दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राजधानी जेलों में मोबाइल सिग्नल को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सीएम केजरीवाल ने दुनिया में मौजूद सबसे बेहतर जैमर तकनीक का अध्ययन कर उसके इस्तेमाल की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कमेटी गठन को मंजूरी दे दी. डीजी जेल की अध्यक्षता में जिस कमेटी के गठन को मंजूरी दी गई. उसमें आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर, आईआईएमसी बंगलूरू प्रोफेसर, डीआरडीओ के वैज्ञानिक, सी डाॅट के कर्मचारी, आईबी और एसपीजी के अधिकारी शामिल होंगे.
जल्दी ही इस योजना को अमलीजामा पहना दिया जाएगा। जेलों में कैदियों के लिए काउंसलिंग से लेकर अन्य कई कदम उठाए जा रहे हैं। जेलों में मॉडल जेल मैनुअल 2016 को पूरी तरह से अपनाया जाएगा। साथ ही जिलों में सुधार करने की दिशा में काम किया जाएगा। पिछले कुछ समय में सामने आया है कि गैंगस्टर या गंभीर किस्म के अपराधी जेलों से ही अपना नेटवर्क चला रहे हैं। इस काम को वह जेलों में जाने वाले छोटे अपराधियों के सहारे पूरा कर रहे हैं। कई भोले भाले लोग भी इनका शिकार हो रहे हैं।
इतना ही नहीं मोहाली में हुए आरपीजी हमले का एक आरोपी घटना से पहले जेल रहकर आया था।यह कमेटी दिल्ली सरकार को जेलों में 5 जी समेत संपूर्ण जैमर व्यवस्था लागू करने की तकनीक सुझाएगी. दिल्ली कारागार विभाग ने पिछले ढाई महीने में जेलों के अंदर से 340 से अधिक मोबाइल फोन बरामद हुए थे. महानिदेशक (जेल) संजय बेनिवाल ने संवाददाताओं को बताया कि जेल अधिकारियों ने ढाई महीने में 348 मोबाइल फोन बरामद किए.उन्होंने बताया, “जेल अधिकारियों ने बुधवार को जेल नंबर तीन में छापा मारा और 18 मोबाइल फोन और चार्जर जब्त किए.