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मासिक कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन

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मुजफ्फरपुर। शहर के श्री नवयुवक समिति ट्रस्ट के सभागार में रविवार को नटवर साहित्य परिषद की ओर से मासिक कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता रणवीर अभिमन्यू , मंच संचालन उमेश राज व धन्यवाद ज्ञापन नटवर साहित्य परिषद के संयोजक डॉ.नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी ने किया।
कवि सम्मेलन की शुरुआत आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री के गीत से हुई। इसके बाद शायर महफूज आरिफ ने- आज गणतंत्र दिवस चलो मनाएं हम, हजारा प्यार के दीपक चलो जलाएं हम… सुनाकर भरपूर दाद बटोरी। शायर डाॅ.नर्मदेश्वर मुजफ्फरपुरी ने- इंकलाब जिंदाबाद कहने वाले कहां गए? इंकलाब की धारा में बहने वाले कहां गए? दुनिया बनी लूट खसोट का एक बाजार, इंकलाब के रास्ते पर चलने वाले कहां गए?….. सुनाकर भरपूर तालियां बटोरी। अंजनी कुमार पाठक ने- जब तक जीवन नेकी है करना… सुनाकर वाववाही लूटी। डाॅ.शैल केजरीवाल ने- गुमां है झूमते मौका, ए – वतन परस्ती का… सुनाई। ओमप्रकाश गुप्ता ने- गलतफहमी में रिश्ते टूट जाते है… सुनाया। वरिष्ठ कवि सत्येन्द्र कुमार सत्येन ने- कहां जात बानी श्याम, अखियां में उमर जमुना पानी… सुनाकर तालियां बटोरी। डाॅ.जगदीश शर्मा ने- ‘गण- तंत्र को मिली छूट, लूट सको जितना लूट’…. पर भरपूर दाद मिली। उमेश राज ने- जितनी भी बार मिले जीवन… सुनाया। सुमन कुमार मिश्र ने- गाल फुलाना और मुस्काना, दोनों संग संग बहुत कठिन है… सुनाया। अरुण कुमार तुलसी ने- आजादी मिली है हमें फरियादी की जमात में, अभिव्यक्ति की है स्वतंत्रता दंगे फसाद में… पर भरपूर दाद मिली। रणबीर अभिमन्यू ने- सत्य सनातन देश है मेरा, ज्ञान विज्ञान से रौशन आकाश… सुनाया। रामबृक्ष राम चकपुरी ने- हीरक जयंती हमें याद दिलाता भेदभाव छोड़, अद्भुत विरासत को बचाने का बड़ा संकल्प ले रहा…. सुनाया। मुन्नी चौधरी ने- हृदय की व्यथा सुलगती है… सुनाई। इसके अलावे सुरेन्द्र कुमार, मोहन सिंह, श्याम पोद्दार, चिराग पोद्दार , नरेन्द्र सिंह, डाॅ.विजय शंकर मिश्र, विवेक कुमार की रचनाएं भी सराही गई।