पुराणों में हर नंदी नदी के किनारे हिंडन गर्भ ज्योतिर्लिंग का वर्णन मिलता है। जहां रावण के पिता विश्वशावा ने घोर तपस्या की थी। हिरण्य गर्भ ज्योतिर्लिंग ही दूधेश्वर महादेव मठ मन्दिर में जमीन से साढ़े तीन फीट नीचे स्थापित स्वयंभू दिव्य शिवलिंग है। दूधेश्वर नाथ मंदिर का मुख्य द्वार एक ही पत्थर को तराश कर बनाया गया है दरवाजे के बीच भगवान गणेश विद्यमान हैं महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को करना चाहते हैं प्रसन्न तो जरुर जाए गाजियाबाद के दुधेश्वर नाथ मंदिर में।