इन देशों के कर्ज तले डूबा पाकिस्तान, इस वित्तीय वर्ष में चुकाने होंगे 21 अरब डॉलर

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दाने-दाने को मोहताज़ पाकिस्तान पर इस वक्त कई देशों का भारी भरकम कर्ज है। और विदेशी मुद्रा भंडार भी मात्र 3.1 मिलियन भंडार बचा है। जो फरवरी साल 2014 के बाद सबसे नीचले स्तर पर है। पाकिस्तान में आज ये नौबत आ गई है कि लोग एक वक्त का खाना खाकर सोने को मजबूर है। आटे की किल्लत तो पाकिस्तान में काफी दिनों से चल रही थी लेकिन अब तो दूध,दाल ,सब्जियों पर भी मुसिबत आ गई है, अब तो वहाँ की सरकार ने भी मान लिया कि पाकिस्तान इस वक़्त अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा है। यहाँ तक कि मरियम नवाज़ ने इमरान ख़ान समेत पाँच लोगों को इन हालात का क़सूरवार भी बता दिया। इतना ही नहीं जिस देश को लेकर चीन उड़ता था उसने भी पाकिस्तान को कर्ज देना बंद कर दिया है,लेकिन क्या आपकों पता है पाकिस्तान को दुनिया का कितना कर्ज़ चुकाना है,अगर नहीं तो हम आपकों बताएंगे, इसलिए पोस्ट में एंड तक बने रहियेगा….

दुनिया का कर्ज़ करीब 100 अरब डॉलर

पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ़्ताह इस्माइल ने 14 जनवरी को पाकिस्तान के कर्ज़ भुगतान पर वहां के अंग्रेज़ी अखबार डॉन में एक लेख लिखा है. इस लेख की शुरुआत में उन्होंने कहा है, ”पाकिस्तान पर दुनिया का कर्ज़ करीब 100 अरब डॉलर है और इस वित्तीय वर्ष में 21 अरब डॉलर का कर्ज़ चुकाना है. अगले तीन सालों तक करीब 70 अरब डॉलर का कर्ज़ पाकिस्तान को चुकाना है.

चीनी के कर्ज तले बर्बाद पाकिस्तान

इश्‍हाक डार ने कहा था कि पाकिस्‍तान को करीब नौ अरब डॉलर का कर्ज चीन से मिलेगा। साथ ही चार अरब डॉलर का कर्ज सऊदी अरब से भी मिलेगा। इसी साल पाकिस्तान ने चीन से 6.3 अरब डॉलर के कर्ज को दोबारा देने की रिक्‍वेस्‍ट की थी। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान मैच्योर होने वाले द्विपक्षीय ऋण को चुकाने को लेकर नए चीनी ऋण की मांग के लिए एक अन्य प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है। पाकिस्‍तान पर चीन का कई अरब डॉलर का कर्ज है। फोर्ब्‍स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर चीन का कुल 77.3 अरब डॉलर का कर्ज है।कई लोगों ने इस स्थिति पर चिंता जाहिर की है।

इन देशों से लिया था कर्जा

इस बीच, चीन ने चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों (जुलाई-अप्रैल) में 153.30 मिलियन अमरीकी डालर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने 64.32 मिलियन, कोरिया 4.81 मिलियन, यूके 16.01 मिलियन, और जर्मनी 13.25 मिलियन अमरीकी डालर और सऊदी अरब अमरीकी डालर सहित 201 मिलियन अमरीकी डालर का वितरण किया। तेल उत्पादों के आयात के लिए अप्रैल में 100 मिलियन, बिजनेस रिकॉर्डर ने बताया। आपको बता दें विश्व बैंक ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की संरचनात्मक कमजोरियों को उजागर किया है जिसमें कम निवेश, कम निर्यात और कम उत्पादकता वृद्धि चक्र शामिल हैं। इसके अलावा, उच्च घरेलू मांग दबावों और बढ़ती वैश्विक वस्तुओं की कीमतों ने देश में मुद्रास्फीति को दो अंकों में बढ़ा दिया है। इसके अलावा, भविष्य में पाकिस्तान में विकास की गति तेज होने की कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि आयात बिल में तेज उछाल से पाकिस्तानी रुपये पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 3.1 अरब डॉलर बचा

पाकिस्तान को दिसंबर में सिर्फ 53.2 करोड़ डॉलर का कर्ज मिला, जो बड़े पुनर्भुगतान के लिए पर्याप्त नहीं था। पिछले सात दिनों में देश ने चीनी वित्तीय संस्थानों को 828 मिलियन अमरीकी डालर का भुगतान किया। इसके परिणामस्वरूप आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 3.1 अरब डॉलर रह गई। दिसंबर में प्राप्त ऋण का लगभग 44 प्रतिशत एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से आया था जिसने 231 मिलियन अमरीकी डालर दिए थे। अब तक एडीबी 1.9 अरब डॉलर के वितरण के साथ सबसे बड़ा ऋणदाता बना हुआ है। यह राशि वार्षिक अनुमान का एक तिहाई है।

