Site icon The News15

पुराने प्रदर्शन को दोहरा सकती है एनडीए

बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर आज वोटिंग

दीपक कुमार तिवारी 

पटना।बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर मंगलवार सात मई को चुनाव है. ये पांच सीट हैं- अररिया, खगड़िया, मधेपुरा, सुपौल और झंझारपुर. इन पांच सीटों में झंझारपुर, सुपौल और मधेपुरा में एनडीए उम्मीदवार मजबूत नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि एनडीए अपने पुराने प्रदर्शन को यहां दोहरा सकती है। मंगलवार को जिन पांच सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उसमें तीन सीटों पर 2019 में जेडीयू एक सीट पर बीजेपी और एक सीट पर एलजेपी ने जीत दर्ज की थी।

अररिया सीट पर बीजेपी और खगड़िया सीट पर जीत दर्ज करने वाली एलजेपी को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं झंझारपुर, मधेपुरा और सुपौल में जेडीयू के लिए मुफीद माहौल है। कोसी क्षेत्र में आने वाली इन तीनों सीट पर 2019 में जेडीयू ने जीत दर्ज की थी।झझारपुर सीट पर जेडीयू और वीआईपी के बीच मुकाबला है। यहां आरजेडी ने अपने कोटे की सीट वीआईपी को दी है।

वीआईपी ने यहां बीजेपी से आए सुमन कुमार महासेठ को मैदान में उतारा है। वीआईपी बिना किसी तैयारी के यहां चुनाव लड़ रही है. यहां उनका अपना कोई कैडर नहीं है। यही वजह है कि बीजेपी नेता रहे सुमन पर सहनी ने दाव लगाया है। इससे पहले यहां गुलाब यादव को टिकट देने की चर्चा थी। लेकिन बाजी मार ली सुमन ने। तब नाराज गुलाब यादव निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं।

गुलाब यादव यहां बड़ा चेहरा रहे हैं। पिछले साल उन्होंने आरजेडी से बगावत कर अपनी पत्नी को एमएलसी चुनाव में जीत दिलाई थी। उनकी बेटी जिला परिषद की अध्यक्ष हैं। गुलाब यादव की क्षेत्र में बड़ी पकड़ है। गुलाब यादव जितनी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे जेडीयू के रामप्रीत मंडल को उतना फायदा होगा।
सुपौल में लालू यादव ने दलित पर दाव खेला है।

शायद इसके पीछे आरजेडी प्रमुख की M-Y (मुस्लिम-यादव) के साथ दलितों को लाकर जेडीयू को मात देने की सोच रही होगी। लेकिन इसका उन्हें बहुत ज्यादा फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। यहां दलित चिराग पासवान को नेता मान रहे हैं तो या फिर नरेंद्र मोदी को। जीतनराम मांझी भी दलितों को जेडीयू के पाले में लाने में कामयाब दिख रहे हैं। वहीं जेडीयू नेता बिजेंद्र यादव जो सुपौल के बड़े नेता हैं वह यादवों को तोड़ने में कामयाब हो रहे हैं।

क्षेत्र के धानुक और मेहता नीतीश कुमार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। तो सवर्ण बीजेपी के नाम पर. सुपौल में करीब तीन लाख यादव मतदाता हैं।मधेपुरा में यादव बनाम यादव की लड़ाई है। यहां जेडीयू के मौजूदा सांसद दिनेश चंद्र यादव और प्रोफेसर कुमार चंद्रदीप के बीच लड़ाई है। मधेपुरा में 22 से 24 प्रतिशत आबादी यादव और 16 प्रतिशत मुस्लिम हैं। इनका जोड़ 38-40 प्रतिशत होता है।

मधेपुरा में यादव वोट निर्णायक रहते हैं. जेडीयू उम्मीदवार दिेनेश चंद्र यादव यादवों को लालू यादव के पाले से पिछली बार की तरह ही इसबार भी अपने साथ लाने में कामयाब दिख रहे हैं। एनडीए. मांझी और चिराग के सहारे करीब 15 प्रतिशत दलित वोट को अपने पाले में लाते नजर आ रहे हैं।इसके साथ ही सवर्ण (राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण और कायस्थ) की आबादी भी लगभग 15 प्रतिशत है। ये वोटर एनडीए के माने जाते हैं। वैश्य बीजेपी के और नीतीश कुमार के कोर वोटर लव-कुश को मिलाकर एनडीए के लिए यहां बड़ा वोट पैकेट तैयार हो रहा है।

Exit mobile version