प्लास्टिक उद्योग एक प्रमुख नियोक्ता एवं अर्थव्यवस्था में योगदानकर्ता है: निवेदिता

ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग की सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्लास्टिक रीसाइक्लिंग प्लास्टिक कचरे को कम करने और एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान प्रदान करता है।

उन्होंने कहा है कि प्लास्टिक उद्योग अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता है और दुनिया भर में लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है।” उन्होंने हितधारकों को विभिन्न क्षेत्रों में एक ठोस और सहयोगी प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित चार दिवसीय ‘प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और स्थिरता पर वैश्विक सम्मेलन’ (GCPRS) के उद्घाटन सत्र के दौरान इन अंतर्दृष्टि को व्यक्त किया, जहां उन्होंने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया। श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा ने इस तरह के महत्वपूर्ण विषय पर सम्मेलन आयोजित करने के लिए अखिल भारतीय प्लास्टिक निर्माता संघ (AIPMA) और पेट्रोकेमिकल्स निर्माता संघ (CPMA) के प्रयासों की प्रशंसा की, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक प्लास्टिक कचरे का केवल दस प्रतिशत ही पुनर्चक्रित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग के संयुक्त सचिव दीपक मिश्रा भी उपस्थित थे।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की संयुक्त सचिव मर्सी एपाओ ने भी इस उद्देश्य के लिए एमएसएमई मंत्रालय का समर्थन व्यक्त किया, उन्होंने बताया कि प्लास्टिक उद्योग से बड़ी संख्या में उद्यम उनके विभाग के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने कहा कि निर्यात को दोगुना करने की दृष्टि से, और अपने 100 दिवसीय कार्यक्रम के भाग के रूप में, मंत्रालय ने हैदराबाद में अत्याधुनिक निर्यात केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने हितधारकों से मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले लाभों का लाभ उठाने का आग्रह किया, उन्होंने कहा कि कई और प्रौद्योगिकी केंद्र भी बनाए जा रहे हैं।

GCPRS में प्लास्टिक वेस्ट रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी पर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। कॉन्क्लेव एवं प्रदर्शनी में देश-विदेश से प्लास्टिक इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस चार दिवसीय कॉन्क्लेव के तहत पैनल चर्चाओं में ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स जैसे उद्योगों में प्लास्टिक वेस्ट रीसाइकल पर चर्चा हुई। कॉन्क्लेव में वक्ताओं के विचारों से स्पष्ट हुआ कि भारत का प्लास्टिक रीसाइक्लिंग उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और यह वर्ष 2033 तक 6.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। कॉन्क्लेव में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।

CPMA के अध्यक्ष श्री कमल नानावटी ने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन एक वैश्विक मुद्दा है और इसके समाधान के लिए सभी मूल्य श्रृंखला प्रतिभागियों और सरकार के बीच सहयोग आवश्यक है। GCPRS का उद्देश्य समाधान विकसित करने के लिए संवाद और चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करना है। भारतीय उद्योग प्लास्टिक की सर्कुलरिटी को बेहतर बनाने और नियामक आवश्यकताओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

AIPMA के गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन एवं प्रौद्योगिकी और उद्यमिता केंद्र (AMTEC) के अध्यक्ष अरविंद डी. मेहता ने कहा कि हम भारत के तेजी से आगे बढ़ने वाले प्लास्टिक उद्योग में बेहद कुशल और प्रतिभाशाली पेशेवर तैयार कर रहे हैं। हमारे संस्थान की स्थापना प्लास्टिक विनिर्माण क्षेत्र को असाधारण जनशक्ति और कौशल उन्नयन प्रदान करने के लिए की गई थी, और यह बेहद गर्व की बात है कि हमने यह हासिल कर लिया है।

कॉन्क्लेव को AIPMA के अध्यक्ष मनीष डेढ़िया, GCPRS 2024 के चेयरमैन श्री हितेन भेडा और AIPMA के सीनियर वाइस प्रेज़ीडेंट श्री मनोज आर. शाह ने बी संबोधित किया। इसके आयोजन में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, स्वच्छ भारत मिशन, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई मंत्रालय), और रसायन और उर्वरक मंत्रालय के सहयोग के लिए ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफ़ैक्चरर्स असोसिएशन (AIPMA) और केमिकल्स एंड पेट्रोकेमिकल्स मैन्युफ़ैक्चरर्स असोसिएशन (CPMA) की ओर से एआईपीएमए के महानिदेशक डॉ श्याम सुंदर ने आभार व्यक्त किया। कॉन्क्लेव के आयोजन में कैलाश बी. मुरारका, चंद्रकांत तुराखिया, राजेश गौबा, हनुमंत सर्राफ, सिद्धार्थ आर. शाह और प्रणव कुमार का विशेष भूमिका निभायी। अन्य उल्लेखनीय उपस्थितों में प्रो. (डॉ.) शिशिर सिन्हा (प्लास्टइंडिया फाउंडेशन), श्री रवीश कामथ (प्लास्टइंडिया) शामिल थे।

  • Related Posts

    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस

    19-20 अप्रैल, 2025 को सम्पन्न हुआ ! सी एफ डी की स्वर्ण जयंती उसी सभागार में आयोजित हुआ जहां आज से पांच दशक पूर्व 1974 में 13 अप्रैल को इस…

    23 अप्रैल 2025 से मैसर्स बीएचईएल सेक्टर – 16 नोएडा पर सीटू के बैनर तले कर्मचारी शुरू करेंगे धरना-प्रदर्शन

    नोएडा। मैसर्स भारत हेवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड प्लॉट नंबर- 25, सेक्टर- 16, नोएडा के प्रबंधन द्वारा संस्थान में वर्षों वर्षों से लगातार स्थाई रूप से कार्यरत श्रमिकों का लगातार आर्थिक शोषण,…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 0 views
    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 0 views
    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 0 views
    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस

    23 अप्रैल 2025 से मैसर्स बीएचईएल सेक्टर – 16 नोएडा पर सीटू के बैनर तले कर्मचारी शुरू करेंगे धरना-प्रदर्शन

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 0 views
    23 अप्रैल 2025 से मैसर्स बीएचईएल सेक्टर – 16 नोएडा पर सीटू के बैनर तले कर्मचारी शुरू करेंगे धरना-प्रदर्शन

    जीतन राम मांझी ने किया चंद्रशेखर पर पलटवार, भारत आर्थिक रूप से आ गया है सातवें स्थान पर 

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 2 views
    जीतन राम मांझी ने किया चंद्रशेखर पर पलटवार, भारत आर्थिक रूप से आ गया है सातवें स्थान पर 

    गया में ‘नीले ड्रम’ वाली साजिश का खुलासा

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 2 views
    गया में ‘नीले ड्रम’ वाली साजिश का खुलासा