CBI जांच के लिए आम सहमति वापस लेने वाला नौवां सूब बन गया मेघालय 

0
202
Spread the love

सीबीआई जांच की आम सहमति वापस लेने को लेकर सीएम संगमा ने इसे “सामान्य प्रक्रिया” बताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला काफी समय पहले किया गया था

द न्यूज 15 
नई दिल्ली । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से मेघालय ने आम सहमति वापस ले ली है। मेघालय ऐसा करने वाला नौवां राज्य बन गया है। इसके पहले मिजोरम और गैर-राजग शासित सात राज्यों-महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और केरल ने सीबीआई जांच के लिए आम सहमति वापस ले ली थी।

बता दें कि कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी के भाजपा के एनडीए का हिस्सा होने के बाद भी मेघालय ने यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि जिन राज्यों ने सामान्य सहमति वापस ली है वहां जांच के लिए 150 अनुरोध लंबित हैं। एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों ने समिति को बताया कि इनमें बैंक धोखाधड़ी, जालसाजी और धन के गबन से जुड़े मामले शामिल हैं।

इसमें अहम बात यह है कि मिजोरम को छोड़कर बाकी के राज्यों में विपक्षी दलों का शासन है। द इंडियन एक्सप्रेस को सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह सच है कि मेघालय ने सीबीआई से सहमति वापस ले ली है। इसके पीछे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मेघालय के गृह मंत्री लखमेन रिंबुई ने कहा कि वह इस मामले कोई भी “टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं” थे। इसके अलावा मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा को कॉल करने पर कोई जवाब नहीं मिला।

देशभक्ति का भूत चढ़ा है तो बॉर्डर पर जाकर लड़ो- शाहरुख खान पर भड़के बॉलीवुड एक्टर; उनकी फिल्म ‘पठान’ को बता दिया डब्बा
संगमा ने इसे “सामान्य प्रक्रिया” करार देते हुए कहा कि मुझे इसकी तारीख याद नहीं है लेकिन यह फैसला काफी समय पहले किया गया था। उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य बात है। बहुत से राज्यों ने इस फैसले को लिया है। यह उसी क्रम में है। उन्होंने कहा कि यहां जो भी आता है, उसे राज्य से सहमति लेनी होती है। बस इतना ही। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।

बता दें कि सीबीआई से आम सहमति लेने का मतलब यह हुआ कि अब एजेंसी राज्य सरकार की अनुमति के बिना राज्य में किसी भी मामले की जांच नहीं कर पाएगी। ऐसे में सीबीआई जांच में मुमकिन है कि देरी भी हो लेकिन सहमति वापस लेने वाले राज्य बिना सहमति के किसी भी जांच की अनुमति देंगे। इस आम सहमति को सबसे पहले मिजोरम ने 2015 में वापस लिया था। उस समय राज्य में कांग्रेस का शासन था और तब मुख्यमंत्री ललथनहवला थे। सभी विपक्षी राज्यों ने आम सहमति वापस लेते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई अपनी जांच में निष्पक्ष नहीं है और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्र के लिए एक जरिया बन गई है। वहीं इस सहमति के वापस लेने को मेघालय के राजनीतिक हालात से जोड़कर देखें तो मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के भाई जेम्स पी के संगमा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इसकी पृष्ठभूमि में सीबीआई की सहमति वापस ली गई है। जेम्स पर राज्य में सौभाग्य योजना के कार्यान्वयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। इसमें कांग्रेस ने कथित घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here