RashtraNirman Teem : बैठक में लिए गए कई निर्णय 

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13-14 अगस्त को बनारस में संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति द्वारा आयोजित राष्ट्रनिर्माण समागन में बनी थी यह टीम
नयी दिल्ली में राष्ट्र निर्माण टीम की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह टीम 13-14 अगस्त को बनारस में संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति द्वारा आयोजित राष्ट्र निर्माण समागम में बनी थी । इस समागम में पेश प्रारूपों के आधार पर बनारस घोषणा भी जारी हुई है। इस घोषणा की दिशा में आगे बढ़ने हेतु स्वरूप, कार्यक्रम और रणनीति पर विचार और निर्णय के लिए यह बैठक थी । बैठक में इस समूह का नाम तय किया गया । समूह के लक्ष्य एवं भूमिका का निर्धारण हुआ । रणनीति के कुछ मुख्य प्रश्नों को चिन्हित किया गया । कुछ कार्यक्रम भी बने । समूह का नाम तय हुआ : लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान । अपने इस समूह के लक्ष्य और भूमिका को तय करने के लिए जो चर्चा चली , उसमें सहमति के जो सूत्र उभरे , उसे इन बिंदुओं से समझा जा सकता है :
1. पूरे भारत के विविध क्षेत्रों में सक्रिय शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक धारा के कार्यकर्ताओं और नेतृत्व कर्ताओं की पहचान करना । इन विकेन्द्रित नेतृत्वकर्ताओं का साझा बनाना ।
2. बुनियादी जीवन मूल मुद्दों के आधार पर सकारात्मक राष्ट्र निर्माण की धारा को सशक्त करना । संकीर्ण , छद्म और सांप्रदायिक राष्ट्रवाद के उभार को नाकामयाब करना ।
3. 2024 के संसदीय चुनाव में भाजपा को परास्त  करने की तात्कालिक भूमिका में जोरशोर से लगना ।
इस सामूहिकता की संरचना पर विचार करते समय दो तरह के विचार आये । पहला सुझाव था कि इसकी त्रिस्तरीय संरचना हो । पहली  खुली  लगातार लोगों को शामिल करते रहनेवाली आम सभा या अभियान सभा । दूसरी बीच की वैचारिक निर्णय करने वाली विचार समिति या कार्यकारिणी समिति । और तीसरी दैनंदिन या नियमित तौर पर कार्य संचालन के लिए कोर समूह । दूसरी सलाह थी कि दो स्तर की ही संरचना हो । 2024 के चुनाव में प्रभावी भूमिका के लिए एक विशेष रणनीति टीम बनाने का सुझाव भी आया ।

2024 के संसदीय चुनाव में समूह की असरदार भूमिका पर विचार का एक विशेष सत्र चला । इस सत्र में भाजपा विरोधी दलों में चुनावी एकता का जनदबाव बनाना जरूरी समझा गया। भाजपा के सीधे मुकाबले वाले उम्मीदवारों के पक्ष में स्पष्ट अभियान चलाने की बात आयी ।
यह माना गया कि अब कम समय बचा है । अब पूरी तरह चुनावी मानस एवं मोड से लैस होना होगा । प्रशासनिक क्षेत्रों से ज्यादा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की भाषा में कार्यक्रम डिजाइन करने होंगे । पूरे देश के सारे संसदीय क्षेत्रों की चुनावी जानकारियों से पूरी नेतृत्वकारी टीम को लैस होना होगा । अभी इस अभियान के भागीदारों की सीधी पहुँच पूर्वी भारत , उत्तरी भारत और पश्चिमी भारत  के क्षेत्रों में ही है । दक्षिण भारत में नहीं है ।
पूर्वी, उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों के भाजपा- विरोधी सामाजिक शक्तियों के प्रतिनिधियों का  सम्मेलन करें । जनता के दिल तक सीधी पहुंच बनाने वाले सूत्रों और नैरेटिवों को बनाने ,फैलाने में विशेष रूप से लगना होगा । भाजपा विरोध की सहमति वाले समूहों में मौजूद कुछ भिन्नताओं पर सहमति या सामंजस्य गढ़ना होगा । बड़ी सहमति को फोकस करना होगा । छोटी भिन्नताओं को गलत और भाजपा पक्षीय करार देने की मानसिकता से बचना होगा । हम सभी स्वयं किस संसदीय क्षेत्र में सीधी और निरंतर सक्रियता रखेंगे , इसकी सूची बनानी होगी । देश के पूरे संसदीय क्षेत्र 90-95 राजनीतिक स्थानिक केन्द्रों से प्रभावित होते हैं ।इनमें से कुछ केन्द्रों पर हम केन्द्रित हों ।

बैठक से एक कोर कमिटी बनी । इस कोर कमिटी में आनंद कुमार , शुभमूर्ति , सुरेश खैरनार , शाहिद कमाल , राकेश रफीक , जागृति राही , रामशरण , सत्यनारायण मदन , सुशील कुमार , रामधीरज , घनश्याम , राजीव , कुमार चंद्र मार्डी , किशोर ओडिशा , अखिलेन्द्र प्रताप , प्रभात कुमार , कंचनबाला , मणिमाला और मंथन  शामिल हैं । उपेक्षाग्रस्त समुदायों के प्रतिनिधित्व के लिए कुछ और व्यक्तियों को जोड़ा जाएगा ।
आनंद कुमार इस कोर कमिटी के संयोजक बनाये गये हैं। मंथन और सुरेश खैरनार सह-संयोजक तथा रामशरण कोषाध्यक्ष बनाये गये हैं ।
कोर कमेटी की बैठक में कुछ कार्यक्रम तय हुए । कोर कमिटी की ऑनलाइन बैठक हर महीने में दो बार 1 तारीख और 15 तारीख की शाम में होगी । कोर कमेटी की प्रत्यक्ष बैठक 15-16 नवम्बर को खादी ग्राम , जमुई (बिहार) में होने वाले साम्प्रदायिक सत्ता विरोधी समागम के समय होगी । दूसरी प्रत्यक्ष बैठक 31 जनवरी 2023 को नयी दिल्ली में होगी ।
पूर्वी , उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र के तीनों सम्मेलन  मार्च 2023 के पहले कर लिये जाएँगे । इन तीनों सम्मेलनों के आयोजन के प्रभारी भी बनाये गये । 26 नवम्बर 2022 को संविधान बचाओ दिवस ज्यादा से ज्यादा जगहों पर मनाने का आह्वान किया जाएगा , मनाया जाएगा ।
8 मार्च 2023 का महिला दिवस ‘बिलकिस को न्याय’ पर केन्द्रित करते हुए मनाया जाएगा ।

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