डोरंडा ट्रेजरी केस 1996 में मामला दर्ज हुआ था। इसमें 10 महिलाएं भी आरोपी हैं। वहीं मामले में चार राजनीतिज्ञ, चार अधिकारी, लेखा कार्यालय के छह, 31 पशुपालन पदाधिकारी स्तर के भी लोग शामिल हैं।
द न्यूज 15
पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में डोरंडा कोषागार मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद सोमवार को उनकी सजा पर फैसला सुनाया गया। बता दें कि RJD नेता लालू प्रसाद यादव को रांची की CBI अदालत ने पांचवे चारा घोटाला मामले में 5 साल कैद की सज़ा सुनाई है। साथ ही उनपर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं इससे पहले 15 फरवरी को लालू यादव समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया था।
बता दें कि लालू यादव अभी रिम्स में भर्ती हैं। वहीं सजा के ऐलान के वक्त उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालती कार्रवाई में हिस्सा लिया। इससे पहले रविवार को लालू यादव की स्वास्थ्य जांच की गई थी। सजा के ऐलान से पहले लालू यादव के वकील ने उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए कोर्ट से कम सजा देने की अपील की थी।
गौरतलब है कि बीते 15 फरवरी को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी ठहराए गए लोगों में से 36 को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा 24 लोगों को बरी कर दिया गया था। वहीं लालू प्रसाद यादव को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के अलावा षड्यंत्र से जुड़ी धारा 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) में दोषी पाया था। बरी होने वाले लोगों में: राजेंद्र पांडेय, राम सेवक, ऐनल हक़, साकेत बिहारी लाल, दीनानाथ सहाय, मो हुसैन, कलशमनी कश्यप, बलदेव, सनाउल हक़, साहू रंजित सिन्हा, अनिल सिन्हा, अनिता प्रसाद, रमावतार शर्मा, चंचल सिन्हा, रामशंकर सिंह, बसंत सिन्हा, क्रांति सिंह, मधु मेहता शामिल हैं।
क्या है मामला: बता दें कि यह मामला लगभग 23 साल पुराना है। 1990 से 1995 के बीच झारखंड के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में सीबीआई विशेष अदालत में 29 जनवरी को बहस पूरी कर ली थी।
इससे पहले चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में लालू प्रसाद को करीब 14 साल की सजा सुनाई जा चुकी थी। ये मामले दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार(दो मामले) से पैसे निकासी से जुड़े थे। वहीं अब डोरंडा कोषागार मामले में उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई है।
दोषी करार दिए जाने पर सुशील मोदी ने क्या कहा था: सजा के ऐलान से पहले लालू यादव के दोषी करार दिए जाने पर बिहार के पूर्व डिप्टी CM व BJP नेता सुशील कुमार मोदी ने निशाना साधते हुए कहा था कि पटना हाईकोर्ट की निगरानी में अगर जांच न होती तो ये कभी सामने नहीं आता। जैसी करनी वैसी भरनी।
बता दें कि लालू यादव अभी रिम्स में भर्ती हैं। वहीं सजा के ऐलान के वक्त उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालती कार्रवाई में हिस्सा लिया। इससे पहले रविवार को लालू यादव की स्वास्थ्य जांच की गई थी। सजा के ऐलान से पहले लालू यादव के वकील ने उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए कोर्ट से कम सजा देने की अपील की थी।
गौरतलब है कि बीते 15 फरवरी को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी ठहराए गए लोगों में से 36 को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा 24 लोगों को बरी कर दिया गया था। वहीं लालू प्रसाद यादव को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के अलावा षड्यंत्र से जुड़ी धारा 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) में दोषी पाया था। बरी होने वाले लोगों में: राजेंद्र पांडेय, राम सेवक, ऐनल हक़, साकेत बिहारी लाल, दीनानाथ सहाय, मो हुसैन, कलशमनी कश्यप, बलदेव, सनाउल हक़, साहू रंजित सिन्हा, अनिल सिन्हा, अनिता प्रसाद, रमावतार शर्मा, चंचल सिन्हा, रामशंकर सिंह, बसंत सिन्हा, क्रांति सिंह, मधु मेहता शामिल हैं।
क्या है मामला: बता दें कि यह मामला लगभग 23 साल पुराना है। 1990 से 1995 के बीच झारखंड के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में सीबीआई विशेष अदालत में 29 जनवरी को बहस पूरी कर ली थी।
इससे पहले चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में लालू प्रसाद को करीब 14 साल की सजा सुनाई जा चुकी थी। ये मामले दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार(दो मामले) से पैसे निकासी से जुड़े थे। वहीं अब डोरंडा कोषागार मामले में उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई है।
दोषी करार दिए जाने पर सुशील मोदी ने क्या कहा था: सजा के ऐलान से पहले लालू यादव के दोषी करार दिए जाने पर बिहार के पूर्व डिप्टी CM व BJP नेता सुशील कुमार मोदी ने निशाना साधते हुए कहा था कि पटना हाईकोर्ट की निगरानी में अगर जांच न होती तो ये कभी सामने नहीं आता। जैसी करनी वैसी भरनी।