जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा और आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दे दे दिया खेला होने का बयान
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कर दी जदयू में टूट होने की बात
टिकट बंटवारे में पेंच फंसा सकते हैं नीतीश कुमार
चरण सिंह
नई दिल्ली/बिहार। बिहार में नयी साल पर दही चूड़ा की दावत कोई नया समीकरण निर्धारित करती है। इस बार बीजेपी का साथ छोड़कर अपनी पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी से संघर्ष कर रहे रामविलास पासवान के भाई पशु पति पारस ने दही चूड़ा खाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य पाल मो. आरिफ खान और प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव और आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव को विशेष रूप से बुलाया गया है।
पशुपति पारस के दही चूड़े की इस दावत से तो ऐसा लग रहा है कि जैसे पशुपति पारस ने महागठबंधन की सरकार बनाने के लिए यह दावत दी हो।
इस दावत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल रहेंगे तो आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार भी। साथ ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने वाले राज्यपाल मो. ऑफर खान भी।
दरअसल भतीजे चिराग पासवान को सटाने के बाद पशुपति पारस बीजेपी से नाराज हैं। पशुपति पारस की इस दावत में जब राज्यपाल मो. आरिफ खान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव आरजेडी मार की निगाहें टकराएगी, बातें होंगी।
वैसे भी एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा और मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि राजनीति में कोई दोस्त और दुश्मन नहीं होता है। मृत्युंजय तिवारी ने तो खेला होता रहने की बात कर दी है।
उधर पूर्व राज्य पाल समाजवादी नेता रहे सत्यपाल मलिक ने कहा है कि नीतीश के सांसद और दिल्ली में बैठे मंत्री जदयू से अलग हो सकते हैं। यह बात गत दिनों शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने भी कही थी। इसी बीच शरद पवार के साथ सांसद टी तोड़ने की भी कोशिश की गई पर सफलता नहीं मिल सकी। ऐसे में दिल्ली में पेंच फंस रहा है। दिल्ली में जदयू 6 सीटें मांग रहा है। बीजेपी उसे 2-3 सीटें देना चाहती है वह भी अपने सिंबल पर लड़ाना चाहती है। इसके लिए जदयू तैयार नहीं है। नीतीश कुमार की रणनीति है कि सीटों के बंटवारे पर खेल का दिया जाए।
उम्मीद जताई जा रही है कि पशुपति पारस के घर पर दही चूड़े की दावत के बाद 17 तारीख को लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की मीटिंग हो सकती है।
18 को आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और कांग्रेस का संविधान सुरक्षा सम्मेलन है। इस सम्मेलन को संबोधित करने के लिए प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी आ रहे हैं। ख़बरें आ रही हैं कि 18 को राहुल गांधी नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की मीटिंग हो सकती है। नीतीश कुमार का प्रयास है कि बीजेपी कुछ खेला करे उससे पहले वह खेला कर दें।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि आख़िरकार नीतीश कुमार को महागठबंधन में आकर क्या मिलेगा। वह भी जब दिल्ली में कांग्रेस और आप अलग अलग लड़ रही है। लालू प्रसाद ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक की लीड करने का मौका देने की बात कर रहे हैं। जानकारी आ रही है कि कांग्रेस ने नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाने का वादा भी कर दिया है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि बीजेपी पर तानाशाही का आरोप लगाकर एनडीए के घटक दल उससे नाराज हैं। उनको लगता है कि बीजेपी धीरे धीरे विपक्ष को खत्म करना चाहती है।
एक देश एक चुनाव इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है। नीतीश के 12 तो चिराग के 5 और एकनाथ शिंदे के 8 सांसद एनडीए को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि बीजेपी नेतृत्व ने बिहार के नेताओं से नीतीश कुमार के खिलाफ कोई बयान न देने का देने का निर्देश दे दिया है।