सांसद मनोज झा ने देशभर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर सदन में चर्चा की मांग की

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मानवाधिकारों के उल्लंघन पर सदन में चर्चा
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नई दिल्ली| विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में नियम-267 के तहत कार्य का निलंबन कर देशभर में मानवाधिकारों का उल्लंघन के मामले में चर्चा कराने की मांग की है।

आरजेडी सांसद मनोज झा ने शुक्रवार को नियम 267 के तहत राज्यसभा में विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर स्थगन प्रस्ताव नोटिस देकर कहा, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया एक दिन के लिए अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर दें। सदन में भारत के विभिन्न हिस्सों में मानवाधिकारों के खुलेआम उल्लंघन पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए। हमें इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि छात्र, कार्यकतार्ओं और अन्य मानवाधिकार रक्षकों को कठोर कानूनों का शिकार क्यों बनाया जाता है। इसी संदर्भ में मैं अपना अनुरोध आपके समक्ष प्रस्तुत करता हूं।

मानवाधिकार दिवस के मौके पर राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने मुजफ्फरनगर में 17 लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण का मामला उठाया।

सांसद ने कहा, मुजफ्फरनगर में इन लड़कियों को प्रैक्टिकल की परीक्षा के नाम पर 18 नवंबर को उनके गांव से ले जाया गया। एक निजी स्कूल में उन्हें खिचड़ी के साथ नशीला पदार्थ देकर यौन शोषण किया गया।

सांसद ने कहा, मेरी सरकार से प्रार्थना है कि इस घटना की फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर 6 महीने में दोषियों को सख्त सजा दी जाए।

हर साल 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल के 1948 में 10 दिसम्बर, को मानवाधिकार पर सार्वभौमिक घोषणा को स्वीकार किया था। मानवाधिकार दिवस की आधिकारिक स्थापना 4 दिसम्बर, 1950 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की 317वीं प्लेनरी बैठक में की गई थी। इसके बाद देश में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना 12 अक्टूबर, 1993 को की गई।

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