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सीएम की कुर्सी और बीजेपी वाले ‘खास ऑफर’ के बीच फंसे नीतीश कुमार!

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आखिर अचानक क्यों खुश हुए तेजस्वी यादव?

दीपक कुमार तिवारी

नई दिल्ली/पटना। नीतीश कुमार के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर संदेह के बादल के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के ताजा बयान से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। गिरिराज सिंह का यह बयान कि नीतीश कुमार और नवीन पटनायक को भारत रत्न दिया जाए, कहीं नीतीश कुमार को उनकी राजनीति के आखिरी स्टेप की और इशारा तो नहीं कर रहे हैं? या फिर बिहार की कुर्सी के प्रति मोह त्यागने का सुरक्षित राह का दर्शन करा रहे हैं? जानते हैं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि नीतीश कुमार इतने साल से बिहार के सीएम हैं। इनके शासन में विकास की लहर तेज गति से बही है। इसलिए नीतीश कुमार को पुरस्कृत किया जाए, उन्हें भारत रत्न दिया जाए। हालांकि बड़े सलीके से इस बयान को कहीं एग्जिट प्लान न मान लिया जाए। इससे बचते हुए यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। ये भी कह डाला कि अगला सीएम भी नीतीश कुमार ही होंगे।
लेकिन यह केवल केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ही बात नहीं रह गई अब तो जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने भी कहा है कि नीतीश कुमार ने बिहार को बदहाली के दौर से निकाला है। बिहार को विकास के पायदान पर ले जाने वाले नीतीश कुमार हैं। ये कारण काफी हैं नीतीश कुमार को अगर भारत रत्न दिया जाता है तो और ऐसा हुआ तो यह पूरे बिहार के लिए सम्मान की बात होगी।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पहले भी यह मांग उठ चुकी है। नीतीश कुमार के प्रशंसकों की बात करें तो कई माह पहले एक प्रशंसक ने तो नीतीश कुमार के लिए भारत रत्न की मांग कर दी। जेडीयू की ओर से प्रदेश कार्यालय में राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान कार्यालय के गेट पर बड़े-बड़े पोस्टर बैनर लगाया गया। इसमें एक खास पोस्टर था नीतीश कुमार को भारत रत्न मिलना चाहिए।
पार्टी के कई मंत्री और वरिष्ठ नेताओं ने भी इसमें हामी भर दी और कहा कि नीतीश कुमार ने इतना ज्यादा बिहार के लिए और देश के लिए काम किया है उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए। उद्देश्य यह है कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री डॉ. विधान राय की तरह ही नीतीश कुमार को भी मुख्यमंत्री रहते भारत रत्न मिल जाए।
बात यहीं नहीं रुकीं, प्रशंसकों ने तो नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार तक देने की मांग कर दी। जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने भी तर्क दिया कि महिला सशक्तिकरण के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। नीतीश कुमार ने महिला सशक्तिकरण में बड़े परिवर्तन किए हैं।
गौर करें तो क्या भाजपा क्या जदयू दोनों ही दलों के वरीय नेताओं की ओर से भारत रत्न या कि नोबेल पुरस्कार की मांग करना नीतीश कुमार के बेहतर एग्जिट प्लान की भूमिका लगती है। भारत रत्न मिलना मतलब सक्रिय राजनीति को अलविदा कहना जैसे लगता है। इसके पीछे जो राजनीति की अंदरूनी धारा है वह यह कि भाजपा सीएम पद की हकदार तभी होगी जब नीतीश बिहार की राजनीति से बेहतर रूप में एग्जिट करें।
दूसरी ओर जदयू की राजनीति का एक फंडा यह भी है कि नीतीश के बाद सेकंड लाइनर को राजनीति की अग्रिम पंक्ति में जगह मिल सकती है। यह तभी संभव है जब नीतीश कुमार की राजनीति सम्मान की भेंट चढ़े। फिलहाल, गिरिराज सिंह के बयान के कई मतलब निकाले जाने लगे हैं। उधर, जानकार कहते हैं कि गिरिराज सिंह के बयान के मतलब निकालने से क्या फायदा, कमोबेश यही सुर तो जेडीयू के नेता भी अलापते रहे हैं। नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग सबसे पहले जेडीयू ने उठाई थी।