022 में प्रधानमंत्री का ये पहला विदेशी दौरा था। जिसे काफी सफल बताया जा रहा। प्रधानमंत्री पहले जर्मनी, डेनमार्क और अन्त में फ्रांस गए। जहां प्रधानमंत्री ने भारत के कई क्षेत्रों में विकास के लिए महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। तो एक -एक कर समझते है किस देश में क्या हुआ।
जर्मनी –
सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री जर्मनी पहुंचे। जहां उनका स्वागत जर्मनी के चांसलर Olaf Scholz (ओलाफ शॉलत्स) ने किया। इसके पहले Scholz 2012 भारत आए थे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री के जर्मनी पहुंचते ही सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री की 20 साल पुरानी तस्वीर वायरल हो गई जब वे जर्मनी गए थे।
2 मई के बर्लिन में जर्मनी की तरफ से आधिकारिक स्वागत हुआ प्रधानमंत्री का गार्ड ऑफ ऑनर द्वारा स्वागत हुआ जिसके विजुअल भी खासा वायरल हुए। भारत की तरफ से प्रदर्शन किए गए साथ ही प्रधानमंत्री की बच्चों से मिलने के वीडियो भी सामने आए। इस बार ICG का छटा दौर था जिसमें प्रधानमंत्री शामिल हुए। जिसमें प्रधानमंत्री के साथ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हुए।
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डेनमार्क –
जर्मनी के बाद 3 मई को प्रधानमंत्री डेनमार्क पहुंचे (Narendra Modi Denmark Visit) जहां उन्हे नॉर्डिक देशों का शिखर सम्मेलन में शामिल होना था। फिनलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और स्वीडन के नेताओं से भी मिले। इन सभी देशों को नॉर्डिक देश कहां जाता हैं। बता दे कि ये दूसरा शिखर सम्मेलन या कहे दूसरा नॉर्डिक समिट था जिसमें प्रधानमंत्री शामिल हुए ।
प्रधानमंत्री ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात की। इसके साथ ये देश ग्रीन ऊर्जा के स्रोतों पर काफी निवेश करते है इसलिए प्रधानमंत्री ने नॉर्डिक देशों से भारत में निवेश करने के लिए कहां। प्रधानमंत्री ने NRI नागरिकों से कम से कम अपने 5 दोस्तों को भारत घूमने भेजने की बात की। नॉर्डिक देशों से भारत का व्यापार 10-12 अरब डॉलर का होता है जिसे भारत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री के डेनमार्क के दौरे (Narendra Modi Denmark Visit) के क्या मायने निकलते है।
फ्रांस –
डेनमार्क के बाद प्रधानमंत्री फ्रांस के दौरे (PM Modi France Visit) पर पहुंचे। फ्रांस से भारत अपनी 75वीं सालगिरह बना रहा फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron दुसरी बार चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने हैं। फ्रांस हमेशा से भारत की रक्षा मदद करता आ रहा हैं। इसके पहले Emmanuel Macron मार्च 2018 में भारत आए थे। भारत के विदेश मंत्रालय ने फ्रांस को भारत का पुराना मित्र बताया।
एक्सपर्ट ऐसा मान रहें है कि Macron के दोबारा लौटने के कारण भारत- फ्रांस के संबंध में स्थिरता और निरंतरता बनी रहेगी और PM मोदी का फ्रांस (PM Modi France Visit) में जाना एक अच्छी पहल है। फ्रांस यूरोप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद का हिस्सा होने का प्रयास भी करता रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि इसके लिए भारत को यूरोपीय देशों का समर्थन जुटाना होगा जिसमें फ्रांस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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यूरोप भारत पर दबाव बनाना चाहता है ताकि वे अपनी वे रुस- यूक्रेन युद्ध में शांति की पहल कर सके। प्रधानमंत्री के डेनमार्क के सभी देशों (Nordic Countries) के दौरे से स्पष्ट है भारत ने गुटनिरपेक्षता को बनाए रखना चाहता है। भारत रूस से अपने अच्छे संबंधों के चलते विश्व भर में एक मजबूत पक्ष साबित हुआ है। वही PM मोदी ने यूरोपीय देश के सामने भारत का पक्ष मजबूती से रखा। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत रूस की अच्छी सेवाओं और रक्षा में प्रयोग आने वाले हथियारों के चलते रूस पर निर्भर है अगर आप चाहते है कि भारत एक स्पष्ट पक्ष रख सकें तो आप सभी को भारत का साथ देना होगा। देखना होगा प्रधानमंत्री के इस यूरोप दौरे (PM Modi Europe Visit) का भारत के विदेश विदेश नीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा।