Maharashtra Political Crisis : उद्धव ठाकरे सरकार पर मंडराए खतरे का बादल 

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Maharashtra Political Crisis : शिवसेना के 25 विधायकों के लापता होने से मुंबई से दिल्ली तक की सियासत में बढ़ी हलचल  

यह अपने आप में दिलचस्प है कि भले ही विधान परिषद चुनाव का प्रदेश सरकार पर कोई असर न पड़ता हो पर उद्धव सरकार(Uddhav Thackeray) के लिए ये Maharashtra चुनाव Maharashtra Political Crisis लेकर आये हैं। दरअसल राज्यसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग हुई है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ 25  विधायक लापता हैं। एकनाथ सिंधे के फोन से गुजरात भाषा में रिंगटोन सुनाई देने पर इन विधायकों के गुजरात में होने का अंदेशा लगाया जा जा रहा है। खबर यह भी आ रही है कि ये विधायक ला मेरिडियन होटल में ठहरे हुए हैं। उद्धव सरकार गिराने के लिए तो ये 25 विधायक पर्याप्त हैं पर बीजेपी को सरकार बनाने के साथ ही इन विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए शिवसेना के 38 विधायकों को होगा। हालांकि शिंदे के साथ विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी बताई जा रही है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने एकनाथ शिंदे के साथ 29 विधायकों के होने का दावा किया है। 

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वैसे भी पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस काफी समय से बोल रहे थे कि उनके संपर्क में शिवसेना के कई विधायक हैं। जब से उद्धव ठाकरे के साथ ही पार्टी प्रवक्ता संजय राउत बीजेपी के खिलाफ आक्रामक थे तब से भाजपा के उद्धव ठाकरे सरकार को अस्थिर करने का अंदेशा जताया जा रहा था। इस प्रकरण से उद्धव सरकार खतरे में आ गई है। यदि बीजेपी उद्धव सरकार को गिरा देती है तो फिर बनाएगी कैसे ? 

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वैसे बीजेपी विपक्षी पार्टियों को तोड़कर सरकार बनाती रही है। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट को कांग्रेस से तोड़कर भाजपा कमलनाथ सरकार को गिराकर शिवराज सरकार बना चुकी है। हालांकि आज भी महाराष्ट्र की राजनीति का महारथी शरद पवार को ही माना जाता है। 

 यह सरकार पर संकट ही है कि मुंबई में उद्धव ठाकरे शिवसेना विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं तो दिल्ली में  शरद पवार अपने और कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। 

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Uddhav Thackeray latest News : दरअसल सोमवार को विधान परिषद् की 10 सीटों के लिए चुनाव था। इस चुनाव में 134 वोट हासिल करने वाली बीजेपी ने 5 सीटें जीत ली हैं, जबकि उसके पास क्षमता सिर्फ 4 सदस्यों को ही जिताने की थी। बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में 123 वोट हासिल किये थे। इस बार उसके मुकाबले 11 वोट हासिल कर लिए हैं। यह अपने आप में दिलचस्प है कि चुनाव नतीजे आने से पहले से ही 25 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ लापता हो गए थे। 

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शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर किया जा रहा है पर वे लोग अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे। Uddhav Thackeray latest News यह है कि महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के बाद विधान परिषद् चुनाव में भी उद्धव सरकार को यह बड़ा झटका लगा है। शिवसेना के 25 का लापता होना इन चुनावों का साइड इफेक्ट बताया जा रहा है। इन बातों से एक नाथ शिंदे नाराज हो गए हैं।  क्रॉस वोटिंग के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि शिवसेना में एकनाथ शिंदे के साथ कई विधायक नाराज़ हैं। 

Maharashtra Upchunav में शिवसेना की हार के बाद स्थिति यह है कि एकनाथ शिंदे के साथ पालघर के विधायक श्रीनिवास वनगा, अलिबाग के विधायक महेंद्र दलवी, भिवंडी ग्रामीण के विधायक शांताराम मोरे भी हैं।  महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव में अघाड़ी गठबंधन में हार से नाराजगी केवल शिवसेना खेमे में नहीं है। कहा जा रहा है कि बाला साहेब थोराट विधानसभा में कांग्रेस दल के नेता के पद से इस्तीफा दे सकते हैं। 

