तेजस्वी के आरोपों से बिहार की सियासत में खलबली
पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तेजस्वी का कहना है कि नीतीश कुमार, सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के जरिए उनकी जासूसी करवा रहे हैं। तेजस्वी ने यह दावा झंझारपुर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद किया। उन्होंने बताया कि बैठक में कुछ लोग संदिग्धजनक लगे, जो बाद में सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के निकले। तेजस्वी यादव झंझारपुर में अपने कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे।
झंझारपुर में कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद उन्होंने अतिथि गृह में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे उनकी पार्टी की बैठक में सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के लोग घुस आए थे। तेजस्वी ने कहा, ‘एक जगह हमारी बैठक में सीआईडी और स्पेशल ब्रांच वाले बैठे हुए थे और नोट कर रहे थे। हमें लगा कि पत्रकार हैं। पार्टी की जो आंतरिक बैठक होती है उसमें फोटो लेने के बाद पत्रकार बाहर चले जाते हैं। मगर, कुछ लोग हिलने का नाम नहीं ले रहे थे। बाद में पता चला कि वो लोग स्पेशल ब्रांच और सीआईडी के लोग थे। बकायदा उन्होंने अपना कार्ड दिखाया।’
तेजस्वी ने आगे कहा कि नीतीश कुमार डरे हुए हैं और इसीलिए उनकी जासूसी करवा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री पूरी तरीके से जासूसी करवा रहे हैं, यह साफ हो चुका है। वो भयभीत हैं, डरे हुए हैं।’ तेजस्वी यादव के इस आरोप ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्ष तेजस्वी यादव के समर्थन में आ गया है और नीतीश सरकार पर हमलावर है। विपक्षी दलों का कहना है कि नीतीश सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है और विरोधियों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। ये मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।
तेजस्वी यादव और सत्ताधारी पार्टी जदयू के बीच जासूसी का आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। जदयू ने तेजस्वी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उनकी सुरक्षा के लिए सीआइडी इनपुट देती है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ‘सबसे पहली बात तो यह है कि राज्य के सीएम को ऐसा कोई आदेश जारी करने का दायित्व नहीं है। पुलिस-प्रशासन का दायित्व है कि वो प्रतिपक्ष के नेता हैं या कोई भी राजनीतिक घटनाक्रम हो, जुलूस हो या प्रदर्शन हो या धार्मिक समारोह हो तो सीआईडी तो इनपुट देता ही है। ये कौन सी बड़ी बात है। इसके राजनीतिक अर्थ नहीं हैं।’
नीरज कुमार ने आगे कहा, ‘इसके भावार्थ यह है कि संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है। पुलिस-प्रशासन की होती है। तो जगह-जगह जिला के अंदर स्कॉट क्यों दिया जाता है? स्कॉट आपको मिला हुआ हो तो स्कॉट क्यों लेते हैं? इसीलिए ना कि जिले के अंदर का जो पुलिस-प्रशासन है उसके संज्ञान में भी बात रहे। इसलिए ऐसे सवाल पर राजनीति करने से बेहतर है कि पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली की जानकारी रखनी चाहिए।’
तेजस्वी यादव ने अपने आरोपों में यह भी कहा था कि नीतीश कुमार भयभीत हैं, इसलिए उनके पीछे सीआईडी को लगाया जा रहा है। तेजस्वी ने कहा था, ‘इससे अच्छा होता कि वो बिहार में अपराध पर लगाम लगाने पर ध्यान देते।’
इसपर नीरज कुमार ने कहा, ‘बिहार की जनता ही भयभीत नहीं रहती है। जब रात के दो बजे भी कोई घर में बीमार होता है तो जनता आराम से सड़क पर निकल जाती है बिना डरे, तो नीतीश कुमार किस बात के लिए भयभीत होंगे। राजनीति में कोई भयभीत होता है? जब हमें साल 1995 में सात सीटें आई थीं, हमारे चार विधायक चले गए थे तब उस वक्त लोग कहते थे कि नीतीश कुमार की राजनीति खत्म हो गई। नीतीश कुमार की राजनीति फिर जिंदा हो गई। वो 2005 से लगातार राज्य के मुख्यमंत्री हैं।’