किरतपुर पुलिस सट्टोरियों पर मेहरबान

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द न्यूज 15 ब्यूरो 

किरतपुर। शहर में सट्टे का अवैध कारोबार तेजी के साथ फल फूल रहा है। गली मौहल्लों में युवा वर्ग खुलेआम सट्टा खेल रहे हैं, जिससे युवा पीढी बर्बादी के कगार पर खडी है। तेजी से फल फूल रहे है अवैध सट्टे को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पुलिस की संलिप्ता जाहिर होती है, यही वजह है कि खाईबाड बेखौफ हैं और पूरे शहर में मकड जाल की तरह सट्टा फल फूल रहा है। इससे लगता है जैसे पुलिस की मिली भगत से हर गली मौहल्ले में सट्टे का अवैध कारोबार व्यापार की तरह चल रहा है। सट्टे के अवैध कारोबार में गरीब-मजदूर पिस रहा है। क्योंकि मजदूर तबका दुगनी के चक्कर में अपनी मेहनत की गाढी कमाई सट्टा व जूआ में लगा देता है सट्टे की लत के कारण गरीब मजदूर बर्बादी की कगार पर हैं। पुलिस है कि हाथ पे हाथ धरे बैठी है। सूत्र बताते हैं कि सट्टा व जुआ खेलने वालों से पुलिस को मोटी कमाई हो रही है। कस्बा सिपाहियों की सटोरियों में गहरी घुसपैठ है। दो वक्त की रोटी कमाने वाला गरीब इस सट्टे के व्यापार में मरता जा रहा है। सट्टा लेने वाले स्टोरियों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि पुलिस इन पर हाथ डालते हुये कतराती है। पुलिस खाईबाड के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती है। बल्कि कभी-कभी पुलिस बदनामगी के डर से छोटे मोटे छुटभय्या सटोरियों को पकडकर इतिश्री कर लेती है। ताकि सट्टा विरोधी अभियान छोटे मोटे सटोरी फंस जाते हैं और बडे खाईबाड बच निकलते हैं। खाईबाडियों के खिलाफ कोई कार्यवाही करने से पहले ही खाईबाड को पुलिस कार्यवाही से अवगत हो जाता है। सट्टा का अवैध कारोबार करने वालों की थाने में मजबूत पकड़ के कारण सट्टा का व्यापर तेजी से चल रहा है। भले ही पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा सट्टे के अवैध कारोबार व खाईबाड के खिलाफ कितने ही सख्त क्यों ना हो, परन्तु किरतपुर थाने की कस्बा पुलिस पर सख्ती का कोई असर नहीं पड रहा है। देखते हैं कि कस्बा पुलिस स्टोरियों और उनको संरक्षण देने वालों पर कब तक मेहरबान रहती है।

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