Maharashtra Political Crisis : सांसदों के दबाव में राष्ट्रपति के पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को दिया समर्थन
Maharashtra Political Crisis : मौजूदा हालात में भाजपा के साथ गठबंधन करना शिवसेना की मजबूरी हो गया है। जिस तरह से उद्धव ठाकरे ने सांसदों के दबाव में राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपर्दी मुर्मू को समर्थन दिया है उसी तरह से शिवसेना सांसद उन पर भाजपा से गठबंधन करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें बड़ा पेच है। Maharashtra Political Crisis यह भी है कि शिवसेना को खत्म करने की योजना बना चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह अब लगता नहीं है कि शिवसेना से हाथ मिलाएगे। इसका बड़ा कारण यह है कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका गुट मजबूत होकर उभर रहा है। वैसे भी वंशवाद के मुद्दे पर मोदी ने देश की राजनीति में बड़ा संदेश दे दिया है।
उधर एनसीपी और कांग्रेस के साथ चले गठबंधन से इतनी जल्द छुटकारा पाना मुश्किल लग रहा है। दरअसल महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को सरकार गंवाने के बाद अब Rebellion in Shivsena को संभालना बड़ी चुनौती बना हुआ है। दरअसल उन्होने पार्टी के सांसदों की बैठक मातोश्री पर बुलाई थी। इस बैठक में कुल 22 सांसदों में से 15 ही पहुंचे थे और उनमें से भी ज्यादातर ने दबाव बनाया कि वह शिवसेना की ओर से एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान करें।
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हालांकि इस पर संजय राउत ने यशवंत सिन्हा की वकालत की लेकिन वह अकेले पड़ गये। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह विचार करेंगे। मंगलवार सुबह खुद संजय राउत ने ही Support for Draupadi Murmu देने ऐलान किया है। 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए शिवसेना के सांसदों का उद्धव ठाकरे पर दबाव है कि वह भाजपा के साथ गठबंधन करें। कहा जा रहा है कि इससे एक ओर पार्टी टूटने बच जाने की बात उद्धव ठाकरे को समझायी जा रही है तो दूसरी ओर शिवसैनिकों को हिस्सेदारी मिल सकने की।
सोमवार को उद्धव ठाकरे की बुलाई गई मीटिंग में शामिल रहे सांसद हेमंत गोड्से ने मीडिया को जानकारी दी है कि मीटिंग के दौरान सांसदों ने पार्टी प्रमुख को एनडीए प्रत्याशी Support for Draupadi Murmu का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करें तो विकास कार्यांे को गति मिलेगी। इसलिए हम, सांसदों ने पार्टी प्रमुख से एक स्वभाविक गठबंधन बनाने की मांग की।
Rebellion in Shivsena : उन्होनंे कहा कि हमने उद्धव ठाकरे से कहा कि महाविकास अघाड़ी और भाजपा के साथ गठबंधन में बड़ा अंतर है। हमने उद्धव ठाकरे से कहा कि बीजेपी हमारी स्वभाविक सहयोगी है। हमने पार्टी नेताओं को यह भी याद दिलाया कि केंद्र और राज्य एक साथ नहीं होने के कारण परियोजनाएं रुकी हुई थीं। बता दें कि संजय राउत ने खुद ही आज सुबह मीडिया से बात करते हुए द्रौपर्दी मुर्मू को शिवसेना की ओर से समर्थन देने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि वह पहली महिला आदिवासी कैंडिडेंट हैं और जनभावना को देखते हुए हमने यह फैसला किया है। Maharashtra Political Crisis के साथ ही राउत ने कहा था कि इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा के भी साथ हैं। इस बीच उद्धव ठाकरे की ओर से अपने समर्थक 15 विधायकों के पत्र पर विधायक राहुल पाटिल ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के पत्र में उन्हें 100 हाथियों की ताकत मिली है। पाटिल ने कहा कि शिवसेना स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे के शानदार विचारों की ढाल है। शिवसेना की वफादारी ही हमारा सब कुछ है। इस लड़ाई में हमें अपना ख्याल रखना चाहिए। विधायक राहुल पाटिल ने कहा कि परभणी जिले के शिवसेना कार्यकर्ता उनके साथ मजबूती से खड़े हैं।