दिवाली बाद बदलेगी सियासत या होगा खेला?
दीपक कुमार तिवारी
नई दिल्ली/पटना। बिहार में राजनीतिक हलचल एक बार फिर तेज़ हो गई है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 28 अक्टूबर को एनडीए नेताओं के साथ एक अहम बैठक की, जिसमें उन्होंने 2025 के चुनाव के लिए 225 सीटों का लक्ष्य तय कर नया टास्क दिया। इस बैठक में साफ संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी फिलहाल बिहार में सीएम की कुर्सी से दूर है और 2025 में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ही विधानसभा चुनाव लड़ेगा।
अब खबर है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दिवाली के बाद पटना आने वाले हैं। खास तौर पर छठ पूजा के मौके पर नड्डा सूर्य देव से आशीर्वाद लेने 7 नवंबर को पटना पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान वे गंगा घाट पर छठ व्रतियों को अर्घ्य देंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उनके साथ रहेंगे। नड्डा और नीतीश के गंगा घाटों पर जाने की योजना है, जिससे दोनों नेता एकता का संदेश देकर विपक्ष को भी सियासी संकेत देंगे।
जेपी नड्डा के इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री आवास पर उनकी नीतीश कुमार से मुलाकात भी संभावित है। माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बिहार के आगामी राजनीतिक समीकरणों पर चर्चा हो सकती है। जेपी नड्डा का पटना से पुराना संबंध रहा है। यहीं से उन्होंने पटना कॉलेज में पढ़ाई की और अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत भी की, इसलिए इस बार के उनके दौरे से पार्टी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है।
छठ पूजा, जिसे दिवाली के छह दिन बाद मनाया जाता है, बिहार का प्रमुख त्योहार है। हर साल नहाय-खाय से शुरू होकर सुबह के अर्घ्य के साथ समाप्त होने वाला यह पर्व राज्य में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। नड्डा के पटना दौरे से बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह का माहौल है, और अभी से उनके स्वागत की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
इस बार छठ पूजा के मौके पर नीतीश और नड्डा की एकता विपक्ष को एक अहम राजनीतिक संदेश भी दे सकती है।