The News15

नीतीश पर मीसा ने मारा ‘तीर’, तेजप्रताप ने किया स्वागत

Spread the love

-निमंत्रण देकर चिराग गायब
-बिहार में पक रही सियासी ‘खिचड़ी’!

दीपक कुमार तिवारी

पटना/नई दिल्ली। मकर संक्रांति के दही चूड़ा भोज के दौरान गर्माहट नहीं आए, ये बिहार की राजनीतिक जगत में असंभव है। मगर इस बार के दही चूड़ा के भोज को गर्माहट से भरने वाले किरदार और कोई नहीं राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बन गए। हालांकि थोड़ा ही कम मगर पाटलिपुत्र लोकसभा की सांसद मीसा भारती और पूर्व मंत्री तेजप्रताप ने भी अपने बयानों से बिहार की राजनीति को गर्माहट से भर दिया। आइए इस खबर के जरिए समझते हैं बिहार की सियासी ‘खिचड़ी’ कौन- कौन अपने राजनीतिक मसाले मिलाने की कोशिश में लगा हुआ है।
आज सुबह लगभग 10 बजे राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वो कर दिया जिसे किसी को उम्मीद नहीं थी। यहां तक मीडिया के लिए चौंकाने वाला रहा। हुआ यह कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आज दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया। भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित गठबंधन के सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था। लेकिन जब नीतीश कुमार दही चूड़ा के भोज में शामिल होने के लिए लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यालय पहुंचे तो वहां मेजबान केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान मौजूद नहीं थे। बस क्या थी पूरी मीडिया ने इस प्रसंग को एनडीए में फुट के रूप में परोस दिया।
लेकिन सवाल उठता है कि यह घटना वाकई एनडीए में फुट की है? क्या यह टाइमिंग का खेल तो नहीं? सवाल तो यह भी उठता है कि कौन किसको कटघरे में खड़ा कर रहा है ? एक सवाल यह भी सवालों के कटघरे में खड़ा कर संदेश क्या देना चाहते हैं ? लोजपा सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आना और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का न होना एक दुखद घटना जरूर है। पर इसका सिरा नीतीश कुमार से जुड़ता है। तर्क यह है कि लोजपा(आर) ने मकर संक्रांति का भोज 12 बजे से थी। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या कोई समय से दो घंटा पहले कार्यस्थल पर आ जाए तो किसका दोष?
एक दूसरा तर्क यह आ रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहीं भी जाते हैं तो सीएम सिक्योरिटी एक घटना पहले उस स्थल पर पहुंच जाते हैं। इसके बाद लोजपा कार्यालय के मौजूदा पदाधिकारियों में कोई हलचल नहीं हुई होगी? क्या चिराग पासवान तक यह खबर नहीं पहुंची होगी कि नीतीश कुमार समय से पहले औपचारिकता पूरा कर प्रगति यात्रा पर निकलेंगे। क्या चिराग पासवान ऐसी जगह या ऐसी स्थिति में नहीं थे कि वे तुरंत कार्यालय पहुंच सकें?
यह मान लिया जाएगा कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एनडीए की एकता और अपनी राजनीति मजबूत करने के लिए सभी दल के नेताओं को निमंत्रण दिए गए होंगे। हाल के दिनों बिगड़े बोल पर ध्यान देना होगा। चिराग के बयान से एनडीए में परेशानी होने लगी थी। नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच बढ़ती करीबी भी भाजपा को परेशान कर गई। एक समीकरण तो राजनीतिक गलियारों में यह भी चल रहा था कि जदयू के 12 सांसद और लोजपा के पांच सांसद मिल कर के 17 सांसद कर कुछ खेल कर सकते हैं।
पाटलिपुत्र लोकसभा की सांसद मीसा भारती ने भी अपने बयान से बिहार की राजनीति में पलीता लगा दिया। मीसा भारती ने मीडिया से बात करते कहा कि खरमास के बाद कुछ अच्छा होने वाला है। बिहार की राजनीति में मकर संक्रांति के बाद उलट फेर होते रहे हैं। बदलेगी स्थितियां। क्या नीतीश कुमार जी आयेंगे? आमंत्रण को सभी को दिया गया है। हम तो चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए, अमित शाह आए। बड़े लोग आते हैं तो अच्छा लगता है। हालांकि खबर लिखे जाने तक नीतीश कुमार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के यहां आयोजित मकर संक्रांति के भोज में नहीं पहुंचे।
राजद विधायक तेज प्रताप यादव ने बिहार की राजनीति में जारी कयासों के बीच सीएम नीतीश कुमार पर बयान देकर चौंकाया। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या मकर संक्रांति के मौके पर सीएम नीतीश का स्वागत राबड़ी आवास पर करेंगे? इस सवाल के जवाब में बिहार के पूर्व मंत्री ने कहा कि हमारे दरवाजे पर जो भी आएगा उसका स्वागत करेंगे। हालांकि इस दौरान उन्होंने दौरान राज्य की एनडीए सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में विकास कोई नाम नहीं हुआ है।