चरण सिंह
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण मामले में आंदोलित पहलवानों का समर्थन मिल चुका है। उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि अब किसानों का समर्थन भी उन्हें मिल जाएगा। अंतरराष्ट्रीय पहलवान बजरंग पूनिया ने एक वीडियो जारी कर चंद्रशेखर आजाद को अपना समर्थन दिया है और लोगों से चंद्रशेखर आजाद को जिताने की अपील की है। बजरंग पूनिया ने इस वीडियो में कहा है कि वह हर अन्याय के खिलाफ उठने वाली आवाज का साथ देते हैं।
उन्होंने कहा कि पहलवानों के आंदोलन के साथ ही किसानों के आंदोलन में भी उन्होंने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। उम्मीद जताई जा रही है कि बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक जल्द ही चंद्रशेखर आजाद के चुनाव प्रचार में जा सकते हैं। ऐसे ही किसानों का साथ भी चंद्रशेखर आजाद को मिल सकता है। हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरुनाम चढूनी और उत्तर प्रदेश किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत चंद्रशेखर आजाद को समर्थन देने की घोषणा कर सकते हैं।
दरअसल उत्तर प्रदेश में वैसे तो 80 सीटें हैं पर सबसे अधिक चर्चा आज की तारीख में जनपद बिजनौर की नगीना लोकसभा सीट की हो रही है। इस सीट की चर्चा होने का कारण यहां से आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद का चुनाव लड़ना है। चंद्रशेखर आजाद लड़ने वाले तो इंडिया गठबंधन से थे पर ऐन वक्त पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इन्हें ठेंगा दिखा दिया और अब इन्हें अपने दम पर चुनाव लड़ना पड़ रहा है। भले ही चंद्रशेखर आजाद को इंडिया गठबंधन ने दरकिनार कर दिया हो पर नगीना से वह जबरदस्त चुनाव लड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि उनकी टक्कर सीधी बीजेपी प्रत्याशी ओम कुमार से होने जा रही है।
देखने की बात यह भी है कि बसपा मुखिया मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को इन चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया है। उन्होंने पहली चुनावी सभा नगीना में ही की। आकाश आनंद ने चंद्रशेखर आजाद पर हमला बोलते हुए कहा कि यह व्यक्ति हमारे समाज के युवाओं को बरगलाकर आंदोलन में ले जाता है और उन पर मुकदमे दर्ज करवा देता है। मुकदमे दर्ज होने से इन युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। इन लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। जब चंद्रशेखर आजाद से आकाश आनंद के आरोप पर पूछा गया तो उन्होंने आकाश आनंद को अपना छोटा भाई कहा। मतलब वह सधी हुई राजनीति कर रहे हैं। नगीना लोकसभा सीट पर चंद्रशेखर आजाद के अकेले चुनाव लड़ने के बावजूद उनकी सभाओं में अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही है। इंडिया गठबंधन के उन्हें धोखा देने की वजह से उन्हें लोगों को सहानुभूति भी मिल रही है।
चंद्रशेखर आजाद को आने वाला दलितों का नेता माना जा रहा है। चंद्रशेखर आजाद मायावती को बड़ा पेड़ और खुद को छोटा पेड़ बताकर आने वाले समय में बसपा के खिलाफ खतरा होने का संकेत दे रहे हैं। मायावती का खुलकर बीजेपी के खिलाफ न आना और चंद्रशेखर आजाद का बीजेपी के सामने न झुकना चंद्रशेखर आजाद को अपने आप बड़ा नेता बना रहा है। वैसे भी खुद चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि जयंत चौधरी उन्हें भी एनडीए में ले जाना चाहते थे पर उन्होंने जाने से इनकार कर दिया। ऐसे में चंद्रशेखर आजाद को सत्ता का भूखा न मानकर एक संघर्षशील नेता माना जा रहा है।
दरअसल नगीना लोकसभा सीट पर सात लाख मुसलमान और तीन लाख दलित हैं। बसपा के बीजेपी के बी टीम प्रचारित होने के चलते मुस्लिमों और दलितों का रुझान चंद्रशेखर आजाद की ओर देखा जा रहा है। नगीना में मुस्लिमों को बीजेपी का प्रत्याशी हराने वाला प्रत्याशी चंद्रशेखर आजाद नजर आ रहा है। इसलिए मुस्लिमों और दलितों का अधिकतर वोट चंद्रशेखर आजाद को मिलने की संभावना है। अब देखना यह होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।