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राहुल गांधी के पटना पहुंचने पर बिहार में उभरेंगे नए समीकरण!

Patna, June 23 (ANI): Congress leader Rahul Gandhi being welcomed by Bihar Chief Minister Nitish Kumar on his arrival in Patna to attend the Opposition leaders' meeting, on Friday. (ANI Photo)

18 को आरजेडी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक तो और कांग्रेस का संविधान सुरक्षा सम्मेलन 

लालू प्रसाद-राहुल गांधी और नीतीश कुमार की हो सकती है बैठक 

संविधान सुरक्षा सम्मेलन में पहुंच रहे हैं प्रतिपक्ष नेता, नीतीश की मज़बूरी बना लालू से हाथ मिलाना 

बीजेपी ने चौतरफा कर दी है नीतीश कुमार की घेराबंदी, टिकट बंटवारे में बिगड़ सकती है बीजेपी जदयू की बात, संजय झा और ललन खुद बन रहे नीतीश के लिए चुनौती 

चरण सिंह 

नई दिल्ली/मुंबई/पटना। खरवास के बाद 18 जनवरी को एक ओर जहां आरजेडी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है वहीं कांग्रेस संविधान सुरक्षा सम्मेलन करने जा रही है। प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी इस सम्मेलन पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि राहुल गांधी की मुलाकात नीतीश कुमार से हो सकती है। ऐसे में बिहार में खेला होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि बिहार की राजनीति क्या करवट लेने वाली है ?
देखने की बात यह है कि भले ही नीतीश कुमार ने कह दिया हो कि वह कहीं नहीं जाने वाले हैं उनसे दो बार गलती हो चुकी है अब नहीं होगी। भले ही तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के लिए कह रहे हों कि वह थक चुके हैं। उनके लिए दरवाजे खुले रखने तो दूर अब खिड़की भी नहीं खुली है। इन सब के बावजूद खरवास के बाद 18 जनवरी को बिहार में बड़ा खेला हो सकता है।  देखने की बात यह है कि जब नीतीश कुमार दिल्ली गए थे तो भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न मिले हों भले ही उनकी मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह से हो पाई हो भले ही जेपी नड्डा उनसे न मिले हों पर उनकी मुलाकात प्रियंका गांधी से होने की खबर जरूर बाहर आई थी। ऐसे में बिहार में यह माना जा रहा है कि राहुल गांधी के जाने के बाद बड़ा खेला हो सकता है।

दरअसल नीतीश कुमार यह समझ चुके हैं कि अब बीजेपी उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाने जा रही है। जहां  तक जदयू का स्ट्राइक रेट बीजेपी से ज्यादा बताने की बात सामने आ रही हो तो नीतीश कुमार भी जानते हैं कि बीजेपी उनको ज्यादा सीटें नहीं देने जा रह है, क्योंकि बिहार में चिराग पासवान, जीतन राम मांझी उपेंद्र कुशवाहा को भी सीटें देनी हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि बिना नीतीश के तो बीजेपी सरकार बना नहीं सकती है। ऐसे में नीतीश कुमार चुनाव के बाद खेल कर देंगे ?
दरअसल जिस तरह से महाराष्ट्र में शरद पवार के सासंदों को तोड़ने का प्रयास अजित पवार के लोगों द्वारा कराया गया उसी तरह के प्रयास जदयू के सांसदों को तोड़ने का हो सकता है। इस तरह की खबर चल भी चुकी है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि चुनाव से पहले ही जदयू को तोड़ लिया गया तो नीतीश कुमार क्या करेंगे ? ऐसे में नीतीश कुमार टिकट बंटवारे में दबाव बनाना चाहेंगे। नीतीश कुमार की रणनीति है कि खरवास के बाद बीजेपी को यह एहसास जरूर करा दिया जाए कि वह महागठबंधन में जाकर बिहार में बीजेपी और केंद्र सरकार को कमजोर भी कर सकते हैं। बीजेपी यह भी जानती है कि यदि नीतीश कुमार एनडीए छोड़ते हैं तो वह चंद्रबाबू नायडू को भी साथ ला सकते हैं। एकनाथ शिंदे पहले से ही बीजेपी से खार खाये हुए हैं। चिराग पासवान के करीबी हुलास पांडेय के घर पर ईडी के छापे के बाद चिराग पासवान भी बीजेपी से खुन्नस खाये हुए हैं। ऐसे में 12 सांसद जदयू, 5 सांसद चिराग पासवान, 7 सांसद एकनाथ शिंदे यदि एनडीए से अलग हो गए तो मोदी सरकार अल्पमत में आ जाएगी। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू, जयंत चौधरी, पवन कल्याण एनडीए में क्या करेंगे ?
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