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Paytm के विजय शेखर शर्मा बिलियनर क्लब से बाहर, आईपीओ के बाद रोज लगा 88 करोड़ रुपए का फटका

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दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के अनुसार विजय शेखर शर्मा के पास पेटीएम की प्रवर्तक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के 8.9 फीसदी या 5.76 करोड़ शेयर है 

द न्यूज 15 

नई  दिल्ली।  के दिनों में फिनटेक कंपनी पेटीएम शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। शेयरों में गिरावट का असर कंपनी के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा की संपत्ति पर भी पड़ा है। फोर्ब्स के मुताबिक विजय शेखर शर्मा की संपत्ति घटकर केवल 999 मिलियन डॉलर रह गई है जो नवंबर 2021 में आईपीओ लिस्टिंग के समय करीब 2.35 बिलियन डॉलर थी। इस तरह पेटीएम की लिस्टिंग के बाद से विजय शेखर शर्मा को प्रतिदिन करीब 88 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के अनुसार विजय शेखर शर्मा के पास पेटीएम की प्रवर्तक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के 8.9 फीसदी या 5.76 करोड़ शेयर है।
70 फीसदी गिरी शेयरों की कीमत: पेटीएम का आईपीओ नवंबर 2021 में आया था। कंपनी के द्वारा जुटाई गई रकम के हिसाब से देश का सबसे बड़ा आईपीओ था। निवेशकों ने बढ़-चढ़कर कंपनी के आईपीओ में हिस्सा लिया और आईपीओ पूरा सब्सक्राइब हुआ था। कंपनी के लिस्टिंग के पहले दिन शेयरों में 25 फ़ीसदी की गिरावट आई। जिसके बाद से कंपनी के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है अब तक बात करें तो 18 नवंबर 2021 को 2150 रुपए के अपने इश्यू प्राइस के मुकाबले शेयर 17 मार्च 2022 को एनएसई पर 634 प्रति शेयर पर बंद हुआ था। इस तरह शेयर में करीब अब तक 70 फ़ीसदी की गिरावट आ चुकी है।
1 लाख करोड़ का नुकसान:18 नवंबर 2021 को पेटीएम ने शेयर मार्केट से 2150 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 18,300 करोड़ रुपए आईपीओ के जरिए जुटाए थे। उस समय कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1.39 लाख करोड़ रुपए था और कंपनी भारत की 50 सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल थी। अब शेयरों की कीमतों में गिरावट आने से पेटीएम का बाजार पूंजीकरण 40000 करोड़ के आसपास रह गया है जो इसे बाजार पूंजीकरण के हिसाब से भारत की 112 वीं सबसे बड़ी कंपनी बनाता है।
आरबीआई ने लगाई रोक: कुछ दिनों पहले आरबीआई ने पेटीएम की इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर नए ग्राहक बनाने पर रोक लगा दी थी। आरबीआई के द्वारा लगाई गई रोक पर मीडिया हाउस ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि यह रोक पेटीएम पेमेंट बैंक द्वारा ग्राहकों का डाटा विदेशों में हस्तांतरित करने को लेकर लगाई गई है। आरबीआई ने अपने वार्षिक सर्वेक्षण में पाया कि कंपनी के सर्वर से डाटा को चीनी कंपनियों को हस्तांतरित किया जा रहा है जो अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी में निवेशक हैं। हालांकि इस रिपोर्ट को पेटीएम पेमेंट ने सिरे से खारिज करते हुए झूठा और सनसनीखेज बताया था जिसके बाद से पेटीएम के शेयरों में बड़ी गिरावट हुई है।