नई दिल्ली | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट जमीन की ब्रिकी में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए उच्चत्तम न्यायालय से जमीन अधिग्रहण तथा इसकी बिक्री की न्यायिक जांच के आदेश दिए जाने की मांग की है।
उन्होंने गुरूवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा”भगवान राम ईमानदारी का प्रतीक हैं लेकिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य से जुड़े ट्रस्ट से भारतीय जनता पार्टी समर्थित नेताओं और अधिकारियों को फायदा हुआ है।”
सुश्री वाड्रा ने कहा “इस मंदिर के निर्माण का कार्य शीर्ष अदालत के आदेश पर किया जा रहा है और इस मामले की पूरी जांच का आदेश न्यायालय को ही देना चाहिए क्योंकि जिला स्तर के अधिकारी इन नेताओं के खिलाफ जांच नहीं कर सकते हैं।”
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इस जमीन सौदे में राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों के हस्ताक्षर कागजों पर हैं और राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय को इस घोटाले की जानकारी है । इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य और ट्रस्ट में शामिल अनिल मिश्रा तथा अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय इस जमीन सौदे में गवाह हैं। इस ट्रस्ट की धनराशि का दुरूपयोग नेताओं और अधिकारियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया था। सुश्री वाड्रा ने कहा कि दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन को वर्ष 2017 में ट्रस्ट को 26.5 करोड़ रुपए में बेचा गया था।
उन्होंने इस मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा “2.33 हेक्टेयर जमीन को दो करोड़ रुपए में खरीदा गया था और यह जमीन वक्फ की थी और इस मामले में वर्ष 2018 में एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी।”
कांग्रेस नेता ने कहा “18 मार्च 2021 को शाम 6.51 बजे इसके सचिव चम्पत राय की तरफ से 10.37 वर्ग गज जमीन को ट्रस्ट को आठ करोड़ रुपए में बेचा गया था। इसके बाद शेष जमीन 12,000 वर्ग मीटर को शाम 7.10 बजे दो करोड़ में बेचा गया था और इसके पांच मिनट बाद इसी जमीन को ट्रस्ट को 18.5 करोड़ रुपए में बेच दिया गया। इन तीनों जमीन सौदों में अनिल मिश्रा और ऋषिकेश उपाध्याय बतौर गवाह थे।”
जब उनका ध्यान भाजपा के इस बयान की तरफ दिलाया गया जिसमें कहा गया कि कांग्रेस राम मंदिर निर्माण में अवरोध पैदा कर रही है तो उन्होंने कहा “हम ट्रस्ट की धनराशि को भाजपा की तरफ की जा रही लूट खसोट में अवरोध पैदा करेंगे।”