एक से 30 सितंबर तक सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चलाया जाएगा अभियान, गर्भवती व धात्री महिलाओं को मातृत्व स्वास्थ्य के प्रति किया जाएगा जागरूक, जनपद में हैं 2595 गर्भवती व 23302 धात्री महिलाएं
नोएडा । सभी गर्भवती व धात्री महिलाओं में एनीमिया व कैल्शियम की कमी से होने वाले दुष्प्रभाव की रोकथाम, नियंत्रण एवं बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य सेवाएं तथा जागरूकता प्रदान करने के लिए जनपद में एक से 30 सितम्बर तक “एक कदम सुरक्षित मातृत्व की ओर” का दूसरा चरण चलाया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने दी। उन्होंने बताया अभियान के लिए जनपद में सभी तैयारियां पूरी कर ली गयीं हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (आरसीएच) डा. भारत भूषण ने बताया-गर्भवती व स्तनपान कराने वाली मां को विशेष पोषण की जरूरत होती है। यह मां-और शिशु दोनों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसलिए कहा जाता है कि स्वस्थ बचपन की नींव गर्भकाल के आरंभ से ही पड़ती है। गर्भकाल में मां का खानपान अच्छा होगा तो वह एक स्वस्थ और सुपोषित बच्चे को जन्म देगी। “एक कदम सुरक्षित मातृत्व की ओर” इसी कदम की एक कड़ी है।
एक से 30 सितंबर तक ओपीडी, आईपीडी, ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस के जरिए गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्वास्थ्य एवं पोषण की जानकारी देने के साथ ही आवश्यक पोषक तत्व कैल्शियम आयरन और फोलिक एसिड उपलब्ध कराएं जाएंगे और इसके साथ ही पेट के कीड़े निकालने वाली गोली एल्बेंडाजोल भी वितरित की जाएंगी। अभियान के दौरान दो माह के लिए पोषक तत्वों का वितरण किया जाएगा, इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया- “एक कदम सुरक्षित मातृत्व की ओर” अभियान का पहला चरण मई माह के दौरान जनपद समेत पूरे सूबे में चलाया गया था।
डा. भारत भूषण ने बताया – एक से 30 सितंबर तक चलने वाले अभियान में इस बात पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा कि गर्भावस्था के प्रथम त्रैमास में फोलिक एसिड, द्वितीय व तृतीय त्रैमास में एल्बेंडाजोल की एक गोली एक बार अवश्य दी जाए। उन्होंने बताया सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर एल्बेंडाजोल, कैल्शियम एवं आयरन फोलिक एसिड, आयरन सुक्रोज का इंजेक्शन मांग के अनुरूप प्रदान कर दिया गया है। सभी संबंधित आशा एएनएम को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ड्यू लिस्ट तैयार कर ली गयी है। जनपद में 2595 गर्भवती व 23302 धात्री महिलाएं हैं।
उन्होंने बताया- अभियान में पोषण सेवाओं के साथ-साथ परामर्श सेवा भी प्रदान की जाएगी। गर्भवती के पेट में कीड़े होने की स्थिति में गर्भ में पल रहे शिशु को पूरा पोषण नहीं मिल पाता और साथ ही गर्भवती के एनीमिक होने की आशंका बढ़ जाती है। उन्होंने बताया- अभियान के बारे में जानकारी घर-घर तक पहुंचाने के लिए आशा, एएनएम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं।