राजगीर के गुरुद्वारा में मनाया गया शहीदी पर्व

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लाहौर में गुरु श्री अर्जुन देव को दी गयी थी यातनाएं

राम विलास

राजगीर। सिख पंथ के शहीदों के सरताज श्रीगुरु अर्जुन देव जी महाराज की 418 वीं शहीदी गुरु पर्व दिवस राजगीर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा में सोमवार को मनाया गया। इस मौके पर गुरबाणी का पाठ किया गया। सिख संगत श्रद्धालुओं को गुरु अर्जुन देव जी महाराज के द्वारा दी गई शहादत के इतिहास को बताया गया।

इस अवसर पर गुरु नानक मिशनरी के संयुक्त सचिव त्रिलोक सिंह निषाद ने कहा कि श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज को मुगल बादशाह जहांगीर के आदेश पर गुरु साहब को गरम तवे पर बैठकर सर पर गर्म बालू डाला गया था। बड़े बर्तन में गर्म पानी में इन्हें बैठाया गया था। काफी यातनाएं दी गई थी। गुरु साहब ने निष्कासित जहांगीर के पुत्र अमीर खुसरो को मदद की इसके अलावा लगातार सिख धर्म का प्रचार बड़े पैमाने पर होने के कारण जहांगीर काफी परेशान था।

जहांगीर सिर्फ मुसलमान धर्म का प्रचार और प्रसार करता था। जबरन लोगों को मुसलमान बनाता था। दूसरे धर्म के प्रचार प्रसार नहीं होने देता था, जो इस आदेश के खिलाफ प्रचार प्रसार करते थे। उनको मृत्युदंड का आदेश देता था। गुरु अर्जुन देव जी उसके आदेश को नहीं माने और उस आदेश के विरुद्ध गुरु नानक वाणी का प्रचार प्रसार करते रहे थे।

गुरु अर्जुन देव जी महाराज को जहांगीर के आदेश पर 1606 में पाकिस्तान लाहौर के गुरुद्वारा डेरा साहिब में काफी यातनाएं दी गई थी। 1606 में ही वह शाहिद हो गये थे। आज देश विदेश में गुरु साहब के शहादत को लेकर गुरबाणी का पाठ पूजा , अरदास , ठंडे मीठे जल की सेवा एवं गुरु का अटूट लंगर छका जाता है।

राजगीर गुरुद्वारा के ग्रंथि भाई मंजीत सिंह जी ने अरदास किया। आज के आयोजन में भाई राजवीर सिंह, भाई रविंदर पाल सिंह बंटी, भाई गुरविंदर सिंह, भाई छोटू सिंह, भाई महेंद्र सिंह, भाई रामानुज सिंह एवं विभिन्न जगहों से आए हुए सैकड़ों की संख्या में सिख श्रद्धालु शामिल हुए।

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