दरअसल राज्य सभा चुनाव के बाद Maharashtra Upchunav में भी बीजेपी ने बड़ा उलटफेर करते हुए 10 में पांच सीटें जीतकर सत्तापक्ष को बड़ा झटका दिया है। यह जीत न केवल शिवसेना बल्कि कांग्रेस से क्रॉस वोटिंग हुई है। बीजेपी से जितने वाले श्रीकांत भारतीय को 30 वोट, राम शिंदे को भी 30 वोट, प्रवीण दरेकर को 29 वोट मिले हैं।  उमा खापरे को 28 वोट और प्रसाद लाड़ को 25 वोट मिले लेकिन दूसरी प्राथमिकता के आधार पर उन्हें विजय घोषित कर दिया गया। 

 उधर महाविकास अघाड़ी की ओर से शिवसेना के सचिन अहीर और अमाशा पाडवी जीते जबकि एनसीपी से एकनाथ खडसे और राम राजे नाइक निम्बालकर को जीत मिली। लेकिन कांग्रेस को यहां बड़ा झटका लगा। मैदान में उसके दो उम्मीदवार थे, जिनमें भाई जगताप तो जीत गए लेकिन चंद्रकांत हंडोरे को कांग्रेस के ही कुछ विधायकों ने झटका दे दिया। ऐसा दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस में करीब पांच विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।

Maharashtra Election News : उद्धव सरकार के बनाने और गिराने की बात की जाये तो विधायकों के आंकड़ों पर जाना होगा।  दरअसल एकनाथ शिंदे के साथ 25 विधायक बताये जा रहे हैं। 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 बनता है। ऐसे में यदि ये विधायक सरकार से अलग हो जाते हैं तो सरकार पर खतरा तो बन जायेगा पर इन विधायकों की सदस्यता पर भी खतरा पैदा हो जाएगा। उद्धव सरकार को 169 विधायकों का समर्थन हासिल है यदि 25  विधायक बाहर निकल जाते हैं तो उनके पास 144 विधायकों का समर्थन बचेगा, जो बहमत से एक कम है। विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए शिंदे के साथ 38 विधायकों का होना जरूरी है। हालांकि बीजेपी कांग्रेस के भी कुछ विधायक अपने साथ बता रही है।  

Maharashtra Election की बात करें तो एकनाथ शिंदे के समर्थक 25 विधायक हों या जिन कांग्रेस विधायकों के बारे में भाजपा संपर्क में होने का दावा कर रही है वे हों।Maharashtra Election News की माने तो मौजूदा स्थिति में तो विधायकों के अलग होने पर उनकी सदस्यता को खतरा है। अगर ये विधायक भाजपा में शामिल होते हैं तो, ऐसी स्थिति में भी इन पर दलबदल नियम के तहत कार्रवाई होगी और उनकी विधानसभा सदस्यता चली जाएगी। ऐसे में 288 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों का आंकड़ा 263 होगा और बहुमत का आंकड़ा 135 हो जाएगा। भाजपा के पास अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर कुल 113 विधायक हैं।  

हां अगर एकनाथ शिंदे के साथ 38 विधायक शिवसेना से अलग होकर भाजपा में शामिल होते हैं तो ऐसी स्थिति में Maharashtra Political Crisis पैदा हो सकता है। बीजेपी की सरकार भी बन जाएगी और विधायकों की सदस्यता भी बच जाएगी। क्योंकि दलबदल कानून के तहत जब मौजूदा विधायकों में से दो तिहाही सदस्य किसी अन्य दल में शामिल होते हैं या अन्य राजनीतिक दल बनाते हैं तो उन पर दलबदल कानून लागू नहीं होता। शिवसेना के पास कुल 56 विधायक हैं, इस तरह से दो तिहाई सदस्यों की संख्या 38 होती है। अगर शिवसेना के 38 विधायक भाजपा में शामिल होते हैं तो भाजपा का भाजपा का आंकड़ा 105 से 143 पहुंच जाएगा। अगर वह भाजपा में शामिल न होकर अलग पार्टी बनाकर भी एनडीए का समर्थन करते हैं तो भी एनडीए के विधायकों का कुल आंकड़ा जो अभी 113 है वह 38 बढ़कर 151 हो जाएगा।  इस तरह से एनडीए के पास राज्य विधानसभा में बहुमत होगा। मतलब बीजेपी अपनी सरकार बना लेगी। 

-चरण सिंह राजपूत 

 

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