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योगी के कैबिनेट से केशव प्रसाद मौर्य की हो सकती है छुट्टी ?

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चरण सिंह
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच चल रहा विवाद बड़ा रूप ले रहा है। जानकारी मिल रही है कि योगी आदित्यनाथ जो अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने जा रहे हैं, उसमें केशव प्रसाद मार्य के लिए कोई जगह नहीं होगी। केशव प्रसाद मौर्य उप मुख्यमंत्री से हटाये जा रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि केशव प्रसाद मौर्य योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अपने दम पर तो मोर्चा नहीं खोल सकते हैं। उनके सिर पर गृहमंत्री अमित शाह का हाथ बताया जा रहा है।
तो क्या योगी आदित्यनाथ गृहमंत्री अमित शाह से पंगा लेने जा रहे हैं ? क्या केशव प्रसाद मौर्य को मंत्रिमंडल से बेदखल करना अमित शाह बर्दाश्त कर पाएंगे ? या फिर केशव प्रसाद मौर्य को संगठन में कोई बड़ा पद मिलने वाला है। क्या केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं ? क्या बीजेपी दलित नेता केशव प्रसाद मौर्य को संगठन का कार्यभार सौंप सकती है। वैसे भी जेपी नड्डा के बाद जो भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाएंगे उनके नाम पर आरएसएस की सहमति जरूर होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अपने दम पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन नहीं कर सकते हैं। वैसे भी जेपी नड्डा को मोदी के मंत्रिमंडल में जगह मिलने पर उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने रहने को औचित्य नहीं है।
यदि योगी आदित्यनाथ केशव प्रसाद मौर्य को अपने मंत्रिमंडल में जगह नहीं देते हैं और उनके केशव प्रसाद मौर्य को साइड लाइन करने में केंद्रीय नेतृत्व की सहमति नहीं होती है तो फिर बीजेपी में बड़ा बवाल मचने से कोई नहीं रोक पाएगा। इसका मतलब यह माना जाएगा कि योगी आदित्यनाथ गृहमंत्री अमित शाह को खुली चुनौती देने वाले हैं। क्या मोदी के बाद प्रधानमंत्री कौन की लड़ाई बीजेपी में बड़ा रूप ले रही है। क्या इस लड़ाई में अमित शाह योगी आदित्यनाथ को उलझा देंगे ? क्या योगी आदित्यनाथ अमित शाह पर भारी पड़ जाएंगे ? यदि योगी आदित्यनाथ और अमित शाह के बीच यह लड़ाई जोर पकड़ती है अमित शाह को बैक फुट पर जाना पड़ेगा। इसकी बड़ी वजह योगी आदित्यनाथ के साथ आरएसएस और बड़े स्तर पर जनसमर्थन का होना है।
जगजाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह कभी भी योगी आदित्यनाथ को पचा नहीं पाए हैं। २०१७ में तत्कालीन गाजीपुर के सांसद मनोज सिन्हा का नाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए फाइनल हो चुका था। आरएसएस के हस्तक्षेप औेर योगी आदित्यनाथ के शक्ति प्रदर्शन के बाद योगी आदित्यनाथ बीजेपी के मुख्यमंत्री बने थे। २०२२ में भी केशव प्रसाद मौर्य का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में चल रहा था पर केशव प्रसाद मौर्य अपनी सीट निकाल ही नहीं बनाए। ऐसे में उनके हार के बावजूद उन्हें डिप्टी सीएम बना दिया गया था। बिना जीते डिप्टी सीएम बनने औेर उसके बाद योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोलने से योगी आदित्यनाथ बहुत नाराज हैं।