चरण सिंह
20 फरवरी को साढ़े चार बजे दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा। जिस तरह से मध्य प्रदेश में मोहन यादव, छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय, राजस्थान में भजन लाल शर्मा, हरियाणा में नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया है। ऐसे ही दिल्ली का मुख्यमंत्री भी ऐसा विधायक बनेगा कि लोग देखते रह जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयास होता है कि किसी कार्यकर्ता को उठाकर मुख्यमंत्री बनाया जाए। आरएसएस का प्रयास यह होता है कि मुख्यमंत्री आरएसएस पृष्ठभूमि से बने।
ऐसे में भले ही प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता, बिजेंद्र गुप्ता, वीरेंद्र सचदेवा का नाम आगे चल रहा हो पर घोड़ा के विधायक अजय महावर के मुख्यमंत्री बनने का चांस ज्यादा लग रहे हैं। एक तो अजय महावर से ओबीसी चेहरा हैं तो दूसरा वह आरएसएस पृष्ठभूमि के भी हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसी साल बिहार विधानसभा चुनाव हैं और महावर मूल रूप से झारखंड साहिबगंज के मूलनिवासी हैं। वैसे भी झारखंड विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को हेमंत सोरेन से शिकस्त खानी पड़ी। ऐसे में महावर को मुख्यमंत्री बनाकर पीएम मोदी एक तीर से कई निशाने साध सकते हैं।
दरअसल बीजेपी ने लगभग सभी राज्यों में सरकार बना ली है पर बिहार में कभी अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है। ऐसे में अजय महावर को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ओबीसी कार्ड चल सकती है। क्योंकि आरजेडी लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ओबीसी हैं। ऐसे में अजय महावर को मुख्यमंत्री बनाकर बिहार में बीजेपी यह माहौल बना सकती है कि उन्होंने बिहारी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया है। इसलिए बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री बनाया जाए। वैसे भी पूर्वांचल वासियों ने लामबंद होकर बीजेपी को वोट दिया है।
प्रधानमंत्री 24 फरवरी को भागलपुर दौरे पर जा रहे हैं। भागलपुर रैली में पीएम मोदी किसान सम्मान निधि की क़िस्त जारी करेंगे वहीं इस रैली में तीन लाख किसान और दो लाख आम आदमी जुटेंगे। मतलब पीएम मोदी बिहार में किसानों के पक्ष में माहौल बनाते दिखेंगे।
प्रधानमंत्री 24 फरवरी को भागलपुर दौरे पर जा रहे हैं। भागलपुर रैली में पीएम मोदी किसान सम्मान निधि की क़िस्त जारी करेंगे वहीं इस रैली में तीन लाख किसान और दो लाख आम आदमी जुटेंगे। मतलब पीएम मोदी बिहार में किसानों के पक्ष में माहौल बनाते दिखेंगे।
मनोज तिवारी के सीएम बनने की बात की जा रही है पर उनका सीएम बनना मुश्किल है। क्योंकि एक तो वह सांसद हैं दूसरे सवर्ण। प्रवेश वर्मा के चांस भी हैं क्योंकि लोकल नेताओं का बीजेपी पर बहुत दबाव है।
दरअसल चुनाव से पहले 360 गांवों की 36 बिरादरी की महापंचायत हुई थी, जिसमें निर्णय लिया गया था कि दिल्ली का मुख्यमंत्री या तो गुर्जर बनेगा या फिर जाट। गुर्जर की ओर से रमेश बिधूड़ी तो जाटों की ओर से प्रवेश वर्मा का नाम था। रमेश बिधूड़ी पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी से हार गए हैं पर प्रवेश वर्मा ने आप के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को हरा दिया है ऐसे में प्रवेश वर्मा की दावेदारी मजबूत है पर लगता नहीं कि बीजेपी उन्हें मुख्यमंत्री बनाएगी।