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बुजुर्गों वोटर के मामले में महाराष्ट्र, दिव्यांग वोटर के मामले में उत्तर प्रदेश देश मे शीर्ष पर

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अभिजीत पांडे
पटना । उत्तर प्रदेश में भले ही सबसे ज्यादा आबादी हो, लेकिन बुजुर्गों वोटर के मामले में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। दूसरे पर यूपी और तीसरे पर बिहार है। देश के सभी 36 राज्यों में 81 लाख से ज्यादा बुजुर्ग वोटर्स की आबादी है। दिव्यांग मतदाता के मामले मे यूपी शीर्ष पर है, जबकि बिहार दूसरे और कर्नाटक का स्थान तीसरा है।जिन्हें चुनाव आयोग वोट देने के लिये खास सुविधाएं दे रहा है।

 

देश में आबादी और लोकसभा सीटों की दृष्टि से भले ही उत्तर प्रदेश शीर्ष पर हो लेकिन आबादी के मामले में यूपी से काफी पीछे चल रहे महाराष्ट्र में देश में सबसे अधिक 85 साल से अधिक की उम्र वाले बुजुर्ग वोटर हैं। बूढ़े वोटरों में दूसरे पायदान पर यूपी और तीसरे में बिहार है।

देश के शीर्ष दस राज्यों में सबसे उम्रदराज वोटरों में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। जहां 13.07 लाख उम्रदराज वोटर हैं । इसके बाद उत्तर प्रदेश में 10.38 लाख, बिहार में 6.66 लाख, तमिलनाडु में 6.14 लाख , राजस्थान में 5.71 लाख, कर्णाटक में 5.70 लाख,पश्चिम बंगाल में 4.78 लाख, गुजरात में 4.19 लाख, उड़ीसा में 3.02 लाख, मध्य प्रदेश में 2.87 लाख और आंध्र प्रदेश में 2.11लाख बुजुर्ग मतदाता हैं।

जहां देश के कुल 81लाख से अधिक सुपर बुजुर्ग वोटरों में से 33 लाख 84 हजार से अधिक पुरुष और 46.27 लाख से अधिक महिला वोटर हैं। सबसे अधिक उम्रदराज वोटरों में टॉप-थ्री में शामिल महाराष्ट्र, यूपी, बिहार और अन्य राज्यों में पुरुषों के मुकाबले महिला बुजुर्ग वोटर अधिक हैं। लोकसभा सीटों और आबादी के हिसाब से इन टॉप-10 राज्यों में सबसे यंग स्टेट आंध्र प्रदेश है।

इसके बाद मध्य प्रदेश और उड़ीसा का नंबर आता है। वैसे तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की बात की जाए तो पूरे हिंदुस्तान में लक्षद्वीप ऐसा राज्य है, जहां केवल 109 वोटर ऐसे हैं। जिनकी उम्र 85 के पार है। इनमें 50 पुरुष और 59 महिला वोटर हैं। जबकि सबसे कम वोटरों में दूसरे नंबर पर दादरा-नागर हवेली और दमन एंड द्वीव में 698 और अंडमान एंड निकोबार में 1037 बुजुर्ग वोटर हैं।

देश के शीर्ष दस राज्यों में सबसे दिव्यांग वोटरों में उत्तर प्रदेश आबादी के अनुरूप शीर्ष पर है। जहां 12.60 लाख दिव्यांग वोटर हैं । इसके बाद बिहार में 7.46 लाख, कर्णाटक में 6.19 लाख, महाराष्ट्र में 6.04 लाख ,मध्य प्रदेश में 5.79 लाख,राजस्थान में 5.74 लाख,तेलंगाना में 5.26 लाख , उड़ीसा में 5.22 लाख, आंध्र प्रदेश में 5.18लाख और पश्चिम बंगाल में 5.07 लाख, दिव्यांग मतदाता हैं।

जहां देश के कुल 90 लाख से अधिक दिव्यांग वोटरों में से 53 लाख 64 हजार से अधिक पुरुष और 36.24 लाख से अधिक महिला वोटर हैं।
तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की बात की जाए तो पूरे हिंदुस्तान में लक्षद्वीप ऐसा राज्य है, जहां केवल 740 वोटर ऐसे हैं। जबकि सबसे कम दिव्यांग वोटरों में दूसरे नंबर पर दादरा-नागर हवेली में 698 और अंडमान एंड निकोबार में 2003 दिव्यांग वोटर हैं।

भारतीय चुनाव आयोग का कहना है कि मतदान के दौरान देश के 85 साल और इससे अधिक की उम्र पार कर चुके और दिव्यांग वोटरों के लिए उनके घर से ही मतदान कराने की सुविधा दी जा रही है।

लेकिन शर्त यह है कि जो वोटर घर से वोट देने के लिए संबंधित फॉर्म भर देंगे फिर वह मतदान वाले दिन पोलिंग स्टेशन पर जाकर वोट नहीं दे सकेंगे। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस तरह के तमाम वोटरों की जानकारी संबंधित राजनीतिक पार्टी और उम्मीदवारों को भी दी जाती है।