2015 में लालू प्रसाद ने मोहन भागवत के आरक्षण पर दिए बयान पर कर दिया था खेल
कांग्रेस 2004 के बीजेपी के साइनिंग इंडिया के नारे की तरह अबकी बार 400 के पार नारे की हवा निकालने में लगी है
बिहार में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी सभा में लालू प्रसाद पर जमकर हमला बोल रहे हैं। ऐसे में चारों से घिरते देख लालू प्रसाद ने 2015 की तरह ही भाजपा पर हमलावर रुख अपनाया है। दरअसल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरक्षण संघ प्रमुख मोहन भागवत का समीक्षा संबंधी बयान लालू का हथियार बनाया था। इसका फायदा भी राजद को मिला भी था। वह मोहन भागवत के बयान पर लालू प्रसाद का जवाब ही था कि 2015 में बिहार में जदयू-आरजेडी ने सरकार बना ली थी। इस बार भी लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के ठीक पहले लालू ने संविधान पलटने की कोशिश का आरोप भाजपा को ग घेरा है।
लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि भाजपा के नेता लगातार संविधान बदलने और समाप्त करने की बात कर रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ न प्रधानमंत्री और न भाजपा का शीर्ष नेता ही कोई कार्रवाई कर रहा है। उल्टे उन्हें चुनाव लड़वाया जा रहा है। संविधान को बदल कर भाजपा इस देश से समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, सामाजिक न्याय और आरक्षण खत्म करना चाहती है। लोगों को आरएसएस और पूंजीपतियों का गुलाम बनाना इनका मकसद है। संविधान की ओर किसी ने आंख उठा कर भी देखा तो इस देश के दलित, पिछड़े और गरीब लोग मिलकर भाजपा नेताओं की आंख निकाल लेंगे।
दूसरी ओर राहुल गांधी की कोशिश है कि जिस तरह 2004 में एनडीए की वाजपेयी सरकार चुनाव में हारी थी, उसी तरह वे 2024 में मोदी सरकार वाली एनडीए को हरा दें। जबकि भाजपा की कोशिश है कि 2014 और 2019 से आगे 2024 में उसे 400 सीटें हासिल कर ले।