दरभंगा।वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी तथा सद्भाव मिशन नई दिल्ली के सौजन्य से बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ल. न. मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में स्थित श्यामा माई मन्दिर के निकट हज़ारों राहगीरों को दूध और रूहअफ़ज़ह का ठण्डा मीठा शरबत पिलाया गया और हज़ारों लोगों के बीच धरती की सुरक्षा व प्रेम सद्भाव के पर्चे बाँटे गये।
इस अवसर पर डब्ल्यूएनडी के अध्यक्ष व लेखक डॉ. जावैद अब्दुल्लाह ने कहा कि इस धरती की सबसे डरावनी और अनुपयोगी वस्तु नफ़रत है। जो व्यक्ति, परिवार, समाज और देश से लेकर पूरी दुनिया तक की बर्बादी का कारण बनती है। क्रोध या ग़ुस्सा नफ़रत की आग की पहली लकड़ी है। अगर प्रेम है मुहब्बत है, तो एक परिवार क्या पूरी दुनिया एक हथेली पर आ सकती है। एक दिल में समा सकती है।
वहीं घृणा और नफ़रत है, तो एक दिल, एक परिवार, एक देश और प्रान्त ही नहीं, पृथ्वी ग्रह तक परखच्चे उड़ा सकती है (दुनिया की कई ताक़तों ने इतना परमाणु भण्डार जमा कर लिया है)। इसलिये मैं कहता हूँ नागरिक किसी भी देश का हो, उसे अपनी सारी सरकारों के चुनाव से भी ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है उसके अपने मन का चुनाव के उसमें नफ़रत पलेगी या मुहब्बत?
आईआईटी दिल्ली के भूतपूर्व प्रोफ़ेसर और प्लाज़मा साइंटिस्ट रहे विपिन कुमार त्रिपाठी ने पर्चे में महात्मा गाँधी का ज़िक्र करते हुये दांडी मार्च के 94 वर्ष पूरे होने की याद दिलाई और बताया कि 12 मार्च से 5 अप्रैल 1930 तक महात्मा गाँधी जी के साथ 78 सत्याग्रहियों ने अहमदाबाद से समुद्र तट दांडी तक पैदल मार्च किया था।
दिनाँक 6 अप्रैल को गाँधी जी ने मुट्टीभर नमक उठाकर नमक क़ानून तोड़ा। उसी रोज़ देश में 50 लाख लोगों ने भी नमक क़ानून तोड़ा और एक इंक़लाब आ गया। ‘हरेक नफ़रत मिटाना है – धरती गगन बचाना है’; डब्ल्यूएनडी के इस नारे के साथ शरबत पिलाने वाले सेवादारों में सीएम कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. शशांक शुक्ल, समाज विज्ञान के सहायक प्राध्यापक मयंक श्रीवास्तव, महात्मा गाँधी सेन्ट्रल युनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर मनीष कुमार त्रिगुणायत, सामाजिक कार्यकर्ता सुशील कुमार चौधरी, सूर्यकांत सिंह, राजनाथ पंडित, मैथिली शोधार्थी, शाश्वत मिश्र आदि लोग मौजूद थे। बुद्ध पूर्णिमा और प्रेम सद्भाव के इस पावन कार्य के लिये प्रो. विद्यानाथ झा, अजीत कुमार मिश्र, नारायण जी चौधरी, बाल कल्याण समिति की पूर्व सदस्या इन्दिरा कुमारी एवं सलाहकार समिति की सदस्या आतिका महजबीं ने हृदयतल से शुभकामनाएँ दीं।