मोदी जी, प्रधानमंत्रियों ने जनता का नमक खाया है खिलाया नहीं!

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मोदी जी
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चरण सिंह राजपूत
नप्रतिनिधि मतलब जनता का प्रतिनिधि। जनता का प्रतिनिधि भला जनता को नमक कैसे खिला सकता है ? जनप्रतिनिधि तो जनता का नामक खाता है। यदि किसी देश का प्रधानमंत्री अपने नमक का हवाला देकर कोई किस्सा सुनाएं तो इससे गिरी हुई कोई बात नहीं हो सकती है ? वह भी  तब जब प्रधानमंत्री अपने को फकीर मानते हों। यदि प्रधानमंत्री की भाषा की बात की जाये तो क्या कोई फकीर किसी को अपना नमक खिला सकता है? हमारे प्रधानमंत्री तो बात-बात पर अपने को फकीर कहते हैं। कहते हैं कि मैं तो फकीर हूं। झोला उठाऊंगा और चल पड़ूंगा। वैसे भी नमक का मतलब किसी के घर पर खाना खाने से है। क्या मोदी जी बताएंगे कि आखिर आपका कोई नमक खा कैस सकता है ? आप न तो अपने परिवार के साथ रहते हैं। न ही आपकी पत्नी आपके साथ में रहती हैं और नहीं ही मां। न आप खाना बनाते हैं तो फिर आपके नमक खाने का सवाल ही कहां से उठता है ? आप तो खुद जनता के दिये गये टैक्स से खरीदे गये राशन से बना खाना खाते हैं। जिस अन्नदाता का नमक देश ख़ाता है उसे तो आप और आपके समर्थक नक्सली, देशद्रोही पता नै क्या क्या कहते रहे हैं।
हां आप रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने की बात हमेशा करते हैं। चाय में तो नमक होती नहीं है। हां आप चीनी का किस्सा सुनता सकते हैं। वैसे भी आप लोगों को चीनी ही तो खिला रहे हैं। मीठी-मीठी बात कर आम लोगों को गुमराह कर रहे हैं और देश के अधिकतर संसाधनों पर आपने पूंजीपति अडानी का कब्जा करवा दिया है। यदि देश के प्रधानमंत्री जनता को अपने नमक का हवाला देकर कोई किस्सा सुनाते हैं तो समझ लीजिए ये महाशय कितने अहंकारी है ?
 वैसे भी प्रधानमंत्री देश के प्रधानमंत्री हैं न कि भाजपा के। कायदे में तो उन्हें चुनाव प्रचार करना ही नही चाहिए। यदि प्रचार कर भी रहे हैं तो कम से कम जनता को अपने नमक के हवाला से जुड़ा किस्सा तो न सुनाएं।  हो सकता है कि किसी बुजुर्ग महिला ने ऐसा बोल दिया हो पर क्या  प्रधानमंत्री जी अपने नमक से जोड़कर इस तरह से चुनावी सभा में यह किस्सा सुनाना चाहिए ? दरअसल मोदी गरीबों को मुफ्त राशन की बात कर रहे हैं। मुफ्त राशन तो पहली सरकारों में बंटता रहा है। क्या किसी प्रधानमंत्री ने मुफ्त राशन को अपना नमक बताया है ?  प्रधानमंत्री जी की भाषा में तो देश के 80 करोड़ लोग मुफ्त राशन ले रहे हैं। तो क्या देश के 80 करोड़ लोग मोदी का नमक खा रहे हैं ?
दरअसल पीएम मोदी ने हरदोई में चुनावी रैली के दौरान मैनपुरी की एक बुजुर्ग महिला का जिक्र  करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया के जरिए उन तक एक वीडियो पहुंचा है। वीडियो में महिला ने कह रही हैं कि उसने मोदी का नमक खाया है, उन्हें धोखा नहीं देंगे, उन्हें ही वोट देंगे। तो क्या मोदी फ्री राशन को अपने नमक से जोड़ रहे हैं।
दरअसल कोरोना महामारी के दौर में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पिछले साल (नवंबर, 2021) में खत्म हो रही थी। इसको देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने केन्द्र सरकार की योजना के साथ भागीदार बनकर यूपी की जनता के लिए 3 नवंबर, 2021 को अयोध्या से राज्य सरकार की ओर से होली तक मुफ्त राशन वितरण किये जाने का ऐलान किया। उसके बाद से यूपी के पात्र कार्ड धारकों को हर महीने डबल डोज के रूप में 10 किलो राशन मुफ्त दिया जाने लगा। केंद्र ने भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया।  हालांकि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने  पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए  कहा है कि हम देश का नमक खाते हैं उन दोनों का नहीं। मतलब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नहीं।

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