घरेलू पेय से बढ़ती है लू से लड़ने की क्षमता, रहता है शरीर में पानी का संतुलन कायम
सुभाष चंद्र कुमार
समस्तीपुर पूसा। हीट वेव जानलेवा होने की हद तक खतरनाक हो सकता है। इसलिए यथा संभव दिन के समय घरों में ही रहे, और जरूरत के हिसाब से सिकंजी, शरवत्, आम रस, लस्सी, आदि घरेलू पेय का सेवन करते रहे। मुजफ्फरपुर एवं समस्तीपुर जिला क्षेत्र के सुप्रसिद्ध होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ एके राय ने मंगलवार को दक्षिणी हरपुर स्थित निजी आवासीय परिसर के क्लीनिक पर मरीजों को सलाह देते हुए उक्त चातें कही।
उन्होंने कहा कि जब कि दिन निकलते ही सूर्य के तेवर तल्ख हो जाते हैं। ऐसे में लोगों को हरसंभव तेज धूप से बचने की जरूरत है।घर से निकलना बेहद आवश्यक हो तो शरीर को अच्छी तरह से ढक कर निकले और घर से निकलने के पुर्व भर पेट पानी पी ले इससे हीट वेव का असर कम होगा। डॉ राय ने बताया कि गर्मियों में शरीर में पानी का संतुलन बनाये रखना बेहद आवश्यक होता है।
कम पानी पीने के कारण ही इन दिनों लू लगने की शिकायतें बढ़ गई है, यहीं डायरिया, डिसेन्ट्री आदि के मरीजों में वृद्धी हुई है। त्वचा का गर्म, लाल या शुष्क हो जाना, त्वचा झुलस जाना, पसीना न आना, धडकन बढ़ना, सांस की गति बढ़ जाना, सिर दर्द, थकान आदि हॉट स्ट्रोक ( लू लगने) के लक्षण है। इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को लू लग गई है, तो वह डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है, उसके शरीर में पानी की कमी हो जायेगी। शरीर का तापमान लगभग 102 डिग्री या उससे अधिक होगा और उसे बार-बार प्यास लगेगी। डॉ राय ने बताया कि युवाओं की तुलना में बच्चों और बुजुर्गों को लू लगने की संभावना बहुत अधिक होती है।
इस लिए इनके लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें। बाजार के शीतल पेय, आईसक्रीम आदि के सेवन से बचने का सुझाव देते हुए उन्होने कहा कि घरेलू पेय का उपयोग लाभकारी होगा। इससे लू से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है।