Nupur Sharma Comment on Muhammad : देश को धार्मिक विस्फोट की ओर ले जा रहा नूपुर शर्मा प्रकरण ?

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Nupur Sharma Comment on Muhammad : अमन-चैन को आगे आएं सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों 

Nupur Sharma Comment on Muhammad: नूपुर शर्मा प्रकरण पर जिस तरह से समर्थन और विरोध को लेकर हिंसात्मक माहौल बन गया है। जिस तरह से जुमे की नमाज के बाद देश की राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, पंजाब, पश्चिमी बंगाल और तेलांगना तक बवाल मचा है। जिस तरह से नूपुर शर्मा (Nupur Sharma Comment on Muhammad) के पक्ष में हिन्दू समाज और विरोध में मुस्लिम समाज खड़ा हो रहा है। ऐसे में देश में धर्म के आधार पर विस्फोटक स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही राजनीति न कर देश में अमन शांति के लिए प्रयास करना बनता है। जब बीजेपी ने नूपुर शर्मा का निष्कासन कर ही दिया है तो बवाल को शांत करने के लिए गिरफ्तारी के लिए भी गंभीर मंथन करना बनता है।

चुप्पी तोड़ें पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह  : ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह को चुप्पी तोड़कर देश में अमन, शांति और चैन बनाये रखने की बड़ी अपील करनी चाहिए। विपक्ष में चाहे ओवैसी हों या फिर कांग्रेस समेत दूसरे दल। इन लोगों के पास राजनीति करने के लिए दूसरे मुद्दे हैं। यह समय इस मामले को शांत करने का है न कि आग में घी डालने का। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को यह समझना होगा कि नूपुर शर्मा का मुद्दा देश में दूसरे भावनात्मक मुद्दे जैसा नहीं रहा है। जिस तरह से नूपुर शर्मा (Nupur Sharma Comment) का निष्कासन अरब देशों के दबाव की वजह से बताया जा रहा है। ऐसे में देश का मुसलमान भी आक्रामक मूड में आ गया है।

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बुद्धिजीवियों को भी आना होगा आगे : इस मालमे को इसलिए भी शांत करना बनता है क्योंकि यदि मामले ने और बड़ा रूप ले लिया तो इस तरह के मामलों के बढ़ने की आशंका देश में हो जाएगी। इन परिस्थितियों में सत्तापक्ष और विपक्ष के अलावा मुस्लिम और हिन्दू समाज के बुद्धिजीवियों और दूसरे जिम्मेदार लोग को भी आगे आकर देश को धर्म की आग में जलने से बचाना चाहिए। भले ही मुस्लिम समाज के लिए नूपुर शर्मा बड़ा मुद्दा हो पर देश के राजनीतिक दलों, मीडिया, बुद्धिजीवियों और सोशल एक्टिविस्टों को इसे मुद्दा बनाने के बजाय इसे शांति करने की ओर प्रयास करने चाहिए।

धर्मनिरपेक्षता के लिए करने होंगे सकारात्मक प्रयास : एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ में यदि राजनीतिक दल इस मामले में संभल न चले तो देश में कभी भी धार्मिक विस्फोट हो सकता है। जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश में साम्प्रदायिक सौहाद के प्रयास होने चाहिए। नूपुर शर्मा के बयान (Nupur Sharma Comment) मामले में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के हर मस्जिद में शिवलिंग ढूंढने से बचना चाहिए बयान से काम नहीं चलेगा।

देश में धर्मनिरपेक्षता के लिए सकारात्मक प्रयास करने होंगे। देश के जिम्मेदार लोगों को यह भी सोचना होगा। एक ओर देश बेरोजगारी से जूझ रहा है तो दूसरी ओर महंगाई की मार से लोग परेशान हैं। ऐसे में देश को अस्थिर करने में लगे विभिन्न्न संगठनों के बेरोजगारी का फायदा उठाकर युवाओं को अपने मकसद में इस्तेमाल करने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

सतपाल तंवर की गिरफ्तारी क्यों नहीं  ? दरअसल नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल प्रकरण पर अब राजनीति और धर्म की आड़ में कट्टरता बरतने के अलावा कुछ नहीं हो रहा है। निश्चित रूप से नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी (Nupur Sharma Comment on prophet Muhammad) कर एक विशेष धर्म की भावनाओं को आहत करने का काम किया है। इस पर उन्होंने माफी भी मांग ली है। भले ही इसे अरब देशों का दबाव माना जा रहा हो पर भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित भी कर दिया है।

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अब नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर पूरे देश में बवाल मच रहा है। भीम सेना के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष सतपाल तंवर ने तो नूपुर शर्मा की जीभ काटने वाले को एक करोड़ रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया है। यह राजनीति नहीं है तो क्या है ? नूपुर शर्मा के पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी करने से क्या सतपाल तंवर की भावनाएं भी आहत हो गईं ? सतपाल तंवर की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं की गई है ?

