एनडीए सांसदों ने की सीएम नीतीश से कड़ी कार्रवाई की मांग

0
15
Spread the love

 जहरीली शराब से दर्जनों मौतों के बाद बिहार सरकार पर सवालों की बौछार

 पटना। सारण और सिवान जिलों में जहरीली शराब से दर्जनों मौतों के बाद बिहार सरकार विपक्ष और जनता के भारी दबाव में है। एनडीए के प्रमुख सांसदों ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और बिहार सरकार से त्वरित और ठोस कदम उठाने की मांग की है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और फिल्म अभिनेता मनोज तिवारी ने शुक्रवार को इस घटना को “बेहद दुखद” बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि शराबबंदी कानून और इसके क्रियान्वयन की पूरी समीक्षा की जाए।

मनोज तिवारी ने साफ किया कि वह इस मामले को लेकर सरकार से बातचीत करेंगे और राज्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। उनके साथ ही राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शराबबंदी कानून तभी सफल हो सकता है जब लोगों का सहयोग मिले।

शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग:

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि केवल सरकार के प्रयासों से शराबबंदी सफल नहीं हो सकती। इसके लिए जनता का सहयोग बेहद जरूरी है। उन्होंने शराब पीने की आदत को लेकर समाज को आत्मनिरीक्षण करने की बात कही और जोर देकर कहा कि इस समस्या का समाधान बिना जनभागीदारी के संभव नहीं है।

घटनाओं की पुष्टि और बढ़ते मौतों के आंकड़े

सारण और सिवान जिलों में दुर्गा पूजा के बाद जहरीली शराब पीने के मामले सामने आए थे। बिहार पुलिस ने अब तक 25 मौतों की पुष्टि की है, लेकिन स्थानीय लोगों और रिपोर्ट्स के अनुसार, मरने वालों की संख्या 50 से भी अधिक हो सकती है। कई पीड़ितों का अस्पतालों में इलाज जारी है, और कुछ मामलों में, पीड़ितों की आंखों की रोशनी भी चली गई है।

सरकार की प्रतिक्रिया और उच्चस्तरीय बैठक:

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना के मद्देनजर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने राज्य के डीजीपी को निर्देश दिया कि शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू किया जाए और शराब तस्करी रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही, कुछ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की गई है, लेकिन राज्य में शराबबंदी को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

एनडीए सांसदों की मांग और जनता का बढ़ता दबाव सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। अब देखना होगा कि बिहार सरकार इस गंभीर मुद्दे से कैसे निपटती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कौन से कदम उठाए जाते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here