Nitish sarkar floor test: बिहार की राजनीति में इस वक्त सरगर्मी बनी हुई है। इसके पीछे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का माना जा रहा है। 12 फरवरी को नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को बहुमत परीक्षण करना है। उससे पहले लालू यादव की पार्टी की ओर से एनडीए खेमे में 17 विधायकों की टूट के दावे ने हलचल बढ़ा दी है।
पटना । बेहिचक 15 साल तक बिहार की कुर्सी पर डटे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अब खुलकर सीएम नीतीश कुमार के विरुद्ध मोर्चा खोल डाला है। अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल कर रहे लालू प्रसाद अपने सारे पत्ते एक बार नहीं खोल रहे हैं। सत्ता की मैजिक आंकड़ा तक पहुंचने के लिए अब वाम दल को आगे कर यह बता डाला कि वह खेला को अंजाम देने के लिए हर ताकत का इस्तेमाल करने से नहीं चूकेंगे।
अभी तक तो लग रहा था कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव खेला होवे कहकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। लेकिन धीरे-धीरे उनकी मिशन की गंभीरता सामने आने लगी।
पहला अहसास तब कराया जब कांग्रेस के भीतर टूट फूट की संभावना पर रोक के लिए विधायकों को हैदराबाद का रास्ता दिखाया। इसके बाद दूसरा अहसास तब हुआ जब जदयू के मंत्री श्रवण कुमार ने मीडिया के सामने खुलासा किया कि उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्हें तरह-तरह का प्रलोभन दिया जा रहा है पर जदयू के भीतर बात यहीं नहीं रुकी। जदयू के मंत्री श्रवण कुमार ने अपने विधायकों को भोज पर अपने आवास बुलाया। ताकि वे वन टू वन विधायकों के तेवर भांप सकें। इसके बाद रविवार को जदयू के मंत्री विजय चौधरी के यहां विधायकों का जमावड़ा है और इस दौरान भी जदयू विधायकों का स्क्रीनिंग होगी।
लालू यादव की गंभीरता का तीसरा अहसास तब हुआ जब भाजपा के विधायकों की भी बाड़ेबंदी शुरू कर दी गई। अब भाजपा विधायकों का नया पता गया हो गया है। अब ये सारे विधायक गया से सीधे विधान सभा पहुंचेंगे, लालू यादव की रणनीति का चौथा अहसास तब हुआ जब विधान सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने इस्तीफा देने से साफ इनकार किया और खुद को इतिहास पुरुष बनाते हुए अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने की घोषणा कर दी। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री का ऑफर देकर लालू यादव ने एक बड़ी चाल चल मिशन खेला की गंभीरता को बताया।
मैजिक नंबर की कमान अब वाम के कंधे
अंततः राजद सुप्रीमो ने मिशन खेला का भार वाम दल के कंधों पर डाल दिया। राजनीति की बिछी बिसात पर राजद सुप्रीमो ने वाम दल को आगे करते हुए एक नई चाल चलकर बिहार में सियासी तापमान को बढ़ा डाला है। खबर यह है कि जीतन राम मांझी से मिलने बलरामपुर से माले विधायक महबूब आलम और सीवान के दरौली से माले विधायक सत्यदेव राम उनके आवास पहुंचे।
दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में मुलाकात हुई है। अब वे अपने मिशन में कितने कामयाब होंगे वह तो 12 फरवरी को पता चलेगा। अब देखना यह है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अविश्वास प्रस्ताव को गिराने में कामयाब होते हैं या नहीं।