अभिजीत पण्डे
पटना । 8 अप्रैल तक का निर्धारित समय खत्म होने के बावजूद पप्पू यादव ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया । कैंची चुनाव चिन्ह पर पप्पू यादव चुनाव मैदान में अब भी डटे हुए हैं। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से बीमा भारती के अलावा पप्पू यादव भी चुनावी मैदान में है तो क्या यह महागठबंधन के लिए सही होगा?
पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान मे है। इसको लेकर महागठबंधन में अभी भी राजनीति जारी है। वहीं, चुनाव आयोग ने पप्पू यादव को सिंबल आवंटन कर दिया है। पप्पू यादव को ‘कैंची’ सिंबल मिला है। इसकी जानकारी उन्होंने ‘एक्स’ पर दी है उन्होंने लिखा कि ‘चलेगी कैंची नफरत को काटेंगे, मोहब्बत जीतेगा’।
एक्स पर पप्पू यादव लिखा कि ‘तारीख 26 नंबर 6 पूर्णिया की होगी जय, चलेगी कैंची नफरत को काटेंगे, मोहब्बत जीतेगा। दूर करेंगे पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के विकास की बाधा।बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख तक कांग्रेस करेगी इंतजार, लेकिन पप्पू यादव ने नाम वापस नहीं लिया।
अब कांग्रेस क्या करेगी पप्पू को लेकर सबकी निगाहें टिकी हैं। बता दें कि कैंची छाप से पूर्णिया से चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव क्या महागठबंधन के वोटों पर भी कैंची चलाएंगे?कांग्रेसी नेताओं के बयान से अलग पप्पू यादव चुनावी मैदान में लगातार डटे हुए हैं और कैंची चुनाव चिन्ह के साथ पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में अपना परचम लहराने का दावा कर रहे हैं।
पप्पू यादव पप्पू यादव अपने मामले को लेकर और आजाद पर अघोषित रूप से हमला करने से भी नहीं चुप रहे और उस पर भाजपा को सहयोग करने का आरोप लगाते नहीं थक रहे। बहरहाल, क्या होगा पप्पू यादव का इस पर सब की निगाहें टिकी हुई हैं। इन सबसे अलग पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में चुनावी लड़ाई अब दिलचस्प बन गई है।