हैदराबाद | तेलंगाना के मुलुगु जिले में नक्सलियों ने एक पूर्व सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी और उसे पुलिस का मुखबिर करार दिया। तीन दिन पहले नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए कोरसा रमेश (33) का शव बुधवार को तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर कोट्टापल्ली इलाके के पास मिला।
पुलिस के अनुसार, मुलुगु जिले के वेंकटपुर मंडल के के. कोंडापुर गांव के पूर्व सरपंच और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक कार्यकर्ता का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था, जब वह किसी काम के लिए पड़ोसी राज्य गए थे।
कुछ समय से एतुरनगरम में रहने वाला रमेश 20 दिसंबर को अपनी मोटरसाइकिल पर एक दोस्त के साथ छत्तीसगढ़ जिले के भीमाराम गए थे। दोनों ने भद्राद्री कोठागुडेम जिले के चिरला इलाके से यात्रा की थी।
उसके परिवार को बाद में पता चला कि अज्ञात लोग उन्हें किसी मामले पर चर्चा करने के लिए ले गए थे। हालांकि, अधिक जानकारी नहीं होने पर परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। बुधवार को रमेश का शव उसी इलाके से मिला, जहां से उसका अपहरण किया गया था।
शव देख स्थानीय लोगों ने रमेश के परिवार को सूचना दी। शरीर पर चोट के निशान इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि उनके मुंह में गोली मारी गई है। पुलिस का मानना है कि बुधवार को उसकी गोली मारकर हत्या की गई है।
रमेश के साथ अपहरण किए गए व्यक्ति को कथित तौर पर रिहा कर दिया गया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नक्सलियों ने रमेश के शव के पास एक पत्र छोड़ा था, जिसमें कहा गया है कि उसे पुलिस के मुखबिर के रूप में काम करने के लिए दंडित किया गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) वेंकटपुरम-वाजेदु क्षेत्र समिति के सचिव शांता के नाम पर लिखे पत्र के अनुसार वेंकटपुरम के उपनिरीक्षक जे. तिरुपति ने रमेश को मुखबिर बना दिया था।