Kisan Andolan : किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ सामने पेश की बड़ी चुनौती

0
110
Spread the love
चरण सिंह 

भले ही विपक्ष भारतीय जनता पार्टी के सामने न टिक पा रहा हो पर किसानों ने फिर से केंद्र सरकार के सामने बड़ी चुनौती पेश कर दी है। 13 महीने दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर केंद्र सरकार को झुकाने वाले संयुक्त किसान मोर्चे ने फिर से आंदोलन करने की हुंकार भरी है। इस बार किसानों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए एमएसपी गारंटी कानून, किसानों की कर्जमाफी, पेंशन, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने समेत कई मांगें रखी हैं।
भले ही संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन 16तारीख को हो पर किसानों ने 13 तारीख को ही शंभु बॉर्डर पर हंगामा कर दिया। किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुईं। आंसू गैस के गोले दागे गये। पानी की बौछारें छोड़ी गईं। किसानों ने भी जवाब में पत्थरबाजी की। दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है। मतलब सीधा सा है कि भले ही विपक्ष के नेताओं के केंद्र सरकार ने झुका रखा हो पर किसानों को दबाने में सरकार कामयाब नहीं हो पा रही है। जिस तरह से लोकसभा चुनाव सिर पर है ऐसे में यदि किसान आंदोलन लंबा खींच जाता है तो भारतीय जनता पार्टी को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। बीजेपी ने जितना माहौल राम मंदिर निर्माण से बनाया है। उस माहौल को किसान आंदोलन धूमिल कर सकता है। ऐसे में विपक्ष भी किसान आंदोलन को बढ़ावा देना चाहेगा। वैसे भी 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा ओैर ट्रेड यूनियनों का संयुक्त आंदोलन है। देशभर में आंदोलन की पूरी तैयारी चल रही है।

किसानों के दिल्ली चलो मार्च की वजह से सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। देर रात तक केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक चली। सरकार ने आंदोलन पर अड़े अन्नदाताओं को समझाने की हर संभव कोशिश की लेकिन 5 घंटे से ज्यादा चली बैठक भी बेनतीजा रही। उसके बाद किसान नेताओं ने आर-पार की जंग का ऐलान करते हुए कह दिया कि दिल्ली कूच होकर रहेगा. गाजीपुर, सिंघु, शंभू, टिकरी समेत सभी बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. वहीं, पुलिस ने भी साफ कर दिया है कि, किसानों की आड़ में उपद्रवियों ने अगर कानून व्यवस्था में खलल डालने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

 

शंभू बॉर्डर पर दागे गए आंसू गैस के गोले 

 

अगर आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं तो आज आपके लिए इम्तिहान का दिन है. पंजाब. हरियाणा और यूपी से किसान दिल्ली आने लगे हैं. इसकी वजह से दिल्ली से सटी तमाम सीमाओं पर ट्रैफिक जाम लग गया है. दरअसल न्यूनतम समर्थन मूल्य अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन की ये नई किश्त है. किसानों को मनाने के लिए सोमवार को करीब पांच घ्ंटे लंबी वार्ता चली. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा इस बैठक में शामिल थे. लेकिन किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी चाहते थे. इसी पर बात बिगड़ गई। उसके बाद किसान नेताओं ने आर-पार की जंग का ऐलान करते हुए कह दिया कि, दिल्ली कूच होकर रहेगा। गाजीपुर, सिंघु, संभू, टिकरी समेत सभी बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।  वहीं, पुलिस ने भी साफ कर दिया है कि किसानों की आड़ में उपद्रवियों ने अगर कानून व्यवस्था में खलल डालने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here