पाकिस्तान को है भीख मांगने की गंदी आदत

शहबाज के मुताबिक 75 साल हो गए हैं औ देश की स्थिति ऐसी ही है और अब इसे बदलना होगा। प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि अब भीख मांगने की बुरी आदत छोड़नी होगी जिसकी लत देश को लग चुकी है। मगर यह सिर्फ तभी हो सकेगा जब जनता महंगाई से लड़ेगा और साथ ही अपने संसाधनों को पैदा करने की कसम खाएगी। पाकिस्‍तान ने 22 बार आईएमएफ से कर्ज लिया है। पाकिस्‍तान के हालात ऐसे हैं कि यहां की सबसे बड़ी रिफाइनरी को बंद हो गई है। देश में डॉलर खत्‍म हो गया है और अब जब तक कच्‍चा तेल नहीं आता तब तक कुछ नहीं हो सकता है। आईएमएफ की तरफ से जो कर्ज मांगा गया है, वह इस स्थिति में नाकाफी है। विशेषज्ञों का कहना है कि आईएमएफ का यह कर्ज ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत है।

सरकार के खिलाफ शहर-शहर में हो रहे प्रदर्शन

पाकिस्तान के हालात अब पूरी दुनिया से छुपे नहीं हैं। पाकिस्तान में इस वक्त हर कोने से सिर्फ एक ही आवाज गेट आउट शहबाज़ के नारे लगाए जा रहे है।
यहां पर लगातार बढ़ती कमर तोड़ महंगाई अब आम लोगों के लिए इतनी बड़ी परेशानी हो गई है कि वे अपना आपा खोते जा रहे हैं. इसके कई वीडियोज भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. लोग खुद की ही गाड़ियों को तोड़ रहे हैं, उनमें आग लगा रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल पाकिस्तान में पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू गए हैं. पहले ही महंगाई और कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ जाने के बाद लोग अब उग्र हो गए हैं. सूत्रों से मिलीं रिपोर्ट के मुताबिक ये प्रदर्शनकारी यह भी चाहते हैं कि सरकार ईरान के साथ अनौपचारिक व्यापार पर लगी पाबंदियों में ढील दे.

पलायन को मजबूर पाकिस्तान

आपको बता दें पाकिस्तान में 2022 में 832,339 लोगों ने देश छोड़ दिया था. ये 2016 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन एंड ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट, राज्य का एक विभाग जो विदेशों में रोजगार को नियंत्रित करता है, उसके अनुसार, वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में देश छोड़ने वाले पाकिस्तानियों की संख्या में लगभग 200% की वृद्धि हुई है.

वे लोग जिन्होंने छोड़ा पाकिस्तान

हाल ही में आई एक रिर्पोट के अनुसार देश छोड़ने वाले लोगों में 90 हजार स्किल्ड लोग थे। जिनमें डॉक्टर्स, इंजीनियर्स आईटी एक्सपर्ट्स, अकाउंटेट्स, कृषि विशेषज्ञ, मैनेजर आदि शामिल थे। इन आंकड़ो में से 799,507 लोग मिडिल ईस्ट गई हैं जिसमें सऊदी अरब, यूएई, ओमान, कतर, बहरीन और कुवैत गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान छोड़ने वाले लोगों की सबसे बड़ी तादाद पंजाब से है. जिनमें 460,302 लोग हैं, वहीं दूसरे नंबर पर खैबर पख्तूनवा आता है जहां से 225,272 लोगों ने देश छोड़ा है. आपको जानकारी के लिए बता दें इस वक्त पाकिस्तान काफी क्रिटिकल कंडीशन से जूझ रहा है. फॉरेन रिजर्व तकरीबन खत्म हो चुका है. मोनटरी फंड में डेड लॉक होने की वजह से वहां से लोन नहीं लिया जा सकता है।

आर्थिक संकट की मार झेल रहे पाकिस्तान के लिए फिलहाल हालात कहीं से भी सुधरते हुए नहीं दिख रहे हैं. हालत इतनी खराब है कि भारत में जो चीजें कौड़ियों के दाम में मिल रही हैं पाकिस्तान के लोगों को उसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. ऐसे में वहां के लोगों के लिए जीवन बसर करना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

अब मुर्दो से भी पैसे वसूले जायेगें

पाक सरकार के खजाने पर बढ़ते बोझ की भरपाई के लिए सरकार ने मुर्दो से भी पैसे वसूलने का तय किया है। इसके तहत लाहौर नगर निगम ने एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कब्र में दफनाने के लिए टैक्स वसूला जाएगा। इसके अलावा भी कंगाली की हालत से निपटने के लिए इमरान सरकार कई तरह के हथकंडे आजमा रही है। अब पाकिस्तान में मुर्दों को दफनाने पर टैक्स लगेगा। एक व्यस्क को दफनाने के लिए 1500 और एक नाबालिग व्यक्ति के लिए 1000 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इतना ही नहीं सरकार के नए प्रस्ताव के तहत शवों को देर रात दो से सुबह 5 बजे तक दफनाने पर रोक होगी। इस आदेश को न मानने पर दो हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

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