राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा ने दिल्ली जंतर मंतर के आंदोलन में झोंकी पूरी ताकत 

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राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा
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हर हाल में बनाया जाएगा आंदोलन को सफल : अशोक शर्मा नाई 

भूखे पेट भी लड़ेंगे भुगतान की लड़ाई : राधे श्याम सोनी 

भुगतान न होने तक जारी रहेगी लड़ाई : विजय वर्मा 

केंद्र सरकार को कराया जाएगा उसकी जिम्मेदारी की अहसास : आरिफ खान 

द न्यूज 15 
नई दिल्ली।  सहारा पर ठगी का आरोप लगाकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर ७ फरवरी से आंदोलन कर रहे राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा ने युद्धस्तर पर इस लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है। संगठन ने देश भर के अपने पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है। इस आंदोलन में इस संगठन को दूसरे संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है।  कार्यक्रम के आयोजकों की ओर से तरह-तरह के दावे किये जा रहे हैं।
बिहार के बाद उत्तर प्रदेश से बड़े स्तर पर  निवेशकों के दिल्ली जंतर-पर पहुंचने का दावा किया जा रहा है। पूर्वांचल से सिद्धार्थनगर, सन्त कबीर नगर बस्ती देवरिया महराजगंज आदि जिलों से 2000 लोगों के  जंतर मंतर पर पहुँचने की बात की जा रही है। ये सभी लोग राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर के नेतृत्व में दिल्ली पहुंच रहे हैं।
आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूर्वांचल नाई सभा के संस्थापक अशोक कुमार शर्मा नाई ने पूरी ताकत झौंक दी है। इनका संगठन आंदोलन को सफल बनाने में पूरी तरह से लग गया है। उनका कहना है कि आंदोलन कर्पूरी ठाकुर और लोक नारायण जय प्रकाश नारायण के पद चिह्नों पर चलते हुए देश और समाज की सेवा कर रहा है।
राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव राधेश्याम सोनी आज़ाद का कहना है कि भूखे पेट सो जाएंगे, लेकिन भुगतान के लिए लड़ते रहेंगे। जब तक उनका भुगतान नहीं हो जाता तब तक वे जंतर मंतर पर डटे रहेंगे।  राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष विजय वर्मा का कहना है कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक उनक भुगतान नहीं हो जाता है। हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष व  दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि हर परेशानी का सामना करते हुए वे इस लड़ाई को जीतेंगे।  हर हाल में भुगतान करा के ही लौटेंगे।  प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश आरिफ खान ने कहा है कि लड़ाई को हमेशा जारी रखना है जबतक भुगतान नहीं हो जाती है। इन आंदोलनकारियों का कहना है कि देश की राजधानी में मोदी सरकार को उसकी जिम्मेदारी का अहसास कराया जाएगा।
उधर सहारा ने सेबी पर देनदारी का आरोप लगाकर उसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। जहां सहारा कर्मी सेबी के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं वहीँ अब सहारा ने सुप्रीम कोर्ट में सेबी के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की है।
दरअसल सहारा इंडिया परिवार ने सेबी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की है।  सेबी में संबंधित अधिकारियों को इसके आचरण के लिए दंडित करने के लिए शीर्ष अदालत से प्रार्थना की गई है । सहारा का दावा है कि सेबी का सहारा द्वारा 62,602 करोड़ रुपये जमा करने की बात बिल्कुल गलत है। यह कर सेबी ने अदालत की अवमानना की है। सहारा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने और सहारा के खिलाफ जनता में आक्रोश पैदा करने के लिए सेबी ने एक निराधार और निराधार आवेदन भरा है। सहारा का कहना है कि शीर्ष अदालत ने 6 फरवरी, 2017 को अपने आदेश में निर्देश दिया था कि वह मूल राशि से संबंधित है और ब्याज के मुद्दे को बाद में बताया जाएगा, लेकिन सेबी ने निर्देशों की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए ब्याज राशि को शामिल किया है।
सहारा का कहना है कि, ऐसा लगता है कि सेबी ने कुछ निहित स्वार्थों को विकसित किया है ताकि कमजोर बहाने से सत्यापन अभ्यास से बचा जा सके। आज तक की राशि रु. सेबी-सहारा रिफंड खाते में 24029.73 करोड़ रुपये की मूल राशि के खिलाफ 22,500 करोड़ रुपये पड़े हैं, जिसका अर्थ है कि सहारा को केवल रुपये जमा करना है। मूलधन की ओर 1529 करोड़। सेबी के आवेदन का एकमात्र उद्देश्य पूर्वाग्रह पैदा करना और पूरे सहारा समूह में जनता के विश्वास में गिरावट सुनिश्चित करना है। सहारा ने कहा कि ऐसी जिम्मेदार और सम्मानित संस्था से वास्तव में इसकी उम्मीद नहीं है।

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