परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों आईयूसीडी और अंतरा पर महिलाओं ने जताया भरोसा
नोएडा । परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 22 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलाए गये पुरुष नसबंदी पखवाड़े में समझदारी दिखाते हुए जनपद में नौ पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी की सेवा प्राप्त की । परिवार नियोजन के मामले में महिलाओं ने काफी जागरूकता दिखायी, इस दौरान ही 186 महिलाओं ने आगे आकर स्वेच्छा से नसबंदी करायी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया-जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन संबंधी स्थाई और अस्थाई सभी सेवाएं रोजाना ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध करायी गयीं। इस दौरान जहां नौ पुरुष नसबंदी कराने के लिए आगे आये वहीं इसमें महिलाओं ने भी खुद से आगे आकर भागीदारी की। 186 महिलाओं ने नसबंदी करायी। उन्होंने कहा – समाज में परिवार नियोजन को लेकर एक आम धारणा है कि यह कार्यक्रम जनसंख्या नियंत्रण के लिए चलाया जाता है, जबकि इस कार्यक्रम का उद्देश्य दो बच्चों के जन्म के बीच सुरक्षित तीन साल का अंतर और अपने संसाधनों के मुताबिक परिवार को नियोजित करने के लिए प्रेरित करना है। दो बच्चों के के जन्म के बीच तीन साल का अंतर मां और बच्चे, दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा – परिवार नियोजन की जिम्मेदारी संभालने में पुरुष पीछे रहते हैं, उन्हें भी बराबर की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया – पुरुष नसबंदी मामूली सी शल्य क्रिया है। नसबंदी कराने के बाद कुछ ही देर में लाभार्थी को घर भेज दिया जाता है। नसबंदी कराने के बाद पुरुष अपने सारे कार्य पूर्ववत कर सकता है। इससे उसके वैवाहिक जीवन पर भी कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।
उन्होंने कहा परिवार की अधिकतर जिम्मेदारी महिलाओं पर होती है। शासन की मंशा है परिवार की जिम्मेदारी में पुरुषों की भागीदारी हो। परिवार नियोजन को अपनाने के लिए पुरुषों को आगे आना होगा। पुरुषों के सहयोग के बिना परिवार नियोजन कार्यक्रम को वांछित सफलता नहीं मिल सकती। आशा कार्यकर्ता और एएनएम लगातार लाभार्थियों को परिवार नियोजन के बारे में विस्तार से जानकारी देती हैं। इसके अलावा हर माह की 21 तारीख को आयोजित किए जाने वाले खुशहाल परिवार दिवस पर परिवार नियोजन की सभी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। उस दिन परिवार नियोजन से संबंधी सलाह भी चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा केंद्र पहुंचने वालों को दी जाती है।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़े में नौ पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी कराई। इसी दौरान 186 महिलाओं ने भी परिवार नियोजन का स्थाई साधन (नसबंदी) अपनाया। इसके अलावा परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में 449 महिलाओं ने आईयूसीडी, 299 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी, तीन महिलाओं ने पीएआईयूसीडी, 383 महिलाओं ने गर्भ निरोधक इंजेक्शन “अंतरा” पर भरोसा जताया है। 1865 महिलाओं को गर्भनिरोधक गोली छाया, और 2748 को माला-एन वितरित की गई। इसके अलावा 565 ईसीपी और 10023 से अधिक कंडोम वितरित किए गए।