जामा मस्जिद के प्रदर्शन से शाही इमाम ने झाड़ा पल्ला :  क्या इस्लाम धर्म में जुमे की नमाज के बाद किसी मुद्दे को लेकर बवाल करना बताया गया है ? चाहे मुस्लिम धर्म हो, हिन्दू धर्म हो, सिख धर्म हो या फिर ईसाई धर्म। सभी धर्मांे में पूजा पाठ करके शांति मिलती है न कि किसी मुद्दे पर बवाल करने का उकसावा। वैसे तो देश की हर मस्जिद को मुस्लिम समाज में पवित्र स्थल माना जाता है पर जामा मस्जिद (Jama Masjid Delhi Protest) का तो अपना इतिहास और महत्व है। यदि इस तरह से धर्म स्थल पर इकट्ठा होकर मुस्लिम समाज के लोग बवाल करने लगे तो क्या उनकी इबादत पर उंगली नही उठेंगी ? दिल्ली जमा मस्जिदके बहार किये गए प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी हाथ में पोस्टर और बैनर लिए हुए थे। ये लोग नारेबाजी कर रहे थे । शाही इमाम ने कहा है कि विरोध की योजना बना रहे लोगों को उन्होंने (मस्जिद समिति) ने साफ कह दिया था कि विरोध का उनका कोई प्रोग्राम नहीं है। उन्होंने कहा कि शायद ये लोग ओवैसी के लोग थे।

वैसे जब भाजपा ने नूपुर शर्मा का पार्टी से निष्कासन कर दिया है तो उनकी गिरफ्तारी पर ज्यादा दिक्कत नहीं होनी चाहिए। नेताओं की गिरफ्तारी तो आम बात है। वैसे भी इससे न केवल बवाल रुकेगा बल्कि नूपुर शर्मा की और सुरक्षा हो सकेगी। वैसे भी पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी करने के बाद उनकी जान को खतरा बताया जा रहा है।

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बन रहा है तनाव भरा माहौल : यह समय राजनीति का नहीं बल्कि राजनीति से ऊपर उठकर देश और समाज के लिए सोचने का है। यह बात सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ही नहीं बल्कि विपक्ष को भी यह समझना होगा कि नूपुर शर्मा प्रकरण में अरब देशों के दबाव में आने से आने वाले समय में भारत के लिए तमाम परेशानियां खड़ी हो गई हैं। छोटे छोटे मुद्दों पर अरब देश ऐसे ही दबाव बनाने लगेंगे। वैसे भी भारत के इतिहास और मौजूदा वजूद के सामने अरब देशों का कोई महत्व नहीं है।

जिस तरह से नूपुर शर्मा के विरोध और पक्ष में धर्म के आधार पर देश में तनावभरा माहौल बन रहा है। यह किसी भी समय विस्फोटक हो सकता है। ऐसे में न केवल सत्तापक्ष बल्कि विपक्ष को भी आगे आकर मुस्लिम और हिन्दू समाज के लोगों से शांति की अपील करनी चाहिए।

जामा मस्जिद का न केवल मुस्लिम समाज बल्कि देश लिए भी बड़ा महत्व है। जुमे की नमाज के बाद जिस तरह से नूपुर शर्मा प्रकरण पर जामा मस्जिद (Jama Masjid Delhi Protest) पर बवाल हुआ। इससे देश में अच्छा संदेश नहीं गया है। जामा मस्जिद के शाही इमाम के यह कहने से काम नहीं चलेगा कि मस्जिद कमेटी की ओर से विरोध करने की कोई अपील नहीं की गई थी। अब आगे बढ़कर इमाम, मौलवियों को शांति की अपील करनी होगी।

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झारखंड की राजधानी रांची में भी मामले को लेकर बवाल हुआ है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बहुत नाराज हैं। उन्होंने बवाल पर चिंता जताते हुए कहा है कि जुल्मकारियों को सजा मिलनी ही चाहिए। यह बात उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कही है। रांची में हुए हिंसक प्रदर्शन (Nupur Sharma Ranchi Protest) के बाद पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी। इस फायरिंग ने एक व्यक्ति की मौत हो गई। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। रांची में हुए प्रदर्शन में पुलिस पर भी पथराव किया गया। एसएसपी समेत 3 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं। यहां पर बिहार से आये पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन की गाड़ी पर भी हमला किया गया।

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Kanpur Stone Pelting : नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर कानपुर में शुक्रवार को भी बवाल हुआ है। ज्ञात हो कि सबसे पिछले शुक्रवार को पहले कानपुर में ही हिंसा भड़की थी। जहां पर भारी स्तर पर पत्थरबाजी (Kanpur Stone Pelting) भी हुई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्थरबाजों पर बड़ी कार्रवाई की है। इस जुमे को नमाज के बाद कानपुर के अलावा मुरादाबाद, फिरोजपुर और सहारनपुर में भी बवाल हुआ है।

नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद और उनकी 9 साल की आयशा बीवी को लेकर टिप्पणी की थी। नूपुर शर्मा ने जाकिर नाइक का हवाला देते हुए कहा था कि जाकिर नाइक ने भी पैगम्बर मोहम्मद के अपनी 9 साल की बेटी से निकाह करने की बात कही थी।

नूपुर शर्मा के पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी (Nupur Sharma Comment on Muhammad) के बाद भले ही उन्हें भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया हो पर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। जहां उत्तर प्रदेश के कानपुर, सहारनपुर, फिरोजपुर में नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं अब बरेली में भी प्रदर्शन शुरू हो चुका है। रांची में दो लोगों की मौत हो गई है। पश्चिमी बंगाल के हावड़ा में भी प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है।

-चरण सिंह राजपूत

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