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शीला दीक्षित का हाथ थाम राजनीति में आए थ पवन खेड़ा, संघर्षमय रहा है पत्रकारिता से सियासत का सफर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा को गुरुवार की दोपहर दिल्ली एटरपोर्ट पर रायपुर में पार्टी अधिवेशन में जाने से पहले गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन कुछ घंटों बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। इसके चलते वह पूरे दिन खबरों की सुर्खियों में छाये रहे। खेड़ा अपने बेबाक अंदाज और आक्रामक जवाब के लिए दिल्ली की सियासी गलियारों में काफी चर्चित रहते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में वे अक्सर चैनलों के डिबेट में विभिन्न मुद्दों पर जोरदार ढंग से अपनी बात रखते हैं।

हर मुद्दे पर तर्क के साथ रखते हैं बात

पवन खेड़ा इन दिनों पार्टी की मीडिया और कम्युनिकेशन सेल में चेयरमैन भी हैं। उनकी खासियत यह है कि वह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर समान रूप से महारत रखते हैं। खेड़ा हर मुद्दे पर पूरी तैयारी के साथ डिबेट में पहुंचते हैं और तर्क के साथ अपनी बात रखते हैं। डिबेट के दौरान पार्टी की ओर से बोलते हुए वे कई बार आक्रामक हो जाते हैं। ३१ जुलाई १९६८ को जन्मे पवन खेड़ा राजनीति में आने से पहले एक पत्रकार के रूप में काम करते थे। बाद में वे दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के संपर्क में आए और उनके राजनीतिक विचारों से काफी प्रभावित हुए। कुछ दिन बाद शीला दीक्षित ने उन्हें अपना निज सचिव बना लिया। इस दौरान पवन खेड़ा उनके साथ रहकर राजनीति की तमाम बारीकियां सीखीं। शीला दीक्षित के पद से हटने के बाद २०१३ में पवन खेड़ा ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
हाल ही में उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ एक रिपोर्ट आने के बाद एक डिबेट के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के पिता का नाम ले लिया था। इस बार हंगामा खड़ा हो गया और कई जगह उनके खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया। अपने बयान में उन्होंने कहा था कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बना सकते हैं तो नरेंद्र

गौतम दास मोदी को क्या दिक्कत है ?

पीएम मोदी के पिता को लेकर अपने बयान के लिए पवन खेड़ा खेद भी जता चुके हैं। लेकिन राजनीति में मुंह से निकले शब्द आसानी से नहीं भुलाए जाते हैं। उस पर शोरगुल होना ही था और वह भी हुआ भी। उनके बयान के लिए पवन खेड़ा खेद भी जता चके हैं लेकिन राजनीति में मुंह से निकले शब्द आसानी से नहीं भुलाए जाते हैं। उस पर शोरगुल होना ही था और वह हुआ भी। उनके बयान पर कई शहरों में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। भाजपा के वरिेष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई थी।

 

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