‘मन की बात’ : मोदी ने वरुण सिंह को किया याद, ओमिक्रोन पर लोगों को किया आगाह

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ओमिक्रोन पर लोगों को किया आगाह
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नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को याद किया, जो हेलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हो गए थे। इस दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और 12 अन्य भी शहीद हो गए थे। वरुण सिंह दुर्घटना में बच गए थे, हालांकि कुछ दिनों बाद उन्होंने भी दम तोड़ दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब वरुण अस्पताल में थे, मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा जो मेरे दिल को छू गया। उन्हें इसी साल अगस्त में शौर्य चक्र दिया गया था। इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक पत्र लिखा था। वह चाहते थे कि जिस स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की है, उसके छात्रों का जीवन भी एक उत्सव हो। वरुण सिंह जी ने अपने पत्र में अपनी वीरता का घमंड नहीं किया, बल्कि उन्होंने अपनी असफलताओं का उल्लेख किया। उन्होंने इस बारे में बात की कि उन्होंने अपनी कमियों को कैसे क्षमताओं में बदला था।”

ओमिक्रॉन खतरे के बारे में लोगों को आगाह करते हुए पीएम ने कहा, “हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि कोरोना का एक नया रूप पहले ही दरवाजे पर दस्तक दे चुका है। पिछले दो वर्षों का हमारा अनुभव यह है कि एक नागरिक के रूप में हमारा अपना प्रयास है इस वैश्विक महामारी को हराने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”

मोदी ने कहा, “हमें बहुत कुछ सीखना है, नया करना है, नए लक्ष्य हासिल करना है, इसलिए हमें एक पल भी बर्बाद किए बिना ढृढ़ रहना होगा। हमारे सपने ऐसे हों जिसमें हमारे समाज और देश का विकास जुड़ा हो, हमारी प्रगति देश की प्रगति का मार्ग खोल देगी, इसके लिए हमें आज से काम करना है, बिना एक पल बर्बाद किए, बिना एक कण या संसाधन खोए।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि नए साल में हर व्यक्ति, हर संगठन कुछ बेहतर करने का, आने वाले साल में बेहतर बनने का संकल्प लें।

उन्होंने कहा, “इन सात सालों में मन की बात करते हुए मैं सरकार की उपलब्धियों की चर्चा भी कर सकता था, आपको भी पसंद आता, आप भी इसकी सराहना करते! लेकिन यह दशकों का मेरा अनुभव है, मीडिया की चकाचौंध से दूर लाखों लोग हैं जो महान काम कर रहे हैं।”

मोदी ने कहा, “यह लोगों की ताकत है, यह सभी के प्रयास से है कि भारत 100 वर्षों में सबसे बड़ी महामारी से लड़ सका। हम हर मुश्किल घड़ी में एक परिवार की तरह एक-दूसरे के साथ खड़े रहे।

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