जानिए, बीमा भारती को पटखनी देने वाले कौन हैं बाहुबली शंकर सिंह!

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 नीतीश-तेजस्वी के साथ पप्पू यादव भी नहीं लगा पाए अंदाजा

 विधानसभा उपचुनाव

दीपक कुमार तिवारी

पटना । बिहार की एकमात्र रुपौली (पूर्णिया) सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत हासिल की है। उन्होंने एनडीए-जदयू के प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को आठ हजार से ज्यादा वोटों से हराया। सभी 13 राउंड की गिनती पूरी होने के बाद शंकर सिंह को 68,070 वोट मिले, जबकि जदयू प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को 59,824 वोट मिले और वह 8,246 मतों से हार गये। राजद की प्रत्याशी और पूर्व विधायक बीमा भारती को सिर्फ 30,619 मत मिले। मतगणना के दौरान छह राउंड तक जदयू के प्रत्याशी कलाधर मंडल ने बढ़त बनाकर रखी, लेकिन सातवें राउंड की गिनती में निर्दलीय शंकर सिंह आगे निकल गये और अंत तक इसे कायम रखा। बीमा भारती शुरू से ही काफी पीछे रहीं। इस चुनाव में कुल 11 प्रत्याशी मैदान में थे।
बाहुबली कहे जाने वाले शंकर सिंह की ये पहली जीत नहीं है। शंकर सिंह ने तब की रामविलास पासवान वाली लोजपा की टिकट पर रूपौली में 2005 में जीत दर्ज की थी। उस वक्त शंकर सिंह ने आरजेडी और एनडीए को हराया था। एक बार फिर उस जीत को दोहराया है। सामने प्रत्यक्ष दुश्मन के तौर पर एनडीए और आरजेडी ही थी। शंकर सिंह ने 2005 वाली शक्ति का प्रयोग एक बार फिर किया। जमीन से जुड़े और लोगों के बीच जाकर अपील की। लोगों ने शंकर सिंह को भारी मतों से विजयी बना दिया। इस बार शंकर सिंह को चिराग पासवान ने भी टिकट नहीं दिया। एनडीए के समझौते के तहत ये सीट जेडीयू के पाले में चली गई। शंकर सिंह निर्दलीय मैदान में उतरे और अपने पुराने इतिहास को दोहरा दिया।
शंकर सिंह ने चुनाव शुरू होने से पहले ही जनसंपर्क अभियान शुरू किया। लोगों को जेडीयू उम्मीदवार कलाधर मंडल और आरजेडी उम्मीदवार बीमा भारती की सच्चाई बतानी शुरू की। इलाके से मिल रही जानकारी के मुताबिक बीमा भारती से लोग गुस्सा थे। जेडीयू उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे। बीमा भारती को तीसरे स्थान पर जगह मिली। 5 बार विधायक रहने वाली बीमा भारती ने सोचा नहीं होगा कि उनकी ये गत होगी। उन्हें तीसरा स्थान मिलेगा। शंकर सिंह ने लड़ाई को दिल पर ले लिया था। उन्होंने कलाधर मंडल को हराकर लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों को सियासी सबक देने का काम किया है।
शंकर सिंह स्थानीय स्तर पर काफी लोकप्रिय हैं। लोगों के सुख-दुख में बराबर के भागीदार रहते हैं। ध्यान रहे कि बीमा भारती के पति अवधेश मंडल भी बाहुबली हैं। 2005 को छोड़ दिया जाए, तो बीमा भारती हमेशा शंकर सिंह पर भारी पड़ीं, लेकिन इस बार मामला उल्टा पड़ गया।
रूपौली विधानसभा उपचुनाव में जीत का परचम लहराने वाले शंकर सिंह निर्दलीय चुनाव लड़े थे। उनकी छवि इलाके में बाहुबली नेता की है। वो इलाके में लिबरेशन आर्मी नाम का एक गिरोह चलाते हैं। चुनाव आयोग को दिए गए अपने हलफनामे में शंकर सिंह के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा के तहत 19 आपराधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। 2005 में उन्होंने रामविलास पासवान की पार्टी से हाथ मिलाया था। उस दौरान उन्हें जीत मिली थी। हालांकि, वो ज्यादा दिन तक विधायक नहीं रहे, क्योंकि दोबारा चुनाव हो गया। राजपूत जाति से आने वाले शंकर सिंह की गंगौता समाज से आने वाली बीमा भारती से सीधी लड़ाई मानी जा रही थी। दोनों में पहले से सियासी लड़ाई जारी रही है। शंकर सिंह अपने इलाके के लोगों की समस्या दूर करने के लिए भी जाने जाते हैं। समाज में अपनी छवि को समाजसेवी की तरह बनाकर रखा है।
रूपौली विधानसभा उपचुनाव में शंकर सिंह को सबसे ज्यादा वोट दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पैतृक गांव से मिला है। शंकर सिंह को मलडीहा गांव से भर-भर के वोट मिले हैं। शंकर सिंह ने चुनाव जीतने के बाद साफ कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत के गांव पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि सुशांत सिंह सबके चहेते अभिनेता थे। सुशांत सिंह के गांव और पूरे इलाके का विकास उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा। सुशांत सिंह के आस-पास के गांव का विकास भी किया जाएगा। उसके अलावा सुशांत सिंह के गांव में उसकी एक प्रतिमा जरूर लगाई जाएगी।

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